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नवरात्रि का दूसरा दिन आज: जानें मां ब्रह्मचारिणी की पूजा विधि, मुहूर्त, मंत्र, भोग, पुष्प, शुभ रंग व आरती

Maa brahmacharini Puja: नवरात्रि के दूसरे दिन मां बह्मचारिणी की पूजा का विधान है। मान्यता है कि मां ब्रह्मचारिणी की विधि-विधान से पूजा करने से मन की एकाग्रता बढ़ती है और कार्यों में सफलता मिलती है। जानें मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की विधि, मुहूर्त, शुभ रंग, मंत्र व भोग आदि जरूरी बातें।

Saumya Tiwari लाइव हिन्दुस्तानTue, 23 Sep 2025 05:03 AM
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नवरात्रि का दूसरा दिन आज: जानें मां ब्रह्मचारिणी की पूजा विधि, मुहूर्त, मंत्र, भोग, पुष्प, शुभ रंग व आरती

Navratri 2nd Day 2025, Maa Brahmacharini: शारदीय नवरात्रि का दूसरा दिन 23 सितंबर, मंगलवार को है। नवरात्रि के दूसरे दिन मां दुर्गा के द्वितीय स्वरूप मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है। मां ब्रह्मचारिणी को ज्ञान व तप की देवी कहा जाता है। मां के स्वरूप की बात करें तो मां ब्रह्मचारिणी सफेद साड़ी धारण करती हैं और उनके दाएं हाथ में माला और बाएं हाथ में कमंडल है। मान्यता है कि मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से व्यक्ति को आदि और व्याधि रोगों से मुक्ति मिलती है। मां के इस स्वरूप की पूजा करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और आलस्य, अंहकार, लोभ, असत्य, स्वार्थ व ईर्ष्या जैसी दुष्प्रवृत्तियां दूर होती हैं। जानें मां ब्रह्मचारिणी की पूजा विधि, मुहूर्त, भोग, मंत्र, पुष्प व शुभ रंग।

मां ब्रह्मचारिणी पूजा विधि: सबसे पहले सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान आदि करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें। फिर पूजा स्थल पर गंगा जल छिड़ककर स्थान को शुद्ध करें। अब घर के मंदिर में दीपक जलाएं। मां दुर्गा को अक्षत, सिंदूर व लाल पुष्प अर्पित करें। अब माता रानी को भोग लगाएं। धूप और दीपक जलाकर दुर्गा चालीसा का पाठ करें और फिर माता रानी की आरती करें।

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मां ब्रह्मचारिणी पूजा मुहूर्त:

ब्रह्म मुहूर्त- सुबह 04:35 बजे से सुबह 05:22 बजे तक।

अभिजित मुहूर्त- सुबह 11:49 बजे से दोपहर 12:37 बजे तक।

विजय मुहूर्त- दोपहर 02:14 बजे से दोपहर 03:03 बजे तक।

गोधूलि मुहूर्त- शाम 06:16 बजे से शाम 06:40 बजे तक।

अमृत काल- सुबह 07:06 से सुबह 08:51 बजे तक।

मां ब्रह्मचारिणी बीज मंत्र: नवरात्रि के दूसरे दिन मां बह्मचारिणी को प्रसन्न करने के लिए बीज मंत्र ह्रीं श्री अम्बिकायै नम: और साधना मंत्र: ऊँ ऐं ह्रीं क्लीं ब्रह्मचारिण्यै नम: का कम से कम 108 बार जाप करना चाहिए।

मां ब्रह्मचारिणी प्रिय रंग: नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी को बर्फी, चीनी, खीर और पंचामृत का भोग लगा सकते हैं।

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मां ब्रह्मचारिणी शुभ रंग व पुष्प: मां ब्रह्मचारिणी को सफेद रंग अतिप्रिय हैं। मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए इस दिन सफेद रंग के पुष्प अर्पित करना चाहिए।

मां ब्रह्मचारिणी की आरती-

जय अंबे ब्रह्माचारिणी माता।

जय चतुरानन प्रिय सुख दाता।

ब्रह्मा जी के मन भाती हो।

ज्ञान सभी को सिखलाती हो।

ब्रह्मा मंत्र है जाप तुम्हारा।

जिसको जपे सकल संसारा।

जय गायत्री वेद की माता।

जो मन निस दिन तुम्हें ध्याता।

कमी कोई रहने न पाए।

कोई भी दुख सहने न पाए।

उसकी विरति रहे ठिकाने।

जो तेरी महिमा को जाने।

रुद्राक्ष की माला ले कर।

जपे जो मंत्र श्रद्धा दे कर।

आलस छोड़ करे गुणगाना।

मां तुम उसको सुख पहुंचाना।

ब्रह्माचारिणी तेरो नाम।

पूर्ण करो सब मेरे काम।

भक्त तेरे चरणों का पुजारी।

रखना लाज मेरी महतारी।

डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

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