Hindi Newsधर्म न्यूज़Shardiya Navratri 2025 from 22 September: Kalash Sthapana Auspicious Timings Puja Vidhi and Significance
22 सितंबर से नवरात्रि, जाने कलश स्थापना टाइम से लेकर सभी जरूरी जानकारियां

22 सितंबर से नवरात्रि, जाने कलश स्थापना टाइम से लेकर सभी जरूरी जानकारियां

संक्षेप: नवरात्रि में, मां दुर्गा के नौ अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है, और हर दिन का अपना एक विशेष महत्व होता है। यह नौ दिन का त्योहार भारत में बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। शारदीय नवरात्रि की शुरुआत 22 सितंबर सोमवार से हो रही है। इस बार चतुर्थी तिथि दो दिन होने के कारण नवरात्रि 10 दिन की है।

Sat, 20 Sep 2025 12:03 PMYogesh Joshi लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्ली
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Shardiya Navratri 2025 : नवरात्रि में, मां दुर्गा के नौ अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है, और हर दिन का अपना एक विशेष महत्व होता है। यह नौ दिन का त्योहार भारत में बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। शारदीय नवरात्रि की शुरुआत 22 सितंबर सोमवार से हो रही है। इस बार चतुर्थी तिथि दो दिन होने के कारण नवरात्रि 10 दिन की है। शारदीय नवरात्र पर मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा-अर्चना की जाती है। इस बार शारदीय नवरात्र में मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आएंगी। देवी का गजवाहन आगमन सुख-समृद्धि का प्रतीक माना जाता है और मां दुर्गा भक्तजनों के कंधे यानी नरवाहन पर सवार होकर इस बार विदा होगी।

नवमी 1 अक्टूबर को और दशहरा 2 अक्टूबर को

इस बार शारदीय नवरात्रि 10 दिनों की होगी। इस बार चतुर्थी तिथि दो दिनों तक रहेगी जिस कारण नवमी 01 अक्टूबर को होगी, और 02 अक्टूबर को दशहरा यानी विजयादशमी मनाई जाएगी।

नवरात्रि घटस्थापना (कलश स्थापना) मुहूर्त- 22 सितंबर को घटस्थापना या कलश स्थापना करने के लिए उत्तम मुहूर्त सुबह 6:10 बजे से लेकर 8:06 बजे तक। यह लगभग 1 घंटा 56 मिनट का अवधि है, जिसे मुख्य मुहूर्त माना गया है। दूसरा शुभ मुहूर्त अभिजीत मुहूर्त है सुबह 11:50 बजे से दोपहर 12:39 बजे तक रहेगा।

घटस्थापना या कलश स्थापना क्या हैः

घटस्थापना, जिसे कलश स्थापना भी कहा जाता है, नवरात्रि के प्रथम दिन होती है। एक पवित्र कलश (घट) या मटके जैसा पात्र स्थापित किया जाता है, जिसमें देवी दुर्गा की ऊर्जा या शक्ति (शक्ति) को आमंत्रित किया जाता है। यह कलश देवी के रूप और ब्रह्मांड के प्रतीक के रूप में होता है।

कलश स्थापना की सामग्री

कलश (घट)- साफ मिट्टी का या तांबे/प्लास्टिक का। जल (पवित्र पानी), तिल, सिक्के, सुपारी, आम के पत्ते और नारियल, लाल कपड़ा या कोई शुभ वस्त्र, पूजा चाटी, दीपक, पान, मिश्री एवं अक्षत (चावल) आदि।

कलश स्थापना विधि-

पूजा स्थान को साफ करें, झाड़ू लगाएं, गंगाजल या किसी पवित्र जल से छिड़काव करें।

एक छोटी चौकी लगाएं, ऊपर लाल वस्त्र बिछाएं।

कलश को चौकी पर रखें, उसमें जल भरें, सुपारी और सिक्के डालें।

कलश के मुंह पर आम के पत्ते चारों ओर सजाएं।

कलश के ऊपर नारियल रखें, जो लाल कपड़े में लिपटा हो।

देवी दुर्गा, शक्ति, या दुर्गा स्वरूप की आराधना करें।

नवरात्रि के नौ दिन:

दिन 1 – 22 सितंबर प्रतिपदा शैलपुत्री मां की पूजा।

दिन 2 – 23 सितंबर द्वितीया ब्रह्मचारिणी मां की पूजा।

दिन 3 – 24 सितंबर तृतीया चंद्रघंटा मां की पूजा।

दिन 4 – 25 सितंबर चतुर्थी कूष्मांडा मां की पूजा।

दिन 5 – 26 सितंबर पंचमी स्कंदमाता मां की पूजा।

दिन 6 – 27 सितंबर षष्ठी कात्यायनी मां की पूजा।

दिन 7 – 28 सितंबर सप्तमी कालरात्रि मां की पूजा।

दिन 8 – 29 सितंबर अष्टमी महागौरी मां की पूजा।

दिन 9 – 30 सितंबर नवमी सिद्धिदात्री मां की पूजा।

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Yogesh Joshi

लेखक के बारे में

Yogesh Joshi
योगेश जोशी हिंदुस्तान डिजिटल में सीनियर कंटेंट प्रड्यूसर हैं। उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के मेहला गांव के रहने वाले हैं। पिछले छह सालों से पत्रकरिता कर रहे हैं। एनआरएआई स्कूल ऑफ मास कम्युनिकेश से जर्नलिज्म में स्नातक किया और उसके बाद 'अमर उजाला डिजिटल' से अपने करियर की शुरुआत की, जहां धर्म और अध्यात्म सेक्शन में काम किया।लाइव हिंदुस्तान में ज्योतिष और धर्म- अध्यात्म से जुड़ी हुई खबरें कवर करते हैं। पिछले तीन सालों से हिंदुस्तान डिजिटल में कार्यरत हैं। अध्यात्म के साथ ही प्रकृति में गहरी रुचि है जिस कारण भारत के विभिन्न मंदिरों का भ्रमण करते रहते हैं। और पढ़ें
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