Hindi Newsधर्म न्यूज़Diwali laxmi puja muhurat 2024 Deepawali ganesh lakshmi puja timing 31 October Check diwali laxmi pujan time

Diwali Laxmi Puja Muhurat 2024: आज दिवाली पर लक्ष्मी पूजन का मुहूर्त कितने बजे से है? जानें पंडित जी से

  • Diwali laxmi puja muhurat 2024: दिवाली का त्योहार देश में बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन को लोगों को बेसब्री से इंतजार रहता है। दिवाली के दिन मां लक्ष्मी, भगवान गणेश व भगवान कुबेर की पूजा का विधान है। जानें दिवाली पर लक्ष्मी पूजन का सबसे उत्तम समय क्या है। जानें पंडित जी से-

Saumya Tiwari लाइव हिन्दुस्तानWed, 30 Oct 2024 11:43 PM
share Share

Diwali 2024 Ganesh Laxmi Pujan Muhurat 2024: कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को दिवाली का पर्व मनाया जाता है। इस साल दीवाली 31 अक्तूबर 2024, गुरुवार यानी आज है, हालांकि पंचांग भेद के कारण कुछ जगहों पर दिवाली 1 नवंबर को भी मनाई जाएगी। दिवाली के दिन शाम को प्रदोष काल में लक्ष्मी-गणेश पूजन का विधान है। मान्यता है कि इस दिन शुभ मुहूर्त में भगवान गणेश, माता लक्ष्मी व भगवान कुबेर की पूजा करने से सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है। जानें इस साल दिवाली पर लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त कब से है-

अमावस्या तिथि कब से कब तक- अमावस्या तिथि 31 अक्तूबर 2024, को दोपहर 03 बजकर 52 मिनट पर प्रारंभ होगी और 1 नवंबर को शाम 06 बजकर 16 मिनट तक रहेगी।

दीवाली पर गणेश-लक्ष्मी पूजन मुहूर्त 2024 कब है (Diwali laxmi Pujan timing)

पं. वेदमूर्ति शास्त्री के अनुसार, 31 अक्टूबर को पूजन मुहूर्त दिन में पूजन करने की अनिवार्यता की स्थिति में कुंभ लग्न में अपराह्न 01:33 बजे से 03:04 बजे तक रहेगा। सर्वोत्तम मुहूर्त वृष लग्न में 31 अक्तूबर की शाम 06:11 बजे से रात 08:08 बजे तक रहेगा। तांत्रिक पूजा सिंह लग्न में रात 12:39 बजे से 02:53 बजे तक तक रहेगा।

दीपावली सनातनी परंपरा में रात में मनाए जाने वाले प्रमुख पर्वों में एक है। तीसरी महानिशा के रूप में प्रतिष्ठित कालरात्रि का पर्व जनसामान्य में दिवाली के नाम से प्रचलित है। सूर्यास्त से अगले सूर्योदय के बीच का काल विशेष रूप से प्रभावी है। मोहरात्रि, महाशिवरात्रि, होलिका दहन, शरद पूर्णिमा की भांति ही दीपावली में भी संपूर्ण रात्रि जागरण का विधान है। कालरात्रि वह निशा है जिसमें तंत्र साधकों के लिए सर्वाधिक अवसर होते हैं। जनकल्याण की कई विशिष्ट सिद्धियां की जाती हैं। तंत्र साधकों के लिए यह महानिशा विशेष महत्व रखती है। कालरात्रि में औघड़ पंथ के साधक जनकल्याण के लिए विशिष्ट सिद्धियां अर्जित करने को महा श्मशान पर अनुष्ठान करते हैं।

इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें