ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News धर्म पूजन विधिराजस्थान में होली के दो दिन बाद से शुरू होती है गणगौर की पूजा

राजस्थान में होली के दो दिन बाद से शुरू होती है गणगौर की पूजा

राजस्थान में जैसलमेर एवं बाड़मेर जिले में इन दिनों महिलाओं के धार्मिक आस्था का प्रतिक गणगौर पर्व की धूम है। होलिका दहन के दूसरे दिन से शुरू हुए गणगौर पर्व में कुंवारी कन्याएं और विवाहिताएं पूजन...

राजस्थान में होली के दो दिन बाद से शुरू होती है गणगौर की पूजा
एजेंसी,नई दिल्लीTue, 17 Mar 2020 04:21 PM
ऐप पर पढ़ें

राजस्थान में जैसलमेर एवं बाड़मेर जिले में इन दिनों महिलाओं के धार्मिक आस्था का प्रतिक गणगौर पर्व की धूम है। होलिका दहन के दूसरे दिन से शुरू हुए गणगौर पर्व में कुंवारी कन्याएं और विवाहिताएं पूजन इत्यादि में जुट गई है। इस पर्व के शुरू होने के साथ ही कुंवारी कन्याएं और महिलाएं सुबह फूल चुनने के बाद तालाब के पवित्र जल कलश में भर कर ईसर और गणगौर की पूजा करती है। सुबह महिलाएं बगीचे में जाती है और दूब एकत्रित करती है। इस दौरान वे गीत गाती है-बाड़ी वाला बाड़ी खोल, म्हैं आया थारी दोब ने...। बाद में महिलाएं निश्चित स्थान पर एकत्रित होकर दो-दो का जोड़ा बनाकर गणगौर की पूजा करती है।

बताया जाता है कि कुंवारी कन्याएं अच्छे घर और वर की चाह में गणगौर का त्त्यौहार मनाती है। गणगौर मनाने के प्रति कुंवारी कन्याओं की यह धारणा है कि उसे अच्छा पति मिले और अच्छा घराना मिले। गणगौर पूजा की धूम स्वर्णनगरी के प्रत्येक मोहल्ले में देखने को मिल जाती है। 

गणगौर उत्सव शुरू होते ही शहर में पारंपरिक गीतों की गूंज सुनाई देने लगी है। शाम के समय किसी भी गली-मौहल्ले से निकलने पर गणगौर के गीत ही सुनाई पड़ते हैं। सुबह की पूजा के बाद कन्याएं एवं महिलाएं शाम को एक बार एकत्र होकर पूजा-अर्चना करती है और गणगौर के पारंपरिक गीत गाती है। कई लड़कियों द्वारा गणगौर माता का उपवास भी रखा जाता है। जो महिलाएं और लड़कियां परंपरागत ढंग से उपवास रखती आ रही हैं। 

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें