
सर्वपितृ अमावस्या पर करें इन चीजों का दान, ऐसे करें पितरों को प्रसन्न
संक्षेप: हिंदू धर्म में अमावस्या का विशेष महत्व होता है। हर माह में अमावस्या पड़ती है। आश्विन मास की अमावस्या को सर्वपितृ अमावस्या कहा जाता है। यह पितृ पक्ष का अंतिम दिन है। पितरों को स्मरण और श्रद्धांजलि देने का यह विशेष अवसर है। मान्यता है कि इस दिन किए गए दान और तर्पण से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है
Sarvapitru Amavasya 2025: हिंदू धर्म में अमावस्या का विशेष महत्व होता है। हर माह में अमावस्या पड़ती है। आश्विन मास की अमावस्या को सर्वपितृ अमावस्या कहा जाता है। यह पितृ पक्ष का अंतिम दिन है। पितरों को स्मरण और श्रद्धांजलि देने का यह विशेष अवसर है। मान्यता है कि इस दिन किए गए दान और तर्पण से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और परिवार में सुख-समृद्धि आती है। इस दिन दान करना अत्यंत पुण्यकारी माना जाता है। दान करने से कई गुना अधिक फल की प्राप्ति होती है। सर्वपितृ अमावस्या का दिन ज्योतिषीय दृष्टि से भी विशेष होता है। इस दिन सुबह 6 बजे से दोपहर 12 बजे तक का समय विशेष रूप से शुभ माना जाता है। इस समय तर्पण और दान करने से दान का पुण्य अधिक मिलता है। दिन के दूसरे हिस्से में भी दान किया जा सकता है, लेकिन सुबह का समय सर्वोत्तम माना जाता है।
सर्वपितृ अमावस्या पर दान का महत्व- सर्वपितृ अमावस्या के दिन किए गए ये दान और उपाय न केवल पितरों की आत्मा को शांति देते हैं, बल्कि परिवार में सुख-शांति और आर्थिक समृद्धि भी लाते हैं। इस दिन की पूजा और दान का महत्व इतना है कि इसे करने से पूर्वजों की कृपा हमेशा बनी रहती है।
इन चीजों का करें दान-
तिल का दान- तिल (सफेद या काले) बहुत शुभ माना जाता है। तिल का दान करने से पितरों को शांति मिलती है।
खीर और मीठा प्रसाद- खीर, हलवा या अन्य मीठा बनाकर पितरों के लिए दान करें।
अनाज और दालें- गेहूँ, चावल, उड़द दाल, मूंग या मसूर दाल का दान करें। जरूरतमंदों या गरीबों को देने से विशेष पुण्य मिलता है।
सूखे मेवे और फल- बादाम, किशमिश, काजू जैसे सूखे मेवे या ताजे फल दान करें। यह दान स्वास्थ्य और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।
कपड़े और पुराने वस्त्र- साफ कपड़े जरूरतमंदों को दें। कपड़े का दान भी पितरों को प्रसन्न करता है।
पैसे का दान- गरीबों, मंदिरों या जरूरतमंद बच्चों को पैसे का दान करें। यह आर्थिक और मानसिक पुण्य दोनों देता है।
पितरों को प्रसन्न करने के उपाय
सर्वपितृ अमावस्या पर सबसे पहले अपने घर को स्वच्छ करें और शुद्ध वस्त्र पहनें। सुबह स्नान करके दक्षिण की ओर मुख कर पितरों का स्मरण करना चाहिए। इसके बाद तिल, जल, पुष्प और अक्षत से तर्पण करें। तर्पण करते समय अपने पितरों का नाम लेकर उनके प्रति श्रद्धा व्यक्त करें।
डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य है और सटीक है। विस्तृत और अधिक जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।





