हरतालिका तीज, गणेश चतुर्थी सहित सितंबर में पड़ेंगे कई व्रत त्योहार, देखें तिथि
- September Festivals 2024 : सितंबर का महीना कुछ त्योहारों के लिए खास माना जाता है। इस महीने हरतालिका तीज, महालक्ष्मी व्रत, गणेश उत्सव सहित कई प्रमुख व्रत और त्योहार मनाए जाएंगे।
आज सोमवती अमावस्या है। सितंबर का महीना कुछ त्योहारों के लिए खास माना जाता है। इस महीने हरतालिका तीज, महालक्ष्मी व्रत, गणेश उत्सव, राधा अष्टमी, ऋषि पंचमी, पितृपक्ष सहित कई प्रमुख व्रत और त्योहार मनाए जाएंगे। ज्योतिष विशेषज्ञ पं उमेश शास्त्री दैवज्ञ ने बताया कि तीन बड़े ग्रहों का राशि परिवर्तन होगा। महीने का आरंभ कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि से हुआ। इस कारण व्रत त्योहार के साथ ही ग्रह गोचर के लिहाज से भी बहुत महत्वपूर्ण है। सात सितंबर को देवों में प्रथम पूज्य श्री गणेश का आगमन भी होगा। घरों और पंडालों में 10 दिनों तक भगवान गणेश विराजित होंगे। 19, 23, 26 तारीखों में अमृत सिद्धि व 7, 9, 20 तारीखों को सर्वार्थ सिद्धि योग भी है। गणेश चतुर्थी पर स्वयं सिद्ध अबूझ मुहूर्त होगा।
सितंबर माह के प्रमुख व्रत-त्योहार
2 सितंबर- भाद्रपद अमावस्या, सोमवती अमावस्या
6 सितंबर- हरतालिका तीज
7 सितंबर -गणेश चतुर्थी
8 सितंबर- ऋषि पंचमी
10 सितंबर- संतान सप्तमी
11 सितंबर- राधा अष्टमी, महालक्ष्मी व्रत
14 सितंबर- परिवर्तनी एकादशी
15 सितंबर- वामन जयंती
16 सितंबर- विश्वकर्मा जयंती
17 सितंबर- अनंत चुतुर्दशी
18 सितंबर- भाद्रपद पूर्णिमा व्रत, पितृ पक्ष प्रारंभ
21 सितंबर- संकष्टी चतुर्थी
हरतालिका तीज
भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरतालिका तीज व्रत रखा जाता है। इस साल पांच सितंबर को 10 बजकर 4 मिनट से तृतीया तिथि की शुरुआत होगी और छह सितंबर को दोपहर 12 बजकर 8 मिनट पर खत्म होगा। उदया तिथि छह सितंबर को हरतालिका तीज व्रत रखा जाएगा। सुबह 6 बजकर 2 मिनट से 8 बजकर 33 मिनट तक व्रत पूजा का शुभ मुहूर्त है।
गणेश चतुर्थी
भाद्रपद माह की चतुर्थी को गणेश पूजा की शुरुआत होती है। इस साल छह सितंबर को दोपहर 3 बजकर 2 मिनट से इस तिथि की शुरुआत होगी। सात सितंबर को शाम 5 बजकर 38 मिनट पर चतुर्थी तिथि रहेगी। उदया तिथि के आधार पर गणेश चतुर्थी 7 सितंबर को मनाया जाएगा। सात सितंबर को सुबह 11 बजकर 2 मिनट से दोपहर 1 बज कर 33 मिनट तक मूर्ति स्थापना का शुभ मुहूर्त है।
पितृपक्ष
पितरों के आत्मा की शांति के लिए पितृ पक्ष के दौरान श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान किया जाता है। हर साल भाद्रपद माह के पूर्णिमा से पितृपक्ष की शुरुआत होती है और अमावस्या को समापन होगा। इस साल पितृपक्ष की शुरुआत 17 सितंबर को होगी और दो अक्तूबर को समापन होगा।
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