वर्ष की शुरुआत में आत्मविश्वास भरपूर रहेगा। परंतु धैर्यशीलता में कमी रहेगी। नौकरी में तरक्की के मार्ग प्रशस्त होंगे। परंतु कार्यक्षेत्र में वृद्धि होगी। भागदौड़ अधिक रहेगी। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। 17 जनवरी के बाद नौकरी में किसी विशेष कार्य के लिए विदेश जा सकते हैं। बातचीत में संतुलित रहें। 20 जनवरी से कारोबार में सकारात्मक परिणाम मिलेंगे। 16 फरवरी के बाद वाहन सुख में वृद्धि हो सकती है। परंतु पिता के स्वास्थ्य का ध्यान रखें। 13 मार्च के बाद क्रोध से बचें। नौकरी में अफसरों से व्यर्थ के वाद-विवाद से बचें। परंतु संतान के स्वास्थ्य में सुधार होगा। शैक्षिक कार्यों के सुखद परिणाम मिलेंगे। 22 अप्रैल से पठन-पाठन में रुचि बढ़ेगी। बौद्धिक कार्यों से आय के साधन बनेंगे। धर्म के प्रति श्रद्धा भाव रहेगा। शैक्षिक कार्यों के लिए विदेश जाने के अवसर मिल सकते हैं। 31 अक्टूबर से माता के स्वास्थ्य का ध्यान रखें। नौकरी में स्थान परिवर्तन के योग भी बन रहे हैं। परिवार से दूर रहना पड़ सकता है। किसी मित्र के सहयोग से कारोबार में निवेश हो सकता है। वाहन के रखरखाव तथा वस्त्रों आदि पर खर्च बढ़ सकते हैं। (पंडित राघवेन्द्र शर्मा)
उपाय-1. सवा छह रत्ती का पुखराज सोने की अंगूठी में जड़वाकर दाहिने हाथ की तर्जनी अंगुली में धारण करें।
2. 21 ग्राम चांदी का कड़ा दाहिने हाथ में धारण करें। साथ में प्रत्येक शुक्रवार के दिन प्रातः एक मुट्ठी चावल किसी पॉलीथिन के थैले में डिब्बे में डालकर एकत्र कर लें। मात्रा बढ़ जाने पर मंदिर के पुजारी को दे दें।
3. प्रत्येक मंगलवार के दिन शाम को ‘हनुमान चालीसा’ का पाठ कर हनुमान जी को बेसन या बूंदी के लड्डू का भोग लगाकर प्रसाद बांट दें।