
Chandra Arghya Vidhi: करवा चौथ पर चांद को अर्घ्य देने का ये है सही विधि, जानें चांद दिखने का समय
संक्षेप: Karwa chauth ko chandrama ko arghya kaise de: हिंदू धर्म में करवा चौथ का व्रत अत्यंत कठिन माना गया है और इसे अन्न और जल ग्रहण किये बिना ही सूर्योदय से रात में चंद्रमा के दर्शन तक किया जाता है। जानें करवा चौथ पर चंद्रमा को कैसे दें अर्घ्य व चांद निकलने का समय।
Karwa Chauth Vrat 10 October 2025, Chand Nikalne ka Samay: 10 अक्टूबर, शुक्रवार को करवा चौथ व्रत रखा जाएगा। हर साल कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को करवा चौथ का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन सुहागिन स्त्रियां अपने पति की लंबी आयु व वैवाहिक जीवन की खुशहाली के लिए निर्जला व्रत करती हैं और शाम को चंद्र दर्शन और अर्घ्य देने के बाद व्रत खोलती हैं। इस दिन भगवान शिव, माता पार्वती और भगवान गणेश के साथ करवा माता की पूजा-अर्चना की जाती है। जानें करवा चौथ के दिन चंद्रमा को कैसे दें अर्घ्य।

करवा चौथ व्रत में चंद्रमा को अर्घ्य देने की सही विधि- करवा चौथ का व्रत करने वाली सुहागिन स्त्रियों को कथा सुनने के बाद चंद्रोदय होने पर कलश में चांदी का सिक्का और अक्षत डालकर अर्घ्य देना चाहिए। इसके बाद छलनी से पति के दर्शन करने चाहिए। इसके बाद जल व मिठाई खाकर व्रत का पारण करती हैं।
करवा चौथ पर चंद्रमा को कब न दें अर्घ्य: हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, सूतक, पातक व मासिक धर्म होने पर महिलाओं को चंद्रमा को अर्घ्य नहीं देना चाहिए। ऐसी स्थिति में चंद्रदेव को पांच बार चावल अर्पण करने चाहिए। करवा चौथ व्रत कथा स्वयं न पढ़कर किसी और से सुनना चाहिए।
करवा चौथ पूजन मुहूर्त: हिंदू पंचांग के अनुसार, चतुर्थी तिथि 09 अक्टूबर को रात 10 बजकर 54 मिनट पर प्रारंभ होगी और चतुर्थी तिथि का समापन अगले दिन 10 अक्टूबर को शाम 07 बजकर 38 मिनट पर होगा। करवा चौथ पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 05 बजकर 57 मिनट से शाम 07 बजकर 11 मिनट तक रहेगा।
करवा चौथ के दिन चांद निकलने का समय: करवा चौथ के दिन यानी 10 अक्टूबर को चांद निकलने का समय रात 08 बजकर 13 मिनट है।
करवा चौथ में चांद को अर्घ्य देते समय क्या बोलना चाहिए: करवा चौथ पर चंद्रमा को अर्घ्य देते समय'ॐ श्रां श्रीं श्रौं स: चन्द्रमसे नम:', 'ॐ श्रीं श्रीं चन्द्रमसे नम:', 'ऊँ दधिशंखतुषाराभं क्षीरोदार्णवसंभवम नमामि शशिनं सोमं शंभोर्मुकुटभूषणम' मंत्र का जाप करना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से वैवाहिक जीवन खुशहाल व सुखद होता है।
डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।





