हस्तरेरखा विज्ञान व्यक्तियों की जिज्ञासा शांत करते हुए बहुत से सवालों का जवाब देता है। हस्तरेखा विशेषज्ञ हाथों की रेखाओं का सटीक विश्लेषण करते हुए आने वाली समस्याओं के बारे में बता सकता है। इसी क्रम में हम बात कर रहे हैं अपराध की। हस्तरेखा की प्रकृति को देखकर यह पता लगाया जा सकता है कि व्यक्ति भविष्य में किसी आपराधिक कृत्य में शामिल होगा या नहीं। इसके लिए उंगलियों एवं अंगूठे की बनावट देखी जाती है। अगर हाथ की दोनों हथेलियों की त्वचा खुरदरी, उंगलियां आगे से नुकीली, चपटा अंगूठा और मस्तिष्क रेखा हथेली के बीचोबीच नीचे की ओर झुकते चली जाए या ऊपर की ओर उठती हुई हृदय रेखा से मिलने का प्रयास करे अथवा मिल जाए तो ऐसा मानसिक रूप से विक्षिप्त एवं अपराधी प्रकृति का होता है। ऐसी रेखा के योग वाला व्यक्ति समय के साथ-साथ उग्र होता चला जाता है। हालांकि ऐसे व्यक्ति के हाथ में शनि और मंगल पर्वत की स्थिति का आकलन भी जरुरी है।
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यदि मस्तिष्क रेखा अथवा इससे कोई शाखा निकलकर सूर्य पर्वत के नीचे आकर हृदय रेखा से मिले तो ऐसा व्यक्ति 25 साल की उम्र में आपराधिक कृत्य में लिप्त हो जाता है। इस उम्र में व्यक्ति अपराध भी कर बैठता है। अगर मस्तिष्क रेखा, सूर्य एवं शनि पर्वत के मध्य आकर हृदय रेखा से मिले तो वह 30 वर्ष की आयु में आपराधिक कृत्य में लिप्त हो जाता है। हाथ में मंगल, शनि एवं चंद्र पर्वत पर क्रॉस, जाल एवं काले धब्बे भी आपराधिक प्रवृत्ति के संकेतक होते हैं। हस्तरेखा विज्ञान के अनुसार नीचे की ओर अत्यधिक झुकी हुई मस्तिष्क रेखा अवसाद एवं सुसाइड की प्रवृत्ति का संकेत देती है।
(इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं तथा इन्हें अपनाने से अपेक्षित परिणाम मिलेगा। इन्में मात्र सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर प्रस्तुत किया गया है।)