हिंदू धर्म में होली के बाद रंग पंचमी मनाई जाती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि को यह त्योहार मनाया जाता है। रंग पंचमी को कृष्ण पंचमी तथा देव पंचमी के रूप में भी जाना जाता है।
हर साल चैत्र माह कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को पापमोचिनी एकादशी मनाई जाती है। इस दिन जगत के पालनहार श्रीहरि विष्णुजी की पूजा-उपासना का बड़ा महत्व है।
Bhalachandra Sankashti Chaturthi Upay: सोमवार को 17 मार्च, 2025 के दिन चैत्र भालचन्द्र संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखा जाएगा। भालचन्द्र संकष्टी चतुर्थी की पूजा पूरे विधि-विधान के साथ की जाती है। भालचन्द्र संकष्टी चतुर्थी के दिन कुछ उपाय करने से मन मांगी मुराद पूरी हो सकती है।
Bhalachandra Sankashti Chaturthi 2025: चैत्र कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन संकष्टी चतुर्थी पड़ रही है। मार्च महीने की संकष्टी चतुर्थी को भालचन्द्र संकष्टी चतुर्थी के नाम से जाना जाएगा।
Kab Hai Sheetla Ashtami 2025: चैत्र मास में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि यानी होली के आठ दिन बाद शीतला अष्टमी का व्रत रखा जाता है। धार्मिक मान्यता है कि शीतला अष्टमी के दिन पूरे विधि-विधान के साथ पूजा करने से बीमारियों से मुक्ति मिलती है।
Bhalachandra Sankashti Chaturthi 2025: हर साल चैत्र महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन भालचन्द्र संकष्टी चतुर्थी का पर्व मनाया जाता है। इस खास अवसर पर भगवान गणेश की पूजा-व्रत करने का विधान है।
भाई दूज को भ्रातृ द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है। हिंदू धर्म में भाई दूज का विशेष महत्व होता है। यह भाई-बहन के बीच स्नेह के बंधन को मजबूत करता है। हर साल फाल्गुन मास में कृष्ण पक्ष की द्वितीया को भाई दूज का त्योहार मनाया जाता है।
हिंदू धर्म में चंद्र ग्रहण खगोलीय, आध्यात्मिक और धार्मिक दृष्टि से एक विशेष घटना है। इसका जनमानस पर गहरा प्रभाव पड़ता है। चंद्र ग्रहण 3 प्रकार के होते हैं। आंशिक चंद्र ग्रहण, पूर्ण चंद्र ग्रहण और उपछाया चंद्र ग्रहण।
हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास में पूर्णिमा तिथि (प्रदोषकाल व्यापिनी) को होलिका दहन किया जाता है। इसके अगले दिन चैत्र कृष्ण प्रतिपदा में रंग (दुल्हैंडी) का पर्व मनाया जाता है। इस बार 13 मार्च को होलिका दहन होगा और 14 मार्च को रंग का त्योहार मनाया जाएगा।
Time Holika Dahan Muhurat: होली के एक दिन पहले होलिका दहन किया जाता है। शास्त्र नियम के अनुसार, भद्राकाल में होलिका दहन नहीं किया जाता। जानें, होलिका दहन का शुभ मुहूर्त, पूजन विधि, उपाय व मंत्र-
Holi Upay: पूर्णिमा पर होली के दिन पूरे विधि-विधान से मां लक्ष्मी और श्री हरि विष्णु की आराधना करने से आर्थिक परेशानियों से राहत मिलती है। होली की पूर्णिमा के दिन कुछ उपाय करने से सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है।
Holi 2025: होली के दिन रंग खेलने की परंपरा है। इस साल कुछ जगहों पर 14 मार्च तो कुछ जगहों पर 15 मार्च को होली का पर्व मनाया जाएगा। इस दिन राशि के अनुसार रंग खेलने से ग्रहों की स्थिति मजबूत की जा सकती है।
Chaitra Navratri 2025 : 30 मार्च से 7 अप्रैल तक मां जगदंबे की पूजा की जाएगी। 30 मार्च को घट स्थापित होगी और पहला व्रत रखा जाएगा। इस दिन मां दुर्गा के पहले स्वरूप शैलपुत्री की पूजा होगी।
Horoscope Holi Rashifal: होली पर मीन राशि में सूर्य, बुध और शुक्र की युति बनेगी, जिससे बुधादित्य योग, लक्ष्मी-नारायण योग, त्रिग्रही योग का शुभ संयोग होगा। होली पर ग्रहों की शुभ स्थिति 3 राशियों के लिए काफी लकी साबित हो सकती है।
Holika Dahan Pooja: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार होलिका दहन से पहले पूजन करने का विधान है। होलिका दहन सूर्यास्त के पश्चात प्रदोष के समय, जब पूर्णिमा तिथि व्याप्त हो, करना शुभ माना जाता है। होलिका पूजा व दहन विधिवत करना चाहिए।
Pradosh Timing Pooja Muhurat: भौम प्रदोष व्रत रखने से मां पार्वती और शिव जी सभी कष्टों को दूर करते हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस बार यह व्रत 11 मार्च मंगलवार को यानी कि आज रखा जाएगा।
होली को लेकर लोगों में संशय की स्थिति बनी हुई है। हिंदू पंचांग के अनुसार होली का त्योहार पूर्णिमा के अगले दिन यानि चैत्र कृष्ण प्रतिपदा तिथि को मनाते हैं, जबकि होलिका दहन फाल्गुन पूर्णिमा को भद्रा रहित मुहूर्त में रात के समय करते हैं।
होली के पहले दिन होलिका दहन और दूसरे दिन रंग का पर्व मनाया जाता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि को होलिका-दहन किया जाता है, जिसे छोटी होली भी कहते हैं।
Holika Dahan, kab hai Holi 2025: इस बार होलिका पर भद्रा का साया रहेगा। इस दिन लकड़ी, कांडे और उपले जलाकर होलिका की अग्नि प्रज्वलित की जाती है। परंपरागत रूप से होलिका की परिक्रमा की जाती है और इसमें कच्चे सूत का धागा बांधा जाता है।
Amalaki Ekadashi Upay: 10 मार्च, 2025 के दिन इस साल की आमलकी एकादशी का व्रत रखा जाएगा। धार्मिक मान्यता है इस दिन कुछ उपाय कर लेने से श्री हरि का आशीर्वाद मिलने के साथ सुख-समृद्धि में भी वृद्धि होती है।