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8 सितंबर को रखा जाएगा ऋषि पंचमी का व्रत, जानें पूजा की सही विधि

  • Rishi Panchami 2024 : ऋषि पंचमी के दिन सप्त ऋषियों- कश्यप, अत्रि, भारद्वाज, वशिष्ठ, गौतम, जमदग्नि, और विश्वामित्र की पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस व्रत को रखने से परिवार में सुख-समृद्धि आती है।

Shrishti Chaubey हिन्दुस्तान टीम, बिहारशरीफSat, 31 Aug 2024 07:52 AM
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Rishi Panchami 2024: हर साल ऋषि पंचमी भाद्रपद शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनायी जाती है, जो ऋषियों को समर्पित एक विशेष व्रत है। पूरे देश में आठ सितंबर के दिन श्रद्धालु सप्त ऋषियों की अराधना का व्रत ऋषि पंचमी मनाएंगे। पंडित सूर्यमणि पांडेय ने बताया कि ऋषि पंचमी का व्रत महिलाओं द्वारा विशेष रूप से मनाया जाता है लेकिन, इसे पुरुष भी कर सकते हैं। इस दिन सप्त ऋषियों - कश्यप, अत्रि, भारद्वाज, वशिष्ठ, गौतम, जमदग्नि, और विश्वामित्र की पूजा की जाती है। ये सात ऋषि ब्रह्मा, विष्णु और महेश के अंश माने जाते हैं। ये ही वेदों और धर्मशास्त्रों के रचयिता माने जाते हैं। माना जाता है कि इस व्रत को करने से सभी प्रकार के पापों से मुक्ति मिलती है और जीवन में सुख-शांति आती है। 

ऋषि पंचमी मुहूर्त

दृक पंचांग के अनुसार, इस साल भाद्रपद माह शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि का आरंभ 7 सितंबर को शाम 05:37 मिनट पर होगा और 8 सितंबर, 2024 को सायं 07:58 मिनट पर समाप्त होगा। इसलिए उदया तिथि के अनुसार, 8 सितंबर को ऋषि पंचमी का व्रत रखा जाएगा।

ऋषि पंचमी की पूजा विधि

आचार्य पप्पू पांडेय ने बताया कि इस दिन श्रद्धालु स्नान करके शुद्ध वस्त्र धारण करते हैं। फिर सप्त ऋषियों की प्रतिमा या चित्र के सामने दीप जलाकर पूजा-अर्चना करते हैं। पूजा में पंचामृत, पुष्प, चंदन, धूप-दीप और विभिन्न प्रकार के फल-फूल अर्पित किए जाते हैं। पूजा के दौरान ऋषियों की आरती व मंत्रों का पाठ किया जाता है और व्रत कथा सुनी जाती है। इसके बाद श्रद्धालु निर्जला या फलाहार व्रत रखते हैं और दिनभर भगवान के साथ सप्त ऋषियों का ध्यान करते हैं। सप्त ऋषियों के स्वर्ण की प्रतिमा बनाकर ऋषि पंचमी के दिन किसी योग्य ब्राह्मण को दान करने से अनंत पुण्य फल की प्राप्ति होती है। 

ऋषि पंचमी का व्रत विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है। मान्यता है कि इस व्रत को रखने से परिवार में सुख-समृद्धि आती है। ज्योतिषियों की मानें तो इस दिन पूरे देश में श्रद्धालु बड़ी श्रद्धा और भक्ति के साथ सप्त ऋषियों की अराधना करते हैं और अपने जीवन को धर्ममय बनाने की कामना करते हैं। ऋषि पंचमी के इस पवित्र अवसर पर सभी भक्तजन अपने मन को पवित्र और सच्चे आस्था से ऋषियों की पूजा करेंगे और उनसे आशीर्वाद लेंगे।

इन मंत्रों का करें जाप:

कश्यपोत्रिर्भरद्वाजो विश्वामित्रोय गौतम:।

जमदग्निर्वसिष्ठश्च सप्तैते ऋषय: स्मृता:।।

गृह्णन्त्वर्ध्य मया दत्तं तुष्टा भवत मे सदा।।

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