वर्ष के प्रारंभ में 16 जनवरी तक मन परेशान रहेगा। धैर्यशीलता में कमी भी रहेगी। आत्मसंयत रहें। 17 जनवरी के बाद शैक्षिक कार्यों के लिए विदेश जा सकते हैं। परिवार से दूर रहना पड़ेगा। भाग-दौड़ अधिक रहेगी। 22 अप्रैल के बाद किसी मित्र के सहयोग से नौकरी के अवसर मिल सकते हैं। परंतु किसी दूसरे स्थान पर भी जा सकते हैं। परिवार से अलग रहना पड़ सकता है। आय में वृद्धि होगी। मान-सम्मान की प्राप्ति होगी। शासन सत्ता का सहयोग मिलेगा। वस्त्रों पर तथा वाहन के रखरखाव पर खर्च बढ़ सकते हैं। माता के स्वास्थ्य का ध्यान रखें। कारोबार के विस्तार के लिए निवेश कर सकते हैं। कारोबार में भागदौड़ रहेगी। मन अशांत हो सकता है। व्यर्थ के क्रोध व वाद-विवाद से बचें। 19 अगस्त से कारोबार में वृद्धि होगी। शासन-सत्ता का सहयोग भी मिलेगा। लाभ में वृद्धि होगी। 31 अक्तूबर के बाद नौकरी में तरक्की के अवसर मिल सकते हैं। कार्यभार में वृद्धि होगी। संपत्ति में वृद्धि हो सकती है। परंतु धार्मिक कार्यों में रुचि कम हो सकती है। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। (पंडित राघवेन्द्र शर्मा)
उपाय-1. प्रत्येक शनिवार को सूर्यास्त के बाद सरसों के तेल का दीपक, पीपल के पेड़ के नीचे जलाएं।
2. प्रत्येक बुधवार के दिन गाय को हरा चारा या हरी सब्जी खिलाएं।
3. प्रतिदिन ‘दुर्गा चालीसा’ या ‘सिद्ध कुंजिका स्तोत्र’ तथा ‘तंत्रोक्तं देवी सूक्त’ का पाठ करें।
4. सवा आठ रत्ती का मोती चांदी की अंगूठी में जड़वाकर दाहिने हाथ की कनिष्ठ अंगुली में धारण करें।