
धनतेरस कब? धनतेरस पर बन रही चंद्र-केतु की युति, भौमादित्य योग, कब खरीददारी शुभ
संक्षेप: Dhanteras date 2025: धन्वन्तरि जयन्ती सहित प्रदोष व्यापिनी त्रयोदशी तिथि में धनतेरस का पर्व मनाया जाएगा। इस साल 18 अक्टूबर 2025 दिन शनिवार को मनाया जाएगा। प्रदोष काल में माता लक्ष्मी- श्री हरि विष्णु सहित भगवान शिव एवं माता पार्वती की पूजा अर्चन करने से धन का आवक बढ़ेगा बढ़ता है।
धन्वन्तरि जयन्ती सहित प्रदोष व्यापिनी त्रयोदशी तिथि में धनतेरस का पर्व मनाया जाएगा। इस साल 18 अक्टूबर 2025 दिन शनिवार को मनाया जाएगा। प्रदोष काल में माता लक्ष्मी- श्री हरि विष्णु सहित भगवान शिव एवं माता पार्वती की पूजा अर्चन करने से धन का आवक बढ़ेगा बढ़ता है तथा संतान से संबंधित सभी कष्टों से मुक्ति मिलेगी। इस वर्ष धनतेरस के दिन ग्रहों का भी बहुत ही सुंदर योग बन रहा है। जहां इस दिन चंद्रमा सिंह राशि मे रात में 11:55 बजे तक उसके बाद कन्या राशि में शुक्र के साथ विद्यमान होगा। इस प्रकार चंद्रमा की केतु के साथ युति बनेगी। इस प्रकार सिंह राशि वालों के माता के साथ संबंध खराब हो सकते हैं। इसके अलावा आपको तनाव होने की संभावना है। वहीं आप किसी बात पर जरूरत से ज्यादा सोच सकते हैं। इसके अलावा वहीं पर बुध शुक्र की राशि तुला में विद्यमान रहकर बुधादित्य एवं राशि परिवर्तन राजयोग का निर्माण करेगा। मंगल शुक्र की राशि तुला में सूर्य के साथ भौमादित्य नामक योग का निर्माण करके विद्यमान होगा। गुरु मिथुन राशि मे अपनी उच्चाभिलाषी स्थिति में विद्यमान होगा। शनि, देव गुरु बृहस्पति की राशि मीन में, केतु सिंह राशि में तथा राहु कुंभ राशि में गोचर करेगा। जिस दिन शनि प्रदोष व्रत भी किया जाएगा । जिसमें व्रत रहकर प्रदोष काल में भगवान शिव, माता पार्वती एवं माता लक्ष्मी की पूजा श्री हरि विष्णु के साथ करने से उत्तम फल की प्राप्ति होगी। ऐसे मान्यता है कि इस दिन व्रत रहकर पूजा करने से व्यक्ति को संतान से संबंधित किसी भी समस्या का निराकरण मिल जाता है। संतान की प्रगति से मन प्रसन्न रहता है। इस दिन शनि देव की उपासना करने से शनि की साढेसाती, ढैय्या एवं शनि की नकारात्मक महादशा, अंतर्दशा, प्रत्यंतर दशा से संबंधित नकारात्मक प्रभाव भी दूर होता है।
इस दिन शुभ मुहूर्त में की गई खरीदारी शुभ फल प्रदायक होती है।
त्रयोदशी तिथि में पूजन के लिए स्थिर लग्न
(1)- 18 अक्टूबर दिन शनिवार को स्थिर लग्न कुम्भ दोपहर बाद 02:21 से 3:46 (pm ) बजे तक ।
(2)- 18 अक्टूबर दिन शनिवार को स्थिर लग्न वृष रात में 06:59 से 8:56 बजे तक ।
(3)- 18 अक्टूबर दिन शनिवार को मध्य रात्रि बाद स्थिर लग्न सिंह 01:27 से 3:40 बजे रात तक।
(4)- 19 अक्टूबर दिन रविवार को स्थिर लग्न वृश्चिक सुबह 8:10 से 10:25 बजे तक।
उपरोक्त समय मे की गयी खरीदारी एवं माता लक्ष्मी का पूजन शुभफलदायी होता है। इस दिन माता लक्ष्मी का पूजन एवं खरीदारी स्थिर लग्न में अति शुभफल दायक होती है
18 अक्टूबर शनिवार, त्रयोदशी तिथि में खरीदारी के लिए शुभ चौघड़िया मुहूर्त :-
(1) दोपहर दिन में 1:20 बजे से 4:18 बजे तक लाभ व अमृत।
(2) रात में 5:40 से 07:15 बजे तक लाभ
(3)रात में 8:50 से 10:25 बजे तक शुभ
(4) रात में 10:25 से 12:00 बजे तक अमृत
(5) रात में 12:00 बजे से 01:35 बजे तक चर
(5) रात (भोर) में 4:45 से 6:20 बजे तक लाभ चौघड़िया ।
(6) 19 अक्टूबर दिन रविवार को सुबह 7:45 से 12:00 बजे तक शुभ





