
धनतेरस आज, जाने पूजा विधि, शुभ मुहूर्त, मंत्र, उपाय, खरीदारी का समय से लेकर सबकुछ
संक्षेप: दीपावली की शुरुआत धनतेरस से होती है, जिसे धनत्रयोदशी भी कहा जाता है। ये दिन आरोग्य, दीर्घायु और धन-समृद्धि का प्रतीक माना गया है। शास्त्रों में वर्णन है कि इसी दिन समुद्र मंथन से भगवान धन्वंतरि अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे, इसलिए इस दिन उनकी पूजा का विशेष महत्व है।
Dhanteras 2025 : दीपावली की शुरुआत धनतेरस से होती है, जिसे धनत्रयोदशी भी कहा जाता है। आज यानी 18 अक्टूबर को धनतेरस है। ये दिन आरोग्य, दीर्घायु और धन-समृद्धि का प्रतीक माना गया है। शास्त्रों में वर्णन है कि इसी दिन समुद्र मंथन से भगवान धन्वंतरि अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे, इसलिए इस दिन उनकी पूजा का विशेष महत्व है। इसके साथ ही भगवान कुबेर और यमराज की आराधना करने का भी विधान है। जहां कुबेर की पूजा से धन और सौभाग्य मिलता है, वहीं यमराज की पूजा अकाल मृत्यु से रक्षा करती है। इस तरह धनतेरस को आरोग्य और समृद्धि का आरंभिक पर्व कहा जाता है।
भगवान धन्वंतरि की पूजा विधि
धनतेरस के दिन प्रदोष काल में भगवान धन्वंतरि की मूर्ति या चित्र को स्थापित करें। उत्तर-पूर्व दिशा में बैठकर उनकी पूजा करना शुभ माना गया है। सबसे पहले दीपक के नीचे खील या चावल रखें और फिर दीपक जलाएं। इसके बाद एक कलश में शुद्ध जल लेकर भगवान को अर्पित करें और रोली, कुमकुम, हल्दी, फूल, पान, फल, मिष्ठान आदि से पूजा करें। इस दौरान “ॐ नमो भगवते धन्वंतराय विष्णुरूपाय नमो नमः” मंत्र का जाप करते रहें। यह मंत्र रोगों से मुक्ति और दीर्घायु प्रदान करने वाला माना गया है।
भगवान कुबेर की आराधना
धनतेरस के दिन धन के देवता कुबेर की पूजा भी अत्यंत फलदायी मानी जाती है। शाम के समय उत्तर दिशा में कुबेर यंत्र स्थापित करें, उस पर गंगाजल छिड़कें और रोली-चावल से तिलक करें। फूल और दीपक चढ़ाकर इस मंत्र का जाप करें—
“ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये।
धनधान्यसमृद्धिं मे देहि दापय स्वाहा॥”
इसके बाद कुबेर की आरती कर उनसे सुख-समृद्धि और धनवृद्धि की कामना करें।
यमराज के लिए दीपदान
धनतेरस की शाम यमराज की पूजा का भी विशेष महत्व है। दक्षिण दिशा को यम की दिशा कहा गया है। प्रदोष काल में घर के मुख्य द्वार के बाहर दक्षिणमुख होकर अन्न की ढेरी पर चारमुखी तेल का दीपक जलाएं। यह दीपक यमराज को समर्पित माना जाता है। दीपक जलाते समय प्रार्थना करें कि वे आपके परिवार को दीर्घायु और सुरक्षा का आशीर्वाद दें तथा किसी की अकाल मृत्यु न हो।
धनतेरस पूजा का शुभ मुहूर्त
इस साल धनतेरस शनिवार, 18 अक्टूबर 2025 को पड़ेगी। पूजा के लिए शुभ मुहूर्त शाम 7:16 बजे से रात 8:20 बजे तक रहेगा। इसी समय भगवान धन्वंतरि, माता लक्ष्मी और भगवान कुबेर की आराधना करना अत्यंत मंगलकारी माना गया है।
खरीदारी का शुभ मुहूर्त-
18 अक्टूबर को दोपहर 12:18 बजे से लेकर अगली सुबह 6:24 बजे तक सोना-चांदी और अन्य वस्तुएं खरीदना शुभ माना गया है।
खास उपाय- धनतेरस की शाम को किया जाने वाला धनवर्षा पोटली उपाय बेहद प्रभावशाली माना गया है। लाल रेशमी कपड़े में एक चांदी का सिक्का, पांच कौड़ियां, एक हल्दी की गांठ, एक सुपारी, थोड़े चावल, गुलाब के सूखे फूल और थोड़ा इत्र या कपूर रखकर पोटली बनाएं। फिर इसे अपने सामने रखकर मां लक्ष्मी और भगवान कुबेर का ध्यान करें और “ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्री सिद्ध लक्ष्म्यै नमः” मंत्र का 11 बार जप करें। इसके बाद इस पोटली को तिजोरी या धन रखने की जगह रख दें। माना जाता है कि यह उपाय घर में धन की वृद्धि करता है, आर्थिक रुकावटें दूर करता है और सालभर लक्ष्मी-कुबेर की कृपा बनाए रखता है।





