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Indira Ekadashi : इंदिरा एकादशी कब है? नोट कर लें डेट, पूजा विधि, मुहूर्त और उपाय

Indira Ekadashi : इंदिरा एकादशी कब है? नोट कर लें डेट, पूजा विधि, मुहूर्त और उपाय

संक्षेप: Indira Ekadashi : हिंदू पंचांग के अनुसार भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को इंदिरा एकादशी कहा जाता है। यह तिथि पितृपक्ष में आती है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने और पूजा करने से भगवान विष्णु की कृपा मिलती है और पूर्वजों की आत्मा को शांति व मोक्ष की प्राप्ति होती है। श्राद्ध

Sun, 14 Sep 2025 11:49 PMYogesh Joshi लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्ली
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Indira Ekadashi : हिंदू पंचांग के अनुसार भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को इंदिरा एकादशी कहा जाता है। यह तिथि पितृपक्ष में आती है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने और पूजा करने से भगवान विष्णु की कृपा मिलती है और पूर्वजों की आत्मा को शांति व मोक्ष की प्राप्ति होती है। श्राद्ध करने वालों के लिए यह खास दिन माना गया है। इंदिरा एकादशी व्रत से पापों का क्षय होता है और पूर्वजों की आत्मा को मोक्ष मिलता है। जीवन में शांति, समृद्धि और मनोकामना पूर्ति की आशा होती है। पितृपक्ष के दौरान यह व्रत करने से विशेष पुण्यफल प्राप्त होता है।

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इंदिरा एकादशी डेट- इस साल 17 सितंबर को इंदिरा एकादशी है।

मुहूर्त

एकादशी तिथि प्रारम्भ - सितम्बर 17, 2025 को 12:21 ए एम बजे

एकादशी तिथि समाप्त - सितम्बर 17, 2025 को 11:39 पी एम बजे

पारण (व्रत तोड़ने का) समय - 18 सितंबर को 06:27 ए एम से 08:53 ए एम तक

पारण तिथि के दिन द्वादशी समाप्त होने का समय - 11:24 पी एम

पूजा विधि- प्रातःकाल ब्रह्ममुहूर्त में उठकर स्नान करें, स्वच्छ वस्त्र पहनें और घर के पूजा स्थान को अच्छी तरह साफ करें। भगवान विष्णु की मूर्ति या चित्र स्थापित करें। गंगा जल या शुद्ध जल से अभिषेक करें और चंदन, अक्षत, फूल, धूप, दीप से पूजन करें। विष्णु सहस्रनाम या उनके मंत्र का जप करें। पूजा के बाद भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की आरती करें और दिनभर भक्ति व स्मरण में रहें। भगवान विष्णु को तुलसी जी और सात्विक भोग अर्पित करें। व्रत रखने वाले पारण समय में अगले दिन व्रत खोलें।

पूजा सामग्री की लिस्ट-

भगवान विष्णु का चित्र/मूर्ति, तुलसी दल, पुष्प नारियल, सुपारी, फल, धूप, दीप, घी, अक्षत (चावल), पंचामृत, मिष्ठान

उपाय-

  1. संध्या समय पीपल के नीचे या नदी किनारे एक घी का दीपक जलाएं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यह दीपक नकारात्मकता को दूर करता है।
  2. गरीबों, ब्राह्मणों या जरूरतमंदों को भोजन, कपड़े या दक्षिणा दें। विशेषकर तिल, गुड़, फल और अनाज का दान शुभ माना जाता है। इस दिन दान करने से शुभ फल मिलता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार दान करने से कई गुना अधिक फल मिलता है।
  3. ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र का जप करें। हिंदू धर्म में मंत्र जप करने का विशेष महत्व होता है। जप करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं।

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Yogesh Joshi

लेखक के बारे में

Yogesh Joshi
योगेश जोशी हिंदुस्तान डिजिटल में सीनियर कंटेंट प्रड्यूसर हैं। उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के मेहला गांव के रहने वाले हैं। पिछले छह सालों से पत्रकरिता कर रहे हैं। एनआरएआई स्कूल ऑफ मास कम्युनिकेश से जर्नलिज्म में स्नातक किया और उसके बाद 'अमर उजाला डिजिटल' से अपने करियर की शुरुआत की, जहां धर्म और अध्यात्म सेक्शन में काम किया।लाइव हिंदुस्तान में ज्योतिष और धर्म- अध्यात्म से जुड़ी हुई खबरें कवर करते हैं। पिछले तीन सालों से हिंदुस्तान डिजिटल में कार्यरत हैं। अध्यात्म के साथ ही प्रकृति में गहरी रुचि है जिस कारण भारत के विभिन्न मंदिरों का भ्रमण करते रहते हैं। और पढ़ें
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