इस रेखा से 56 साल की उम्र में खुलेगी किस्मत
ज्योतिषाचार्य सुखविंदर सिंह के अनुसार मंगलक्षेत्र या हथेली के मध्यभाग से प्रारंभ होने वाली सूर्यरेखा अनेक आपत्ति एवं बाधाओं के बाद उन्नति सूचित करती है। इसका सहायक मंगलक्षेत्र होता है यदि किसी...
लाइव हिन्दुस्तान टीम,मेरठTue, 23 Oct 2018 12:38 PM
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ज्योतिषाचार्य सुखविंदर सिंह के अनुसार मंगलक्षेत्र या हथेली के मध्यभाग से प्रारंभ होने वाली सूर्यरेखा अनेक आपत्ति एवं बाधाओं के बाद उन्नति सूचित करती है। इसका सहायक मंगलक्षेत्र होता है यदि किसी के हाथ का मंगलक्षेत्र उच्च हो तो वह बहुत उन्नति करता है किन्तु मंगलकृत कष्ट भोग लेने के पश्चात ही वह अपनी उन्नति कर पाता है।
- यदि यह रेखा मस्तकरेखा से आरंभ होती हो और स्पष्ट हो तो वह मानव के जीवन के मध्यकाल में तक उन्नति करता है उसकी यह उन्नति जातीय योग्यता और मस्तिष्क शक्ति के अनुसार होती है।
- हृदय रेखा से आरम्भ होने वाली सूर्यरेखा जीवन के उत्तरकाल में मानव की उन्नति करती है। यह अवस्था लगभग 56 वर्ष की होगी, किन्तु एतदर्थ हृदयरेखा से ऊपर सूर्यरेखा का स्पष्ट होना आवश्यक है। ऐसी स्थिति में उस स्त्री या पुरूष के जीवन का चौथा चरण सुखमय या कम से कम कष्टों में बीतता है। इसके विपरीत यदि हृदय रेखा से ऊपर सूर्यरेखा का सर्वथा अभाव हो या वह छोटे-छोटे टुकडों से बनी या टूटी-फूटी हो तो जीवन का चौथाकाल चिन्ताओं से भरा और अन्धकारमय व्यतीत होगा। विशेषतः तब जबकि भाग्य रेखा निराशाजनक हो।
- यदि सूर्य-रेखा और भाग्यरेखा दोनों ही शुभफल देने वाली होकर एक दूसरी के समानान्तर जा रही हों, साथ ही मस्तक-रेखा भी स्पष्ट और सीधी हो तो वह धनाढ़य और ऐश्वर्यपूर्ण होने का सबसे बड़ा लक्षण है। ऐसे योगवाला व्यक्ति बुद्धिमान और दूरदर्शी होने के कारण जिस काम को हाथ लगाता है उसी में सफल होता है
(इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं तथा इन्हें अपनाने से अपेक्षित परिणाम मिलेगा। जिसे मात्र सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर प्रस्तुत किया गया है।)