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Kartik Purnima Deepdaan: पितरों को दीपदान करें, कैसे दीपदान से मिलेंगी मां लक्ष्मी और विष्णु जी होंगे प्रसन्न

Kartik Purnima Deepdaan: पितरों को दीपदान करें, कैसे दीपदान से मिलेंगी मां लक्ष्मी और विष्णु जी होंगे प्रसन्न

संक्षेप: कार्तिक माह की पूर्णिमा आज मनाई जाएगी। इस तिथि को देव दीपोत्सव, त्रिपुरारी पूनम और गुरु नानक देव जयंती भी कहा जाता है। पितरों को दीपदान करें, कैसे दीपदान से मिलेंगी मां लक्ष्मी और विष्णु जी होंगे प्रसन्न यहां जानें

Wed, 5 Nov 2025 11:51 AMAnuradha Pandey लाइव हिन्दुस्तान
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कार्तिक माह की पूर्णिमा आज मनाई जाएगी। इस तिथि को देव दीपोत्सव, त्रिपुरारी पूनम और गुरु नानक देव जयंती भी कहा जाता है। पुराणों में कहा गया है कि कार्तिक मास में भगवान्‌ विष्णु को प्रिय लगने वाले आकाशदीप का विधिपूर्वक दान देना चाहिए। जो संसार में भगवान्‌ विष्णु को प्रसन्न करने के लिए आकाश दीपदान करते हैं, वे कभी यमराजका दर्शन नहीं करते। उन्हें भगवान की कृपा से उत्तम स्वास्थ्य और धन संपत्ति मिलती है। एकादशीसे, तुलाराशि के सूर्य से अथवा पूर्णिमा तक लक्ष्मीसहित भगवा न्विष्णु को प्रसन्न के लिए दीपदाव किया जाना चाहिए। इस पूर्णिमा पर गंगा स्नान, दान-पुण्य और पूजा पाठ करने से भक्तों को अक्षय फल की प्राप्ति होती है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन सभी देवी-देवता काशी के गंगा घाट पर आकर दीपोत्सव मनाते हैं। वे पृथ्वी वासियों को आशीर्वाद देते हैं। पूर्णिमा तिथि 4 नवंबर की रात 10:36 बजे से शुरू होकर 5 नवंबर की शाम 6:49 बजे तक रहेगी, इसलिए उदया तिथि के अनुसार स्नान-दान 5 नवंबर को करना उत्तम होगा।

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किस मंत्र से पितरों को दीपदान करें, कैसे दीपदान से मिलेंगी मां लक्ष्मी
नमः पितुभ्यः प्रेतेभ्यो नमो धर्माय विष्णवे। नमो यमाय रुद्राय कान्तारपतये नमः॥ 'पितरोको नमस्कार है, प्रेतों को नमस्कार है, धर्मस्वरूप विष्णु को नमस्कार है, यमराज को नमस्कार है तथा दुर्गम पथ में रक्षा करने वाले भगवान्‌ रुद्रको नमस्कार है।' पुराणों में कहा गया है कि जो इस मंत्र से अपने पितरों के लिए कार्तिक पूर्णिमा के दिन आकाश में दीपदान करते हे, उनके वे पितर नरकमें हों तो भी उत्तम गति को प्राप्त होते हैं। जो देवालय में, नदी के किनारे, सड़क पर और नींद लेने के स्थान में दीप देता है, उसे मां लक्ष्मी प्राप्त होती हैं। जो ब्राह्मण अपने घर में तो दीप जलाता है, लेकिन अन्य के मन्दिर में दीपक जलाता है, वह विष्णु लोक में जाता है। जो कोयले से भरी हुई दुर्गम एवं ऊंची-नीची भूमिपर दीपदान करता है, वह नरक में नहीं जाता है, इसलिए भगवान विष्णु के लिए हर जगह इस दिन दीपदान करना चाहिए। इस विषय में कहा गया है कि पहले समय में राजा धर्मनन्दन ने आकाश दीप-दान किया था, जिसके उन्होंने मोक्ष को पाया। अगर जीवन में भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करनी है, तो आपको कपूर से दीपक जलाना चाहिए। ऐसा कहा जाता है कि जो व्यक्ति ऐसा करता है, भगवान विष्णु की कृपा मिलती है, वह यहां सुख भोगता है और फिर भगवान विष्णु की कृपा से मोक्ष पाता है।

डिस्क्लेमर: यह खबर विभिन्न माध्यमों, धर्म ग्रंथों और विशेषज्ञों के सलाह पर आधारित है। किसी भी तरह की विशेष जानकारी के लिए धर्म विशेषज्ञ से उचित सलाह लें।

Anuradha Pandey

लेखक के बारे में

Anuradha Pandey
अनुराधा पांडे लाइव हिन्दुस्तान में एस्ट्रोलॉजी और करियर सेक्शन लीड कर रही हैं। इन्हें पत्रकारिता जगत में करीब डेढ़ दशक का अनुभव है। ज्योतिष और धर्म-अध्यात्म से जुड़े विषयों पर पिछले 10 सालों से लिख रही हैं। इन्होंने हिंदी पत्रकारिता में पीजी डिप्लोमा भारतीय जनसंचार संस्थान, दिल्ली और ग्रैजुएशन दिल्ली विश्वविद्यालय से किया है। लाइव हिन्दुस्तान में करियर का लंबा हिस्सा बीता और काम करते-करते 9 साल हो गए हैं। एस्ट्रोलॉजी और करियर से जुड़ी खबरों के अलावा हेल्थ पर लिखने शौक है। इससे पहले तीन साल तक आज तक वेबसाइट में एजुकेशन सेक्शन में भी काम किया है। और पढ़ें
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