
Maha Laxmi Vrat : मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए 16 दिनों तक किए जाते हैं ये व्रत, जानें इस साल कब से होंगे प्रारंभ
संक्षेप: Maha Laxmi Vrat 2025 : हिंदू धर्म में महालक्ष्मी व्रत का का विशेष महत्व है। महालक्ष्मी व्रत 16 दिनों तक रखे जाते हैं। भाद्रपद माह में शुक्ल पक्ष अष्टमी के दिन से श्री महालक्ष्मी व्रत आरंभ हो जाते हैं और आश्विन माह में कृष्ण पक्ष में अष्टमी तिथि को यह व्रत संपन्न होते हैं।
Maha Laxmi Vrat 2025 : हिंदू धर्म में महालक्ष्मी व्रत का का विशेष महत्व है। महालक्ष्मी व्रत 16 दिनों तक रखे जाते हैं। भाद्रपद माह में शुक्ल पक्ष अष्टमी के दिन से श्री महालक्ष्मी व्रत आरंभ हो जाते हैं और आश्विन माह में कृष्ण पक्ष में अष्टमी तिथि को यह व्रत संपन्न होते हैं। मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने और जीवन में सुख-समृद्धि प्राप्त करने के लिए श्री महालक्ष्मी व्रत किया जाता है। इस व्रत में मां लक्ष्मी की विधि विधान से पूजा-अर्चना करने से उनकी कृपा बनी रहती है। समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती है। इस व्रत में अन्न ग्रहण नहीं किया जाता है। 16वें दिन महालक्ष्मी व्रत का उद्यापन किया जाता है। इस व्रत को काफी शुभ माना जाता है। मान्यता है कि जिस घर की महिलाएं इस व्रत को रखती हैं, उस घर में पारिवारिक शांति हमेशा बनी रहती है। इस साल महालक्ष्मी व्रत 31 अगस्त 2025 से शुरू हो जाएंगे और संपूर्ण 14 सितंबर 2025 को होंगे।
श्रीमहालक्ष्मी व्रत में सोलह का विशेष महत्व- इस व्रत में सोलह बार तर्पण, सोलह दीपक, सोलह बोल की कहानी, सोलह शृंगार, सोलह दिन का व्रत, सोलह दूर्वा, सोलह डुबकी लगाने का विधान है।
प्रदोष काल में की जाती है पूजा- इस व्रत में प्रदोष काल में की गई पूजा को शुभ बताया गया है।
मां लक्ष्मी पूजन की सामग्री : महालक्ष्मी व्रत के दौरान पूजा के लिए कलश, घी, दीपक, फल-फूल,सुपारी, हल्दी की गांठ,रोली,कुमकुम,कपूर, पंचामृत, पान,लाल कपड़ा, 16 श्रृंगार की सामग्री, धूपबत्ती,नारियल,खीर, समेत पूजा की सभी सामग्री एकत्रित कर लें।
महालक्ष्मी व्रत के नियम :
महालक्ष्मी का व्रत 16 दिनों के लिए किया जाता है। इस दौरान खट्टी और नमक वाली चीजों के सेवन की मनाही होती है। इसके साथ ही 16 दिनों तक सुबह-शाम मां लक्ष्मी की पूजा-आराधना करें। महालक्ष्मी व्रत में व्रती के साथ परिवार के सदस्यों को भी तामसिक भोजन का सेवन न करें। केवल सात्विक भोजन करें।





