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Ganesh Chaturthi 2024: गणेश जी की मूर्ति स्थापना कब और कैसे करें? जानें नियम

  • Ganesh Murti Sthapna Niyam : ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, गणेश चतुर्थी के दिन शुभ मुहूर्त में गणेश स्थापना के साथ मूर्ति स्थापित करने के कुछ नियमों का ध्यान रखना चाहिए। आइए जानते हैं गणेशजी स्थापना के नियम...

Arti Tripathi लाइव हिन्दुस्तानSat, 7 Sep 2024 03:55 AM
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Ganesh Chaturthi Murti Sthapna Muhurat Niyam : हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को विघ्नहर्ता गणपति बप्पा का जन्मोत्सव मनाया जाता है। द्रिक पंचांग के अनुसार,07 सितंबर 2024 को गणेश चतुर्थी है। गणेशजी के भक्तों को इस पर्व का प्रत्येक वर्ष बेसब्री से इंतजार रहता है। धार्मिक मान्यता है कि गणेश चतुर्थी से अनंत चतुर्दशी तक 11 दिनों के गणेश जी धरती पर अपने भक्तों के घर पधारते हैं और गणेश विसर्जन के दिन अगले साल आने का वादा करके लौट जाते हैं। कहा जाता है कि गणेश चतुर्थी के दिन व्रत और पूजन से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन के दुख-बाधाओं से छुटकारा मिलता है। हालांकि, गणेश जी मूर्ति स्थापित करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। आइए जानते हैं गणेशजी की मूर्ति स्थापना के नियम..

गणेश मूर्ति स्थापना के नियम :

गणेशजी की मूर्ति हमेशा पूजा के शुभ मुहूर्त में स्थापित करें। मध्याह्न काल में पूजा और मूर्ति स्थापना का सबसे उत्तम मुहूर्त होता है। ज्योतिषाचार्य पं. मनोज कुमार द्विवेदी के अनुसार,आज 07 सितंबर को सुबह 10 : 51 एएम से लेकर दोपहर 1: 22 पीएम तक गणेशजी की मूर्ति स्थापना कर सकते हैं।

गणेशजी की मूर्ति स्थापित करने से पहले एक छोटी चौकी पर लाल या पीला कपड़ा बिछाएं।

एक बार प्रतिमा स्थापित करने के बाद वहां से न हटाएं और विसर्जन के समय ही मूर्ति हिलाएं।

घर में गणपति बप्पा के आगमन के बाद तामसिक भोजन का सेवन न करें और न ही घर में ऐसे पकवान बनाएं।

वास्तु में दाईं सूड़ वाले जनेऊधारी और मूषक साथ बैठी हुई मुद्रा में गणपति बप्पा की प्रतिमा को घर लाना शुभ फलदायी माना गया है।

इसके अलावा गणेश जी की प्रतिमा घर लाते समय ध्यान दें कि मूर्ति के साथ उनके हाथों में मोदक और उनका वाहन मूषक जरूर हो क्योंकि गणेश जी को मोदक बहुत प्रिय है।

गणेशजी की मूर्ति स्थापना के बाद नियमित सुबह-शाम उनकी विधिविधान से पूजा करें और लोगों के बीच प्रसाद वितरण करें।

गणेशजी की मूर्ति घर के पूर्व या पश्चिम दिशा में स्थापित करना शुभ होता है। घर की दक्षिण दिशा में प्रतिमा ना रखें। इसके ईशान कोण( उत्तर-पूर्व) में भी गणेश जी की मूर्ति रख सकते हैं।

डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य है और सटीक है। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

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