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Pitru Paksha 2024: यहां पितरों को प्रेतयोनि से दिलाई जाती है मुक्ति, तीन बार परिक्रमा और सत्तू उड़ाने की है परंपरा

माना जाता है कि प्रेतशिला चट्टान पर सत्तू उड़ाने से पितर प्रेतयोनि से बाहर आकर ब्रह्मलोक में चले जाते हैं। बताया कि बुधवार की तुलना में गुरुवार को पिंडदानियों की अच्छी भीड़ रही।

Anuradha Pandey लाइव हिन्दुस्तान, गया, निज प्रतिनिधिFri, 20 Sep 2024 10:54 AM
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प्रेतयोनि से मुक्ति के लिए प्रेतशिला वेदी पर सत्तू उड़ाना बहुत जरूरी है। सत्तू उड़ाने के लिए परिक्रमा करने से पहले ब्रह्मचरण पर पिंड अर्पित करना है। इसके बाद तीन बार प्रेतशिला का परिक्रमा करते हुए सत्तू उड़ाना है। प्रेतशिला के पंडा भोला पांडेय ने बताया कि माना जाता है कि प्रेतशिला चट्टान पर सत्तू उड़ाने से पितर प्रेतयोनि से बाहर आकर ब्रह्मलोक में चले जाते हैं। बताया कि बुधवार की तुलना में गुरुवार को गया में पिंडदानियों की अच्छी भीड़ रही। शिवा पांडेय धामी ने बताया कि नीचे ब्रह्मकुंड में पिंडदान के बाद ऊपर पहाड़ी पर स्थित प्रेतशिला चट्टान पर सत्तू उड़ाने का विधान है। पितृपक्ष के अलावा भी यहां सालों भर तीर्थयात्री आते हैं।

 ‘प्रेतशिला का तीन बार परिक्रमा करो, सत्तू उड़ाओ, प्रेत बाधा दूर करो, पितरों को प्रेतयोनि से निकालो, प्रेत के पंडा से आशीर्वाद लेकर जाओ ’। प्रेत बाधा दूर होने के बाद मसान मां काली का दर्शन करो’ यह आवाज गुरुवार को दिनभर प्रेतशिला पहाड़ी पर गूंजती रही। 676 सीढ़ियां ऊपर प्रेतशिला चट्टान के पास शेड में बैठे पंडाजी ये आदेश लगातार माइक से करते रहे और पिंडदानी सत्तू उड़ाते रहे।

तीन बार परिक्रमा के दौरान पिंडदानी उड़ाते रहे: प्रेतशिला में गुरुवार को त्रिपाक्षिक गयाश्राद्ध करने वाले के अलावा एक, तीन व सात दिन वाले पिंडदानियों की भीड़ अच्छी रही। नीचे ब्रह्मकुंड से लेकर ऊपर पहाड़ी तक पिंडदानी दिखे। पहाड़ी पर चट्टान के पास का नजारा अद्भुत दिखा। पितरों को प्रेतयोनि से मोक्ष की कामना लिए गयाधाम आए पिंडदानी प्रेतशिला (चट्टान) की परिक्रमा करने के दौरान सत्तू उड़ाते रहे। अधिकतर तीर्थयात्री तीन बार परिक्रमा करते और सत्तू उड़ाते रहे। तीन बार घूमने के बाद पंडा जी को पैसा देते। पंडा जी नाम पूछते। इसके बाद पंडा जी पिंडदानी को पीठ ठोकर कहते- पितरों का प्रेतबाधा दूर हुआ। इस तरह का नजारा पहाड़ी पर दिनभर दिखता रहा।

 

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