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जानिए जिंदगी बदलने वाले हस्‍तरेखा के योग

गजलक्ष्मी योग: यदि दोनों हाथों में भाग्य रेखा मणिबंध से प्रारंभ होकर सीधी शनि पर्वत पर जाए, सूर्य पर्वत पूरी तरह विकसित एवं लालिमा लिए हुए हो और उस पर सूर्य रेखा भी बिना कटी-फटी, पतली और स्पष्ट...

जानिए जिंदगी बदलने वाले हस्‍तरेखा के योग
लाइव हिन्‍दुस्‍तान टीम,मेरठSat, 21 Jul 2018 05:26 PM
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गजलक्ष्मी योग:

यदि दोनों हाथों में भाग्य रेखा मणिबंध से प्रारंभ होकर सीधी शनि पर्वत पर जाए, सूर्य पर्वत पूरी तरह विकसित एवं लालिमा लिए हुए हो और उस पर सूर्य रेखा भी बिना कटी-फटी, पतली और स्पष्ट हो, साथ में मस्तिष्क रेखा, हृदय रेखा तथा आयु रेखा स्पष्ट हो तो यह गजलक्ष्मी योग बनता है। जिस व्यक्ति के हाथ में यह योग होता है वह साधारण परिवार में जन्म लेकर भी अपने अच्‍छे कर्मों से उच्च स्तरीय जीवन जीता है। ऐसे व्‍यक्‍ति के जीवन में मान-सम्मान की कोई कमी नहीं होती और वह सभी ऐश्यर्व और सुख भोगता है। ऐसे व्यक्ति समुद्र पार व्यापार करते हैं और यदि नौकरीपेशा है तो उच्च पदों पर आसानी से पहुंचते हैं। इन लोगों के जीवन में कोई अभाव नहीं रहता। इनकी शादी सुंदर जीवनसाथी से होती है।

शुभकर्तरी योग:

यदि हथेली के बीच का हिस्सा दबा हुआ और गहरा हो, सूर्य और गुरु पर्वत पुष्ट, मजबूत और उभरे हुए हों। भाग्य रेखा शनि पर्वत के मूल को छूती हो तो हाथ में यह शुभकर्तरी योग बनाता है। जिस व्यक्ति के हाथ में यह योग होता है वह तेजस्वी और चुंबकीय व्यक्तित्व का धनी होता है। उसके आसपास ऐश्वर्य और भौतिक सुध-सुविधाएं स्वयं चली आती हैं। एक से अधिक साधनों से आय प्राप्त करता है तथा अपने पूर्वजों से मिली संपत्ति में वृद्धि करने वाला होता है। शारीरिक दृष्टि से ऐसा व्यक्ति आकर्षक होता है। विपरीत लिंगी व्यक्तियों की इनके जीवन में भरमार होती है। कहीं-कहीं ऐसा व्यक्ति घमंडी भी देखा गया है।

भाग्य योग: जो रेखा मणिबंध से निकलकर शनि पर्वत तक जाए वही भाग्य रेखा कहलाती है, लेकिन भाग्य योग का निर्माण तब होता है जब कोई पुष्ट, पतली और लालिमा लिए हुए भाग्य रेखा शनि पर्वत से चलकर गुरु पर्वत के नीचे समाप्त होती है और जहां रेखा समाप्त होती है वहां एक सफेद बिंदु हो तो भाग्य योग का निर्माण होता है। पुष्ट भाग्य रेखा सूर्य पर्वत पर पहुंचती हो। भाग्य रेखा गुरु पर्वत से प्रारंभ होती हो। दोनों हाथों में स्पष्ट और लंबी भाग्य रेखाएं हों। भाग्य रेखा चंद्र पर्वत से प्रारंभ होती हो तो भाग्य योग बनता है। जिनके हाथ में यह योग होता है वह व्यक्ति अपार धन अर्जित करता है। उसकी ख्याति चारों ओर फैलती है। वह  अनेक भवन और वाहन का स्वामी होता है। पत्नी के सहयोग से जीवन में शिखर पर पहुंचता है।

(इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। ये जानकारियां धार्मिक आस्थाओं और लौकिक मान्यताओं  पर आधारित हैं, जिसे मात्र सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर प्रस्तुत किया  गया है।)

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