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हिन्दू विवाह में क्यों लिए जाते हैं 7 फेरे, जानें अंक 7 का रहस्य

हिन्दू धर्म में शादी को काफी पवित्र रिश्ता माना जाता है। जिसे मजबूत बनाने के लिए विवाह के समय कई परंपराएं निभाई जाती हैं। इन्हीं परंपराओं में शामिल है 7 फेरे, 7 वचन लेना आदि। जिसके बिना हिन्दू धर्म...

हिन्दू विवाह में क्यों लिए जाते हैं 7 फेरे, जानें अंक 7 का रहस्य
लाइव हिन्दुस्तान,नई दिल्लीWed, 31 Oct 2018 06:47 PM
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हिन्दू धर्म में शादी को काफी पवित्र रिश्ता माना जाता है। जिसे मजबूत बनाने के लिए विवाह के समय कई परंपराएं निभाई जाती हैं। इन्हीं परंपराओं में शामिल है 7 फेरे, 7 वचन लेना आदि। जिसके बिना हिन्दू धर्म में कोई भी विवाह संपूर्ण नहीं माना जाता। ये परंपराएं सदियों से चली आ रही है। लेकिन क्या आप इसके पीछे का रहस्य या अंक 7 का महत्व जानते हैं।

हिन्दू शादी में क्यों लिए जाते हैं 7 फेरे...

मान्यता है कि विवाह के 7 फेरे जीवन की संपूर्णता को दर्शाते हैं। इसमें जप, तप, व्रत, नियम, दान, कर्म एवं स्वाध्याय बिंदु ही विवाह की परंपरा को पूरा करते हैं। इन 7 फेरों को सात जन्मों का प्रतीक भी माना गया है, क्योंकि हिन्दू धर्म में माना जाता है कि व्यक्ति इस धरती पर 7 बार जन्म लेता है। इसके साथ ही एक मनोवैज्ञानिक कारण यह भी है कि अंक 7 किसी और अंक से विभाजित नहीं हो सकता है, जिस वजह से माना जाता है कि 7 फेरों के साथ ये शादी का बंधन भी अटूट रहेगा।

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भारतीय सभ्यता में अंक 7 का काफी महत्व है। हम सुर, इंद्रधनुष, ग्रहों, तल, समुद्र, ऋषि, लोक, सूर्य के घोड़े, धातु, द्वीप, दिन आदि में 7 अंक की प्रमुखता देख सकते हैं। इससे अलग शरीर में ऊर्जा के 7 केंद्र भी माने गए हैं, जिन्हें चक्र की संज्ञा दी गई है। यही चक्र हमें जीवनदायिनी शक्ति प्रदान करते हैं।

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