Hindi Newsधर्म न्यूज़Masik Durga ashtami 2025 Date time muhurat pooja vidhi in february

मासिक दुर्गाष्टमी कल, जानें पूजा के शुभ मुहूर्त व विधि

  • Masik Durga ashtami 2025: हर महीने मासिक दुर्गाष्टमी का व्रत रखा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मासिक दुर्गाष्टमी के दिन व्रत रखने व दुर्गा माता की आराधना करने से जातक को दीवान में सुख-संपदा का लाभ मिलता है।

Shrishti Chaubey लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीTue, 4 Feb 2025 04:59 PM
share Share
Follow Us on
मासिक दुर्गाष्टमी कल, जानें पूजा के शुभ मुहूर्त व विधि

Masik Durga ashtami 2025 : हर महीने में एक बार मासिक दुर्गाष्टमी का व्रत रखा जाता है। इस साल माघ महीने के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन मासिक दुर्गाष्टमी का व्रत रखा जाएगा। यह व्रत मां दुर्गा देवी को समर्पित है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मासिक दुर्गाष्टमी के दिन व्रत रखने व दुर्गा माता की आराधना करने से जातक को दीवान में सुख-संपदा का लाभ मिलता है। आइए जानते हैं मासिक दुर्गाष्टमी के दिन पूजा के शुभ मुहूर्त व विधि-

मासिक दुर्गाष्टमी कल: हिन्दू पंचांग के अनुसार, माघ मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि फरवरी 05, 2025 को 02:30 ए एम पर प्रारम्भ होगी। इस तिथि का समापन फरवरी 06, 2025 को 12:35 ए एम पर होगा। उदया तिथि के अनुसार, मासिक दुर्गाष्टमी का व्रत बुधवार को 5 फरवरी के दिन रखा जाएगा।

ये भी पढ़ें:भौम प्रदोष व्रत कब रखा जाएगा? जानें इस दिन क्या नहीं करना चाहिए

पूजा के शुभ मुहूर्त

ब्रह्म मुहूर्त- 05:22 ए एम से 06:15 ए एम

प्रातः सन्ध्या- 05:48 ए एम से 07:07 ए एम

अभिजित मुहूर्त- कोई नहीं

विजय मुहूर्त- 14:25 से 15:09

गोधूलि मुहूर्त- 18:01 से 18:27

सायाह्न सन्ध्या- 18:04 से 19:22

अमृत काल- 16:00 से 17:31

निशिता मुहूर्त- 00:09 ए एम, फरवरी 06 से 01:01 ए एम, फरवरी 06

सर्वार्थ सिद्धि योग- 20:33 से 07:06 ए एम, फरवरी 06

रवि योग- 20:33 से 07:06 ए एम, फरवरी 06

ये भी पढ़ें:कब है जया एकादशी? जानें इस दिन क्या करें और क्या नहीं

दुर्गा माता पूजा-विधि

1- स्नान आदि कर मंदिर की साफ सफाई करें

2- माता दुर्गा का जलाभिषेक करें

3- माँ दुर्गा का पंचामृत सहित गंगाजल से अभिषेक करें

4- अब माता को लाल चंदन, सिंदूर, शृंगार का समान और लाल पुष्प अर्पित करें

5- मंदिर में घी का दीपक प्रज्वलित करें

6- पूरी श्रद्धा के साथ माता दुर्गा की आरती करें

7- माता को भोग लगाएं

8- अंत में क्षमा प्रार्थना करें

डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। विस्तृत और अधिक जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें