Jaya Ekadashi Vrat : जया एकादशी व्रत 8 फरवरी को, नोट कर लें पूजा-विधि, शुभ मुहूर्त
- हिंदू धर्म में एकादशी का बहुत अधिक महत्व होता है। हर माह में दो बार एकादशी पड़ती हैं। माघ माह में पड़ने वाली एकादशी को जया एकादशी के नाम से जाना जाता है।

Jaya Ekadashi Vrat 2025 : एकादशी तिथि भगवान विष्णु को अतिप्रिय होती है। इस दिन विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना की जाती है। हिंदू धर्म में एकादशी का बहुत अधिक महत्व होता है। हर माह में दो बार एकादशी पड़ती हैं। साल में कुल 24 एकादशी पड़ती हैं। एक शुक्ल पक्ष में और एक कृष्ण पक्ष में। माघ माह में पड़ने वाली एकादशी को जया एकादशी के नाम से जाना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करने से भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है और मृत्यु के पश्चात मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस साल जया एकादशी 8 फरवरी, शनिवार को है।
मुहूर्त-
एकादशी तिथि प्रारम्भ - फरवरी 07, 2025 को 09:26 पी एम बजे
एकादशी तिथि समाप्त - फरवरी 08, 2025 को 08:15 पी एम बजे
पारण (व्रत तोड़ने का) समय 9 फरवरी को 07:04 ए एम से 09:17 ए एम
पारण तिथि के दिन द्वादशी समाप्त होने का समय - 07:25 पी एम
जया एकादशी व्रत पूजा-विधि:
सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं। फिर घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।भगवान विष्णु का गंगा जल से अभिषेक करें। भगवान विष्णु को पुष्प और तुलसी दल अर्पित करें।भगवान की आरती करें। आरती के बाद भगवान को भोग लगाएं। इस बात का विशेष ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है। भगवान विष्णु के भोग में तुलसी को जरूर शामिल करें। ऐसा माना जाता है कि बिना तुलसी के भगवान विष्णु भोग ग्रहण नहीं करते हैं।इस पावन दिन भगवान विष्णु के साथ ही माता लक्ष्मी की पूजा भी करें। इस दिन भगवान का अधिक से अधिक ध्यान करें। अगर संभव हो तो इस दिन व्रत भी रखें।
सामग्री की लिस्ट- श्री विष्णु जी का चित्र अथवा मूर्ति, पुष्प, नारियल, सुपारी, फल, लौंग, धूप, दीप, घी, पंचामृत, अक्षत, तुलसी दल, चंदन, मिष्ठान।
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