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हाथों में हो यह निशान तो पेट रोग से परेशान रहते हैं ऐसे लोग

हाथों में केवल रेखाएं ही महत्वपूर्ण नहीं है बल्कि इन पर बनने वाले चिह्न भी उतने ही खास हैं। रेखाओं पर बने चिह्नों का अपना महत्व है। ये सभी चिह्न नकारात्मक और सकारात्मक दोनों ही तरह से व्यक्ति के जीवन...

हाथों में हो यह निशान तो पेट रोग से परेशान रहते हैं ऐसे लोग
पंचांग पुराण टीम ,मेरठ Fri, 26 Feb 2021 11:05 PM
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हाथों में केवल रेखाएं ही महत्वपूर्ण नहीं है बल्कि इन पर बनने वाले चिह्न भी उतने ही खास हैं। रेखाओं पर बने चिह्नों का अपना महत्व है। ये सभी चिह्न नकारात्मक और सकारात्मक दोनों ही तरह से व्यक्ति के जीवन को प्रभावित करते हैं। चिह्नों के प्रभाव से संबंधित रेखा का महत्व कम या अधिक हो सकता है। रेखाओं पर बने निशान से व्यक्ति के जीवन में आने वाली संभावित बीमारी का पता भी लगाया जा सकता है। 
हस्तरेखा विज्ञान के अनुसार यदि चंद्र पर्वत पर नक्षत्र का निशान हो तो व्यक्ति जीवनभर पेट रोग से परेशान रहता है। उसे पेट में कोई ना कोई समस्या बनी रहती है। इसी तरह यदि व्यक्ति के हाथ और नाखून पीले पड़ने लगें और धब्बे जैसे दिखाई दें, बुध रेखा कटी-फटी हो तो ऐसे लोग आंत संबंधी बीमारी से ग्रसित रहते हैं। शनि पर्वत के नीचे द्वीप का निशान दिखाई दे तो रीढ़ की बीमारी होने का संकेत है। इसी तरह यदि बुध रेखा पर काले निशान के साथ नक्षत्र एवं द्वीप का निशान दिखाई दे तो व्यक्ति को पीलिया होने का खतरा बना रहता है। अगर मस्तिष्क रेखा पर शनि पर्वत के निचले हिस्से में जंजीरनुमा निशान दिखाई पड़ते हैं तो यह फेफड़े और गले के रोगों की ओर इशारा करता है।

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 हाथों में नाखून ऊंचे उठे हुए हों और मस्तिष्क रेखा शनि पर्वत से बुध पर्वत तक पंखदार होकर आगे बढ़े तो व्यक्ति को टीबी रोग होने का खतरा हो सकता है। हाथों की अंगुलियां नुकीली और मुड़ी हुई हों, पर्वत नीचे दबा हुआ हो, नाखून लाल हो जाएं, साथ ही उन पर चकते जैसे निशान दिखाई दें तो यह मिर्गी रोग का संकेत देते हैं। हथेली में उच्च शनि पर्वत पर अनेक रेखाएं हो, मस्तिष्क रेखा शनि पर्वत के नीचे खंडित हो जाए, स्वास्थ्य खराब स्थिति में हो अर्थात घिसी और छिन्न-भिन्न हालत में हो, आयु रेखा को काटकर चंद्र पर्वत से रेखा निकले तो यह स्थिति गठिया रोग का संकेत देती है। 
(इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं तथा इन्हें अपनाने से अपेक्षित परिणाम मिलेगा। जिसे मात्र सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर प्रस्तुत किया गया है।)

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