Chandra Grahan : कल लगेगा साल का पहला चंद्र ग्रहण, जानें इससे जुड़ी सभी जानकारियां
- हिंदू धर्म में चंद्र ग्रहण खगोलीय, आध्यात्मिक और धार्मिक दृष्टि से एक विशेष घटना है। इसका जनमानस पर गहरा प्रभाव पड़ता है। चंद्र ग्रहण 3 प्रकार के होते हैं। आंशिक चंद्र ग्रहण, पूर्ण चंद्र ग्रहण और उपछाया चंद्र ग्रहण।

Lunar Eclipse Chandra Grahan 2025 Date Time : हिंदू धर्म में चंद्र ग्रहण खगोलीय, आध्यात्मिक और धार्मिक दृष्टि से एक विशेष घटना है। इसका जनमानस पर गहरा प्रभाव पड़ता है। धार्मिक दृष्टि से देखा जाए तो चंद्र ग्रहण का कारण राहु-केतु माने जाते हैं। ज्योतिष विद्या के अनुसार, ये ग्रहण केतु के कारण लगने वाला है। राहु और केतु छाया ग्रहों को सांप की भांति माना गया है, जिनके डसने पर ग्रहण लगता है। वहीं, कुछ लोगों का मानना है की जब राहु और केतु चंद्रमा को निगलने की कोशिश करते हैं तब चंद्र ग्रहण लगता है। वहीं वैज्ञानिक दृष्टि से जब चंद्रमा, पृथ्वी और सूर्य एक सीधी रेखा में आ जाते हैं,तो इस दौरान सूर्य का प्रकाश पृथ्वी पर पड़ता है,लेकिन चंद्रमा पर नहीं पड़ता है। इस घटना को ही चंद्र ग्रहण कहते हैं।
चंद्र ग्रहण के प्रकार-
चंद्र ग्रहण 3 प्रकार के होते हैं। आंशिक चंद्र ग्रहण, पूर्ण चंद्र ग्रहण और उपछाया चंद्र ग्रहण। आंशिक चंद्रग्रहण में चांद का सिर्फ एक भाग पृथ्वी की छाया में प्रवेश करता है। उपछाया चंद्र ग्रहण के दौरान धरती की छाया का हल्का बाहरी भाग चंद्रमा की सतह पर पड़ता है। इस ग्रहण को देखना थोड़ा मुश्किल होता है। पूर्ण चंद्र ग्रहण उस समय लगता है, जब पूरे चंद्रमा की सतह पर धरती की छाया पड़ती है।
Lunar Eclipse, Chandra Grahan, चंद्र ग्रहण- 14 मार्च, 2025
14 मार्च, 2025 को साल का पहला चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। इस दिन होली भी है। यह चन्द्र ग्रहण खग्रास चंद्र ग्रहण होगा। भारत में यह ग्रहण दिखाई नहीं देगा।
यहां दिखाई देगा चन्द्र ग्रहण
यह चन्द्र ग्रहण मुख्यतः प्रशान्त महासागर, उत्तरी अमेरिका और दक्षिण अमेरिका, पश्चिमी यूरोप और पश्चिमी अफ्रीका में दिखाई देगा।
भारतीय समयानुसार चंद्र ग्रहण का समय- सुबह 09 बजकर 27 मिनट पर भारतीय समयानुसार उपछाया ग्रहण प्रारंभ होगा और सुबह 10 बजकर 39 मिनट पर आंशिक और सुबह 11 बजकर 56 मिनट पर पूर्ण चंद्र ग्रहण समाप्त होगा।
भारत में नहीं पड़ेगा कोई प्रभाव- इस चंद्र ग्रहण का प्रभाव भारत पर नहीं होगा, क्योंकि जिस समय ग्रहण होगा, उस समय यहां दिन हो रहा होगा। ऐसे में इसका धार्मिक महत्व नहीं माना जाएगा।
सूतक काल मान्य नहीं होगा- यह ग्रहण भारत में नहीं दिखाई दे रहा है, जिस वजह से सूतक काल मान्य नहीं होगा।
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