जानिए हाथों की ये रेखाएं जो बताती है आपके बारे में
क्षैतिज रेखाएं, कनिष्ठा के बिल्कुल नीचे और हृदय रेखा के ऊपर स्थित विवाह रेखा कहलाती हैं। यह रेखा रिश्तों में आत्मीयता, वैवाहिक जीवन में खुशी, वैवाहिक दंपत्ति के बीच प्रेम और स्नेह के अस्तित्व को...
पं.शिवकुमार शर्मा,मेरठThu, 16 May 2019 12:01 PM
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- क्षैतिज रेखाएं, कनिष्ठा के बिल्कुल नीचे और हृदय रेखा के ऊपर स्थित विवाह रेखा कहलाती हैं। यह रेखा रिश्तों में आत्मीयता, वैवाहिक जीवन में खुशी, वैवाहिक दंपत्ति के बीच प्रेम और स्नेह के अस्तित्व को दर्शाती हैं। विवाह रेखा का विश्लेषण करते समय शुक्र पर्वत और हृदय रेखा को भी ध्यान मे रखना चाहिये।
- स्वास्थ्य रेखा को बुध रेखा के रूप में भी जाना जाता है। यह कनिष्ठा के नीचे बुध पर्वत से आरंभ होकर कलाई तक जाती है। इस रेखा द्वारा लाइलाज बीमारी को जाना जा सकता है। इसके द्वारा व्यक्ति के सामान्य स्वास्थ्य की भी जानकारी मिलती है।
- जीवन रेखा अंगूठे के आधार से निकलती हुई, हथेली को पार करते हुए वृत्त के आकार मे कलाई के पास समाप्त होती है। यह रेखा शारीरिक शक्ति और जोश के साथ शरीर के महत्वपूर्ण अंगों की भी व्याख्या करती है। शारीरिक सुदृढ़ता और महत्वपूर्ण अंगों के साथ समन्वय, रोग प्रतिरोधक क्षमता और स्वास्थ्य का विश्लेषण करती है।
- मस्तिष्क रेखा का आरंभ तर्जनी उंगली के नीचे से होता हुआ हथेली की दूसरी तरफ जाता है जब तक उसका अंत न हो। यह रेखा, जीवन रेखा के आरंभिक बिन्दु को स्पर्श करती है। यह रेखा व्यक्ति के मानसिक स्तर और बुद्धि के विश्लेषण, सीखने की विशिष्ट विधा, संचार शैली और विभिन्न क्षेत्रों के विषय मे जानने की इच्छा को दर्शाती है।
- हृदय रेखा, कनिष्ठा उंगली के नीचे से हथेली को पार करती हुई तर्जनी उंगली के नीचे समाप्त होती है। यह हथेली के उपरी हिस्से में उंगलियों के ठीक नीचे होती है। यह हृदय के प्राकृतिक और मनोवैज्ञानिक स्तर को दर्शाती है। यह रोमांस, भावनाओं, मनोवैज्ञानिक सहनशक्ति, भावनात्मक स्थिरता और अवसाद की संभावनाओं का विश्लेषण करने के साथ ही साथ हृदय संबंधी विभिन्न पहलुओं की भी व्याख्या करती है।
(इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं तथा इन्हें अपनाने से अपेक्षित परिणाम मिलेगा। जिसे मात्र सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर प्रस्तुत किया गया है।)