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दशहरा पर बन रहे हैं बेहद शुभ संयोग, नोट कर लें सभी शुभ मुहूर्त और संपूर्ण पूजा विधि

दशहरा पर बन रहे हैं बेहद शुभ संयोग, नोट कर लें सभी शुभ मुहूर्त और संपूर्ण पूजा विधि

संक्षेप: दशहरा, जिसे विजयादशमी भी कहा जाता है, बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। इसे हिंदू धर्म में विशेष महत्व दिया जाता है क्योंकि इस दिन भगवान राम ने रावण का वध किया और मां दुर्गा ने महिषासुर का संहार किया। इस साल विजयादशमी 2 अक्टूबर 2025, गुरुवार यानी आज मनाई जा रही है

Thu, 2 Oct 2025 08:05 AMYogesh Joshi लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्ली
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दशहरा, जिसे विजयादशमी भी कहा जाता है, बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। इसे हिंदू धर्म में विशेष महत्व दिया जाता है क्योंकि इस दिन भगवान राम ने रावण का वध किया और मां दुर्गा ने महिषासुर का संहार किया। इस साल विजयादशमी 2 अक्टूबर 2025, गुरुवार यानी आज मनाई जा रही है। दशमी तिथि 1 अक्टूबर की शाम 7:02 बजे से शुरू होकर 2 अक्टूबर की शाम 7:10 बजे तक रहेगी। खास बात यह है कि इस दिन श्रवण नक्षत्र और रवि योग का भी संयोग बन रहा है, जो शुभ कार्यों और धार्मिक अनुष्ठानों के लिए अत्यंत लाभकारी माना जाता है।श्रवण नक्षत्र 2 अक्टूबर की सुबह 9:14 बजे से शुरू होकर 3 अक्टूबर की सुबह 9:34 बजे तक रहेगा। इस नक्षत्र में किए गए धार्मिक कार्य और पूजा-अर्चना को बहुत शुभ माना जाता है। साथ ही, रवि योग का प्रभाव पूरे दिन रहेगा, जिससे यह दिन नए कार्यों की शुरुआत के लिए बेहद अनुकूल है।

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रावण दहन का शुभ मुहूर्त- रावण दहन प्रदोष काल में किया जाता है। सूर्यास्त 6:05 बजे होगा। इसके बाद रावण ही दहन किया जाएगा।

विजय मुहूर्त - 02:27 पी एम से 03:15 पी एम

अवधि - 00 घण्टे 48 मिनट्स

अपराह्न पूजा का समय - 01:39 पी एम से 04:03 पी एम

अवधि - 02 घण्टे 23 मिनट्स

पूजा विधि

स्नान और शुद्धता- प्रातःकाल स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनें।

रावण प्रतिमा- गेहूं या मिट्टी से रावण का पुतला बनाएं।

गोबर के गोले- गाय के गोबर से नौ गोले बनाकर उन पर जौ और दही लगाएं।

झांकी पूजा- भगवान राम की झांकी पर जौ चढ़ाएं।

कटोरियों में सामग्री- दो कटोरियों में सिक्के, रोली, चावल, फल, फूल और जौ रखें।

अर्पित सामग्री- पुतले पर केले, मूली, गुड़, चावल और ग्वारफली चढ़ाएं।

धूप और दीपक- पूजा के दौरान धूप और दीपक जलाएं।

बहीखाता पूजा- व्यापारी बहीखाते पर जौ और रोली चढ़ाएं।

दान- ब्राह्मणों को दान करें।

आशीर्वाद- रावण दहन के बाद घर के बड़े लोगों का आशीर्वाद लें।

विशेष उपाय

शमी का पूजन – शमी के पौधे की पूजा से घर में सुख, समृद्धि और बरकत आती है।

दीप प्रज्वलन – शाम को शमी के पौधे के नीचे घी का दीपक जलाएं।

शस्त्र पूजा-

शस्त्र पूजन का शुभ समय दोपहर 2:09 बजे से शुरू होकर 2:56 बजे तक रहेगा। इस दौरान आप अपने हथियार, अस्त्र-शस्त्र या पूजा में उपयोग होने वाले औजारों की पूजा कर सकते हैं।

शस्त्र पूजन की विधि

सबसे पहले अपने सभी अस्त्र-शस्त्रों को पूजा स्थान पर इकट्ठा करें।

एक साफ चौकी लें और उस पर लाल रंग का वस्त्र बिछाएं।

शस्त्रों को अच्छी तरह साफ करके चौकी पर व्यवस्थित करें।

शस्त्रों पर गंगाजल का छिड़काव करें और भगवान के मंत्रों का स्मरण करें।

अब उन शस्त्रों पर कलावा बांधें, तिलक लगाएं और भगवान राम के नाम का जाप करें।

शस्त्रों पर ताजे फूलों की माला अर्पित करें।

अंत में शुद्ध देसी घी का दीपक जलाएं और परिवार की सुख-समृद्धि की कामना करें।

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Yogesh Joshi

लेखक के बारे में

Yogesh Joshi
योगेश जोशी हिंदुस्तान डिजिटल में सीनियर कंटेंट प्रड्यूसर हैं। उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के मेहला गांव के रहने वाले हैं। पिछले छह सालों से पत्रकरिता कर रहे हैं। एनआरएआई स्कूल ऑफ मास कम्युनिकेश से जर्नलिज्म में स्नातक किया और उसके बाद 'अमर उजाला डिजिटल' से अपने करियर की शुरुआत की, जहां धर्म और अध्यात्म सेक्शन में काम किया।लाइव हिंदुस्तान में ज्योतिष और धर्म- अध्यात्म से जुड़ी हुई खबरें कवर करते हैं। पिछले तीन सालों से हिंदुस्तान डिजिटल में कार्यरत हैं। अध्यात्म के साथ ही प्रकृति में गहरी रुचि है जिस कारण भारत के विभिन्न मंदिरों का भ्रमण करते रहते हैं। और पढ़ें
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