नवरात्रि कब से हैं? नोट कर लें महाअष्टमी व नवमी की सही डेट
- हिंदू पंचांग के अनुसार शारदीय नवरात्रि का पर्व रविवार, 3 अक्टूबर 2024 से प्रारंभ होगा। शारदीय नवरात्रि का पर्व 12 अक्टूबर 2024 को समाप्त होगा। नवरात्रि के 9 दिनों में मां के 9 रूपों की पूजा-अर्चना की जाती है।
आश्विन मास में शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शारदीय नवरात्रि शुरू हो जाते हैं। हिंदू धर्म में नवरात्रि का बहुत अधिक महत्व होता है। हिंदू पंचांग के अनुसार शारदीय नवरात्रि का पर्व रविवार, 3 अक्टूबर 2024 से प्रारंभ होगा। शारदीय नवरात्रि का पर्व 12 अक्टूबर 2024 को समाप्त होगा। नवरात्रि के 9 दिनों में मां के 9 रूपों की पूजा-अर्चना की जाती है। मां को प्रसन्न करने के लिए भक्त व्रत भी रखते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार नवरात्रि के दौरान विधि- विधान से मां दुर्गा की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं।
अष्टमी और नवमी कब है?
विभिन्न पंचांगों के हवाले से ज्योतिष के जानकार प.मोहन कुमार दत्त मिश्र और सोहसराय श्रीदुर्गा मंदिर के पुजारी पं. सुरेन्द्र कुमार दत्त मिश्र बताते हैं कि इसबार चतुर्थी तिथि की वृद्धि तथा नवमी तिथि का क्षय होने पर भी पूरा पक्ष 15 और नवरात्र नौ दिनों की होगी। भक्तजन नौ दिन पाठ करेंगे। परंतु, 10 अक्टूबर को आतर है। 11 अक्टूबर को महाअष्टमी और नवमी की पूजा होगी। शास्त्रों के अनुसार सप्तमी और अष्टमी मिला रहने पर महाअष्टमी का व्रत निषेध माना गया है। 10 को सप्तमी और अष्टमी दोनों है। इसलिए श्रद्धालु अष्टमी की पूजा न कर सिर्फ महागौरी का दर्शन करेंगे।
अष्टमी और नवमी का होता है विशेष महत्व
मां भगवती की उपासना का महापर्व नवरात्रि की महाअष्टमी व महानवमी के दिन पूजा-पाठ, हवन के साथ कन्या पूजन भी किया जाता है। मान्यता है कि नवरात्रि में कन्या पूजन करने से मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं। यूं तो नवरात्रि के नौ दिनों में से किसी भी दिन कन्या पूजन किया जा सकता है लेकिन अष्टमी व नवमी तिथि को इसका विशेष महत्व है।
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