Anant chaturdashi shubh muhurat:अनंत चतुदर्शी की पूजा के लिए 5 घंटे का शुभ मुहूर्त, सुनी जाती है सत्यनारायण भगवान की कथा
- Anant chaturdashi shubh muhuratभाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को अनंत चतुर्दशी का पर्व मनाया जाता है। इसमें विष्णु भगवान के अनंत रूप की पूजा की जाती है। आज पूजा के लिए मिल रहे 5 घंटे
भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को अनंत चतुर्दशी का पर्व मनाया जाता है। इसमें विष्णु भगवान के अनंत रूप की पूजा की जाती है। इस पर्व में सत्यनारायण भगवान की कथा सुनी जाती है। भगवान की पूजा में एक धागा रखा जाता है। इसमें चौदह गांठें बाधकर इसे हाथ में बांधा जाता है। ऐसा कहा जाता है कि यह धागा आपको कई परेशानियों से दूर रखता है। इस बार अनंत चतुर्दशी की पूजा के लिए 5 घंटे का समय मिल रहा है। इस बार पूजा के लिए सुबह 6 बजे से 11.44 तक का समय मिल रहा है।
इस बार चतुर्दशी तिथि 16 सितंबर को दोपहर 3.10 पर ही शुरू हो गई थी और आज 11.44 तक रहेगी, इसके बाद पूर्णिमा तिथि लग जाएगी। अनंत चतुदर्शी के दिन घर में विष्णु भगवान व अनंत देवता की पूजा के साथ सत्यनारायण व्रत कथा सुनते हैं। पूजा से पहले लाल-पीले रेशम के साथ ही सफेद धागा घर लाना चाहिए और इसकी पूजा कर इसमें हल्दी लगाकर पूजा के बाद बांधा जाता है। आपको बता दें कि पूजा के बाद ही धागा बांधा जाता है। पहले कथा सुनी जाती है। इसके बाद अनंत भगवान की विशेष पूजा अर्चना की जाती है। इसके बाद धागे में हल्दी लगाकर इसकी पूजा करके फिर बांधा जाता है। पूजा में विशेष सत्यनारायण की पूजा में चरणामृत, पंजीरी और केला का प्रसाद शामिल किया जाता है।
पंडित उपेन्द्र पांडेय ने बताया कि पुरुषों को दाएं हाथ में जबकि महिलाओं को अपने बाएं हाथ में अनंत का रक्षा सूत बांधना चाहिए। ऐसी मान्यता है कि अनंत का धाग बांधने से बिगड़ते काम भी बन जाते हैं, साथ ही शुभ कार्यों में आने वाली सभी बाधाएं भी दूर होती हैं।
इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
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