करवा चौथ पर बन रहा है अशुभ योग, इस मुहूर्त से पहले कर लें करवा चौथ की पूजा
संक्षेप: Karwa chauth puja Muhurat: कार्तिक मास की चतुर्थी पर रखे जाने वाले करवाचौथ व्रत के दौरान इस वर्ष सिद्धि और व्याप्ति योग बनेंगे। मान्यता है कि माता पार्वती ने शिव के लिए, द्रौपदी ने पांडवों के लिए करवा चौथ व्रत किया था। व्रत के प्रभाव से सुहागिनें अखंड सौभाग्य प्राप्त करती हैं।

कार्तिक मास की चतुर्थी पर रखे जाने वाले करवाचौथ व्रत के दौरान इस वर्ष सिद्धि और व्याप्ति योग बनेंगे। मान्यता है कि माता पार्वती ने शिव के लिए, द्रौपदी ने पांडवों के लिए करवा चौथ व्रत किया था। व्रत के प्रभाव से सुहागिनें अखंड सौभाग्य प्राप्त करती हैं। कठिन परिस्थितियों में भी करवा माता उनके सुहाग की रक्षा करती हैं। इस व्रत से वैवाहिक जीवन में खुशहाली आती है। भृगु संहिता विशेषज्ञ पं. वेदमूर्ति शास्त्री ने बताया कि यह व्रत सुहागिनें पति की दीर्घायु एवं सुखी वैवाहिक जीवन की कामना से रखती हैं। करवा चौथ का व्रत सूर्योदय से रात्रि में चंद्रोदय तक रखा जाता है। चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद जल ग्रहण करती हैं।
व्रत पर्व का विधान
करवा चौथ व्रत में सुहागिनें सूर्योदय से पहले सरगी ग्रहण करती हैं। उसके बाद पूरे दिन निराजल व्रत रखती हैं। शाम को शृंगार कर प्रथमेश, चौथ माता, करवा माता का पूजन करती है। रात में चंद्रमा के उदित होने पर चलनी की ओट से उनका दर्शन कर अर्घ्य देती हैं। पति के हाथों जल ग्रहण करतीं हैं।
किस योग में नहीं करना चाहिए करवा चौथ की पूजा
सिद्धि योग के संयोग से करवाचौथ के व्रत का प्रभाव विशेष होगा। वहीं इसके बाद लगने वाला व्यतिपात योग अशुभ प्रभाव वाला है। इस योग के प्रभाव से बचाव के लिए 10 अक्तूबर की शाम 05:42 बजे से पहले पूजन के विधान पूर्ण कर लें। चंद्रोदय काल के लिए सिर्फ चंद्रपूजन और जल ग्रहण का विधान ही शेष रखें।
कब लग रही है करवा चौथ तिथि
काशी के सर्वमान्य पंचांगों में शुमार ऋषिकेश और महावीर पंचांग के अनुसार कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 9 अक्तूबर की रात 10: 55 बजे लगेगी। 10 अक्तूबर शाम 07: 39 बजे तक रहेगी। इस दिन चंद्रोदय रात 8:03 बजे होगा। कृत्तिका नक्षत्र 9 अक्तूबर रात 8:03 से 10 अक्तूबर की शाम 5: 32 बजे तक रहेगा। इसके बाद रोहिणी नक्षत्र लगेगा जो 11 अक्तूबर को दिन में 3:27 बजे तक रहेगा।





