कुंडली में महालक्ष्मी योग कब बनता है? सुख-सौभाग्य में होती है वृद्धि
- Mahalaxmi Yog Benefits : वैदिक ज्योतिष में महालक्ष्मी योग को बेहद शुभ माना गया है। मान्यता है कि कुंडली में इस शुभ योग के निर्माण से जीवन में सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है और धन की कमी नहीं होती है।
MahaLaxmi Yog : कुंडली में महालक्ष्मी योग का निर्माण होना बेहद शुभ फलदायी माना गया है। धार्मिक मान्यता है कि यह शुभ योग व्यक्ति को रंक से राजा बना सकता है। इस योग के निर्माण से धन लाभ के प्रबल योग बनते हैं और व्यक्ति की आर्थिक स्थिति मजबूत होती है। कहा जाता है कि महालक्ष्मी योग के निर्माण से व्यक्ति के बिगड़े हुए कार्य भी बनने लगते हैं और मां लक्ष्मी की कृपा से धन की तंगी का सामना नहीं करना पड़ता है। महालक्ष्मी योग व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी करता है और इस योग के निर्माण से साधक पर देवी लक्ष्मी की कृपा सदा बनी रहती है और जीवन में सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है। आइए जानते हैं किन ग्रहों के संयोग से महालक्ष्मी योग बनता है और इसका राशियों पर प्रभाव?
महालक्ष्मी योग कब बनता है ?
वैदिक ज्योतिष के अनुसार, जब कुंडली में मंगल और चंद्रमा एक ही लग्न में विराजमान होते हैं, तो ऐसी स्थिति में महालक्ष्मी योग का निर्माण होता है। मान्यता है कि जब मंगल-चंद्रमा का संयोग कुंडली के नवम,दशम,एकादश और द्वितीय भाव में हो, तो यह योग बहुत लाभकारी माना जाता है। इससे धन-दौलत में वृद्धि के योग बनते हैं और घर में मां लक्ष्मी का वास होता है।
महालक्ष्मी योग के फायदे :
मान्यता हैं कि मंगल-चंद्रमा का योग व्यक्ति के धनवान होने की राह आसान करता है।
महालक्ष्मी योग से व्यक्ति को समाज में खूब मान-सम्मान मिलता है।
यह शुभ योग व्यक्ति को हर कार्य में अपार सफलता दिलाता है।
करियर की बाधा समेत जीवन के हर पहलू की परेशानी को दूर करने में लाभकारी होता है।
कहा जाता है कि महालक्ष्मी योग के निर्माण से व्यक्ति के धन,सुख-सौभाग्य में वृद्धि होती है और पारिवारिक जीवन में खुशियां आती है।
डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य है और सटीक है। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
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