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karva chauth vrat katha in hindi: करवा चौथ पर आज पहले पढ़ें गणेश जी और फिर वीरावती की यह कथा, इसके बिना अधूरा है व्रत

संक्षेप: karwa chauth vrat katha in  hindi: करवा चौथ पर भगवान गणेश और वीरावती वाली दो कहानियां पढ़ी जाती है। ऐसा कहा जाता है चतुर्थी तिथि पर  पहले पढ़ें गणेश जी की पूजा करें और फिर करवा माता की पूजा होती है, जिसकी कहानी वीरावती से जुड़ी है। इसके बिना व्रत अधूरा माना जाता है।

Fri, 10 Oct 2025 05:26 AMAnuradha Pandey लाइव हिन्दुस्तान
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karva chauth vrat katha in hindi: करवा चौथ पर आज पहले पढ़ें गणेश जी और फिर वीरावती की यह कथा, इसके बिना अधूरा है व्रत

karwa chauth vrat katha in hindi: करवा चौथ पर भगवान गणेश और वीरावती वाली दो कहानियां पढ़ी जाती है। ऐसा कहा जाता है चतुर्थी तिथि पर पहले पढ़ें गणेश जी की पूजा करें और फिर करवा माता की पूजा होती है, जिसकी कहानी वीरावती से जुड़ी है। इसके बिना व्रत अधूरा माना जाता है। करवा चौथ पर पूजा में सास के लिए बायना रखा जाता है। इसमें पूरियां, मीठा, सुहाग का सामान, कपड़े शामिल होते हैं। इसके अलावा पूजा में करवे जरूर रखे जाते है। इसके बिना पूजा अधूरी मानी जाती है। करवा चौथ के लिए मिट्टी का बना हुआ करवा, चीनी का बना हुआ करवा रौली, सिंदूर, कलावा, पंचामृत, फल. कपूर घूपबत्ती, गंगाजल, चावल, दीपक, रूई, कलावा, बताशे, पंच मेवा आदि का इस्तेमाल होता है।

करवा चौथ पर पढ़ें गणेश जी की कथा-
बहुत समय पहले की बात है। एक अंधी बुढ़िया थी, वो गणेश जी की भक्त थी और विधि विधान से रोजाना गणेश जी का पूजन करती थी। एक दिन गणेश जी उस बुढ़िया से प्रसन्न हो गए और उसको दर्शन देकर बोला कि कि मैं आपकी पूजा से प्रसन्न हूं आपको जो वर मांगना है वो मांग लें। बुढिया कहती है, मुझे मांगना नहीं आता तो कैसे और क्या मांगू। उसनें अपेन बेटे और बहू से पूछा। उन्होंने कहा कि धन मांग लो और बहु ने कहा की पोता मांग लोष तब बुढ़िया ने सोचा कि ये तो मतलबी है, अपने मन की बाते बोल रहे हैं। फिर बुढ़िया ने पड़ोसियों से पूछा तो, पड़ोसियों ने कहा कि बुढ़िया तेरी थोड़ी सी जिंदगी बची है। तो तू अपनी आंखे मांग ले। जिससे तेरी बाकी की जिंदगी सुख से बीते।

उस बुढ़िया ने बेटे और बहू और पड़ौसियों की बातें सुनकर घर में जाकर सोचा, कि क्यों न ऐसी चीज मांग लूं जिसमें बेटा बहू और मेरा सबका ही भला हो। जब दूसरे दिन श्री गणेश जी आए और बोले, कि आपको क्या मांगना है कृप्या बताइए? हमारा वचन है जो आप मांगेगी सो वो हो जाएगा। गणेश जी के वचन सुनकर बुढ़िया बोली, हे गणराज! यदि आप मुझ पर प्रसन्न हैं तो मुझे नौ करोड़ की माया दें, निरोगी काया दें, अमर सुहाग दें, आंखों में प्रकाश दें, नाती पोते दें, और समस्त परिवार को सुख दें। फिर अंत में मोक्ष दें।

बुढ़िया की बात सुनकर गणेश जी बोले -बुढ़िया मां तूने तो मुझे ठग लिया। तथास्तु कहकर गणेश जी अंतर्ध्यान हो गये। हे गणेश जी! जैसे बुढिया मां को मांगे अनुसार आपने सब कुछ दिया वैसे ही सबको देना। बोलो गणपति भगवान की जय

यहां पढ़ें वीरावती की कथा

पढ़िए करवा चौथ व्रत कथा पौराणिक कथा के अनुसार, एक समय की बात है एक साहूकार की वीरावती नाम की बेटी थी। उसके सात भाई थे। जब उसने पहली बार करवा चौथ का व्रत रखा, तो दिन भर भूखी-प्यासी रहने से वह बहुत कमजोर हो गई। भाईयों से बहन की ऐसी हालत देखी ना गई, वो उसे बहुत प्यार करते थे। अपनी बहन का व्रत खुलवाने के लिए भाईयों ने युक्ति सोची। उन्होंने पहाड़ी पर दीपक जलाकर चांद जैसा दृश्य बना दिया। वीरावती ने उसे सचमुच में चांद निकल आया है और भाभियों से बोला- व्रत खोल लो चांद निकल आया है। भाभियों ने कहा कि तुम खोलो, हम तो चांद निकलने पर खोलेगे। लेकिन वीरावती भाईयों की बात में आ गई। अ‌र्घ्य देने के बाद वीरावती भोजनकरने के लिए बैठी तो पहले कौर में बाल निकला, दूसरे कौर में छींक आई और तीसरे कौर में ससुराल से बुलावा और जब वीरावती ससुराल पहुंची, तो उसके पति की मृत्यु हो चुकी थी, जिसकी वजह से वीरावती बिलख बिलखकर रोने लगी। यह देखकर वह बहुत दुखी हुई और सच्चे मन से मां पार्वती की पूजा करने लगी। उसी समय इंद्राणी ने वीरावती से कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चर्तुथी तिथि का व्रत करने के लिए कहा। इसके बाद वीरावती ने विधिपूर्वक व्रत किया। उसने पूरे साल की चौथ का व्रत रखा और करवा चौथ के दिन व्रत रखने पर करवा मां उससे माता पार्वती उससे प्रसन्न हो गईं। उन्होंने उसे वरदान दिया और उसके पति को फिर से जीवित कर दिया। तभी से पति की लंबी आयु के लिए सुहागिन महिलाएं करवा चौथ का व्रत करती है, जिससे पति को दीर्घायु का वरदान प्राप्त होता है। इस परंपरा को आज भी निभाया जा रहा है। हे करवा माता जैसे आपने वीरावती के सुहाग की रक्षा की, वैसे सभी के सुहाग की रक्षा करना।

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Anuradha Pandey

लेखक के बारे में

Anuradha Pandey
अनुराधा पांडे लाइव हिन्दुस्तान में एस्ट्रोलॉजी और करियर सेक्शन लीड कर रही हैं। इन्हें पत्रकारिता जगत में करीब डेढ़ दशक का अनुभव है। ज्योतिष और धर्म-अध्यात्म से जुड़े विषयों पर पिछले 10 सालों से लिख रही हैं। इन्होंने हिंदी पत्रकारिता में पीजी डिप्लोमा भारतीय जनसंचार संस्थान, दिल्ली और ग्रैजुएशन दिल्ली विश्वविद्यालय से किया है। लाइव हिन्दुस्तान में करियर का लंबा हिस्सा बीता और काम करते-करते 9 साल हो गए हैं। एस्ट्रोलॉजी और करियर से जुड़ी खबरों के अलावा हेल्थ पर लिखने शौक है। इससे पहले तीन साल तक आज तक वेबसाइट में एजुकेशन सेक्शन में भी काम किया है। और पढ़ें
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