Chhath Puja Vrat Niyam: छठ व्रत में किन नियमों का किया जाता है पालन? जानिए
- Chhath Puja Fast Rules: छठ पर्व में भगवान सूर्य व छठ मैया की उपासना की जाती है। मान्यता है कि इस व्रत को भक्ति भाव से करने से छठ मैया प्रसन्न होती हैं। जानें छठ व्रत में किन बातों का रखें ध्यान-
Chhath Puja Vrat Niyam 2024: लोकआस्था व सूर्य उपासना का पर्व छठ 5 नवंबर से नहाय खाय के साथ प्रारंभ हो गया है। छठ पूजा का व्रत कठिन व्रतों में से एक माना गया है। इस व्रत में महिलाएं 36-38 घंटे निर्जला व्रत करती हैं। इस व्रत में भगवान सूर्य व छठी मैया की पूजा का विधान है। छठ पर्व चार दिनों तक मनाया जाता है। पहला दिन नहाए खाय का होता है जिसमें महिलाएं सात्विक भोजन ग्रहण करती हैं। दूसरा दिन खरना होता है। इसमें खीर बनाई जाती है। तीसरे दिन को संध्या अर्घ्य कहा जाता है, इसमें डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है और चौथे दिन उषा अर्घ्य यानी उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के बाद व्रत का पारण किया जाता है। मान्यता है कि छठ पर्व संतान की खुशहाली व तरक्की के लिए किया जाता है। छठ पूजा में कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी होती है। अगर आप भी छठ व्रत रखने वाली हैं तो जानें जरूरी बातें-
1.साफ-सफाई: छठ पूजा में साफ-सफाई या पवित्रता का बहुत ही ध्यान रखा जाता है। ऐसे में घर का घर एक कोना, आंगन, किचन व मंदिर समेत हर जगह साफ रखें। पूजा पाठ से जुड़ी सामग्री में भी पवित्रता का ध्यान रखना चाहिए।
2. चूल्हे पर बनाएं छठ का प्रसाद- छठ का प्रसाद ठेकुआ नए मिट्टी के चूल्हे पर बनाना चाहिए। अगर ऐसा करना संभव नहीं है तो नए चूल्हे या स्टोव का प्रयोग कर सकते हैं या पुराने गैस चूल्हे को अच्छे से छोकर व शुद्ध करके प्रसाद बनाया जा सकता है।
3. प्रसाद में इन बर्तनों का न करें प्रयोग- छठ पूजा का प्रसाद नए व शुद्ध बर्तनों में ही बनाना चाहिए। प्रसाद उन बर्तनों में नहीं बनाना चाहिए जिसमें तामसिक वस्तुएं पकाई या खाई गई हो। छठ पूजा में पीतल का बर्तन प्रयोग करना अत्यंत शुभ माना गया है। इसमें कांच के बर्तनों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
4. सूप या टोकरी का करें इस्तेमाल- छठ पूजा में इस्तेमाल होने वाली सामग्री जैसे फल, फूल आदि को रखने के लिए बांस से बने सूप या टोकरी का ही इस्तेमाल करना चाहिए।
5. जमीन पर सोएं- मान्यता है कि छठ का व्रत करने वाली महिलाओं को जमीन पर सोना चाहिए।
6. प्याज-लहसुन का न करें इस्तेमाल- छठ पर्व के दौरान तामसिक वस्तुओं से दूरी बनाकर रखनी चाहिए। इस व्रत में प्याज, लहसुन, मांस-मदिरा आदि का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
7. उषा अर्घ्य के बाद करें व्रत पारण- छठ व्रत का पारण उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के बाद ही करना चाहिए। छठ का प्रसाद सभी लोगों में बांटने के बाद और खुद प्रसाद ग्रहण करके व्रत खोलना चाहिए।
8. छठ मैया करें ध्यान- व्रत के दौरान छठ मैया का ज्यादा से ज्यादा करना चाहिए। इस दौरान किसी को अपशब्द नहीं बोलने चाहिए।
छठ पूजा कैलेंडर 2024-
नहाय-खाय: 5 नवंबर
खरना- 6 नवंबर
छठ पूजा (संध्या अर्घ्य- 7 नवंबर
उषा अर्घ्य- 8 नवंबर
इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
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