जैसे एक किसान खेत जोतकर बीज डाल देता है। फिर उसमें कैसे और कितनी पैदावार होगी, यह उसके अधीन नहीं। ठीक यही हाल हमारे कर्मों का है, जिसे हमें साक्षी भाव से करते हुए भावी पर छोड़ निश्चित हो रहना चाहिए।
Tue, 16 Aug 2022 10:27 AMजीवन अस्सी प्रतिशत आनंद है और बीस प्रतिशत दुख है। लेकिन हम उस बीस प्रतिशत को पकड़ कर बैठ जाते हैं और उसे कई गुना बढ़ा लेते हैं। यह जानबूझ कर नहीं होता है। हमें प्रयास करके अंतस में बसे आनंद को अधिक से
Tue, 16 Aug 2022 09:52 AMध्यान का अर्थ एकाग्रता नहीं है। ध्यान का अर्थ है सजगता। जितना चित्त जागेगा, उतना ही ज्यादा भीतर प्रवेश होगा। जितना चित्त जागेगा, उतना ही विचार विसर्जित हो जाएंगे। जैसे ही आप जागेंगे, एक क्षण को भी जाग
Mon, 15 Aug 2022 12:05 PMआध्यात्मिक शक्ति सबसे प्रबल होती है। प्रश्न यह है कि कोई ऐसी आध्यात्मिक शक्ति कैसे प्राप्त कर सकता है? साधना के अभ्यास से व्यक्ति आध्यात्मिक शक्ति प्राप्त कर सकता है।
Mon, 15 Aug 2022 11:57 AMश्रीमद्भगवद्गीता में ‘प्रकृति’ को अनूठे रूप में परिभाषित किया गया है। प्रकृति यानी कृति से पहले। सृजन से पहले ही जिसकी शाश्वत उपस्थिति हो, वही प्रकृति है। गौरतलब है कि अंग्रेजी भाषा में ‘प्रकृति’ का अ
Tue, 19 Jul 2022 01:54 PMमनुष्य को सदैव जागृत रहना चाहिए। प्रत्येक प्राणी से स्नेह भी जरूरी है, क्योंकि हर कण में ईश्वर का अंश समाहित है।
Tue, 19 Jul 2022 12:08 PMशिव के शरीर में सर्प लिपटे रहते हैं, ऐसा पुराणों में कहा गया है। सर्प साक्षात विष या मृत्यु का लक्षण है। किन्तु अमृतस्वरूप शिव पर उस विष या मृत्यु का कोई प्रभाव नहीं होता। मानसिक या मनन समाधि के देवता
Tue, 19 Jul 2022 12:04 PMसोशल मीडिया पर कथावाटक जया किशोरी के वीडियो किसी भी बॉलीवुड सिलेब्स के वीडियो से कम वायरल नहीं होते और सभी सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म्स पर उनकी फॉलोइंग भी किसी बड़े स्टार को टक्कर देती है।
Thu, 14 Jul 2022 06:40 PMअगर आप गुरु की ओर एक कदम बढ़ाते हैं, तो गुरु आपकी ओर सौ कदम बढ़ाते हैं। लेकिन वह पहला कदम आपको यानी शिष्य को ही उठाना पड़ता है। अपने गुरु के जितने निकट आप जाते जाएंगे, उतने ही आप खिलते चले जाएंगे।
Tue, 12 Jul 2022 01:19 PMदेवाधिदेव महादेव की पूजा-अर्चना ऐसे तो पूरे वर्ष अप्रतिम श्रद्धा व विश्वास से की जाती है, पर श्रावण मास शिव को विशेष रूप से प्रिय है। यही कारण है शिव की शक्ति देवी भवानी की भी विशेष पूजा-अर्चना श्रावण
Tue, 12 Jul 2022 08:52 AMchaturmas 2022 : भारतीय संस्कृति प्रारम्भ से ही अहिंसा, संयम, तप और जीव मात्र के प्रति गहरी करुणा, भावना पर आधारित रही है। संन्यासियों को आदर्श मानकर जहां उनके लिए कठोर नियम बनाए गए हैं, वहीं गृहस्थों
Tue, 12 Jul 2022 08:46 AMजो परिवर्तनशील इंद्रिय अनुभवों से प्रभावित हुए बिना दुख-सुख, सर्दी-गर्मी में समभाव में रहता है, वह मनुष्यों में एक सच्चा राजा बन जाता है। अपरिवर्तनशीलता को प्राप्त करके वह अपरिवर्तनीय परमात्मा के साथ
Tue, 28 Jun 2022 10:36 AMप्रथम तीर्थंकर ऋषभदेव ने सर्वप्रथम योग विद्या का उपदेश दिया। उन्होंने सर्वप्रथम आसन, तप, ध्यान किया और शुद्ध आत्मा को प्राप्त किया और उपदेश दिया कि आत्मा ही संवर और योग है।
Wed, 22 Jun 2022 08:13 AMभक्ति का आनंद अलौकिक होता है। जो इसके रस में सराबोर हो गया, वह सांसारिक कष्टों से उबर जाता है। अब प्रश्न उठता है कि भक्ति है क्या? इस प्रश्न का उत्तर भक्त शिरोमणि माता शबरी को भगवान राम ने बताया था।
Tue, 14 Jun 2022 09:43 AMजब व्यक्ति को अंतर्ज्ञान प्राप्त हो जाता है, तो उसके सभी कष्ट और संकट दूर हो जाते हैं। मन सुख और दुख का बोधक है, लेकिन ब्रह्म अतिमानसिक अवस्था से भी ऊपर है। उसे पाने के लिए आपको अपने मन की सीमा को पार
Tue, 07 Jun 2022 10:29 AMओंकार के नाद में लिपटे हुए शब्द जब आते हैं, बस कोई इसे हृदय से सुनने वाला चाहिए! ये शब्द शून्य से आते हैं। अगर तुम्हें भी इस शून्य की थोड़ी-थोड़ी झलकियां आने लगी हों, तो ही तुम इन अपूर्व वचनों का रस प
Fri, 03 Jun 2022 02:00 PMओंकार के नाद में लिपटे हुए शब्द जब आते हैं, बस कोई इसे हृदय से सुनने वाला चाहिए! ये शब्द शून्य से आते हैं। अगर तुम्हें भी इस शून्य की थोड़ी-थोड़ी झलकियां आने लगी हों।
Wed, 01 Jun 2022 10:42 AMलोगों का मन इतना उद्वेलित रहता है कि वर्तमान क्षण में आना उनके लिए बहुत कठिन हो जाता है। गुरु आपको वर्तमान क्षण में उपस्थित रहने के लिए मार्गदर्शन करते हैं।
Tue, 24 May 2022 12:23 PMस्वामी विवेकानंद ने 18 मार्च, 1900 को अमेरिका के सैन फ्रान्सिस्को में ‘संसार को बुद्ध का संदेश’ व्याख्यान दिया। बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर प्रस्तुत है, उसी व्याख्यान का एक संपादित अंश... बुद्ध ने निम्न
Tue, 10 May 2022 11:52 AMपतंजलि वैराग्य को भी दो हिस्सों में विभाजित करते हैं। एक आरम्भिक वैराग्य, जिसे वे कहते हैं वशीकार वैराग्य और दूसरा परम वैराग्य। एक को अपर और दूसरे को परवैराग्य कहते हैं। एक तो है आसक्ति, दूसरा है विरक
Tue, 26 Apr 2022 11:28 AM