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Hindi News विधानसभा चुनाव उत्तर प्रदेश चुनाव 2022यूपी विधानसभा चुनाव: मरीजों के साथ राजनीति की सर्जरी भी करेंगे डॉक्टर, भाजपा ने पांच पढ़े-लिखे और बेदाग छवि वाले उम्मीदवारों पर लगाया दांव  

यूपी विधानसभा चुनाव: मरीजों के साथ राजनीति की सर्जरी भी करेंगे डॉक्टर, भाजपा ने पांच पढ़े-लिखे और बेदाग छवि वाले उम्मीदवारों पर लगाया दांव  

भाजपा ने पढ़े लिखे और बेदाग छवि के प्रत्याशियों को चुनाव मैदान में उतारा है। भाजपा के सात प्रत्याशियों में पांच डाक्टर हैं। इनमें से चार मेडिकल प्रैक्टिसनर राजनीति की सर्जरी करेंगे। इसके अलावा एक...

यूपी विधानसभा चुनाव: मरीजों के साथ राजनीति की सर्जरी भी करेंगे डॉक्टर, भाजपा ने पांच पढ़े-लिखे और बेदाग छवि वाले उम्मीदवारों पर लगाया दांव  
बरेली। वरिष्ठ संवाददाताSun, 16 Jan 2022 03:08 PM
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भाजपा ने पढ़े लिखे और बेदाग छवि के प्रत्याशियों को चुनाव मैदान में उतारा है। भाजपा के सात प्रत्याशियों में पांच डाक्टर हैं। इनमें से चार मेडिकल प्रैक्टिसनर राजनीति की सर्जरी करेंगे। इसके अलावा एक इतिहास के डॉक्टर हैं। वहीं भाजपा ने कैंट और आंवला से पोस्ट ग्रेजुएट प्रत्याशियों को मैदान में उतारा है। भाजपा शहर सीट से डा. अरुण कुमार एमबीबीएस डाक्टर हैं। बिथरी से प्रत्याशी डा. राघवेंद्र शर्मा आर्थोपैडिक सर्जन हैं। नवाबगंज से प्रत्याशी डा. एमपी आर्य (गंगवार) भी एमबीबीएस डॉक्टर हैं। मीरगंज से भाजपा के प्रत्याशी डा. डीसी वर्मा पशु चिकित्साधिकारी रहे। वहीं कैंट सीट से प्रत्याशी संजीव अग्रवाल एमकाम हैं। आंवला प्रत्याशी धर्मपाल सिंह एमए, बीएड और एलएलबी हैं। फरीदपुर से विधानसभा प्रत्याशी डा. श्याम बिहारी लाल रुहेलखंड विश्वविद्यालय में प्राचीन इतिहास विभाग में प्रोफेसर हैं।

भाजपा की कैंट सीट से पार्टी के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष राजेश अग्रवाल विधायक थे। वह प्रदेश सरकार में मंत्री रहे। मंत्री पद से त्यागपत्र देते वक्त उन्होंने अपने स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया था। इसके बाद भाजपा ने प्रदेश के सह कोषाध्यक्ष संजीव अग्रवाल पर विश्वास जताते हुये उन्हें कैंट सीट से उम्मीदवार बनाया है। टिकट की घोषणा होने के बाद संजीव अग्रवाल सीधे कालीबाड़ी स्थित विधायक राजेश अग्रवाल के आवास पर उनसे आशीर्वाद लेने गये। हालांकि राजेश अग्रवाल के दिल्ली होने की वजह से उनकी मुलाकात नहीं हो पाई। संजीव अग्रवाल आरएसएस से लेकर विद्यार्थी परिषद और संघ में कई दायित्वों का निर्वहन कर चुके हैं। कैंट में अन्य जातियों के अलावा माहौर वैश्य की संख्या सबसे ज्यादा है।

भाजपा ने शहर से डा. अरुण कुमार सक्सेना को तीसरी बार उम्मीदवार बनाया है। वह लगातार दो बार भाजपा के टिकट पर शहर से विधायक हैं। इससे पहले वह सपा से शहर विधानसभा का चुनाव हार गये थे। शहर में कायस्थ मतदाताओं की संख्या सबसे ज्यादा है। इस वजह से पार्टी ने कायस्थ समाज में मजबूत पकड़ रखने, सीधे और सरल स्वभाव के विधायक डा. अरुण कुमार को उम्मीदवार बनाया है। एमबीबीएस डाक्टर अरुण कुमार ने कहा कि पार्टी नेतृत्व ने उन पर विश्वास जताया है। वह पार्टी की रीति नीति और उम्मीदों पर खरा उतरने की पूरी कोशिश करेंगे।

बरेली। भाजपा के बिथरी से उम्मीदवार डा. राघवेंद्र शर्मा पहली बार चुनावी बिसात पर कदम रख रहे हैं। वह भाजपा के रजऊ परसरपुर मंडल के प्रभारी थे। ब्रज क्षेत्र के चिकित्सा प्रकोष्ठ के संयोजक हैं। डा. राघवेंद्र ने बताया कि टिकट मिलने के बाद उन्होंने सबसे पहले प्रभु को याद किया। माता पिता का आशीर्वाद लिया। पत्नी को भी धन्यवाद किया। डा. राघवेंद्र बोले कि भाजपा अपने कार्यकर्ताओं को बदलती रहती है। पढ़े लिखे, स्वच्छ छवि के लोगों को आगे लाना चाहती हैं। पार्टी हाईकमान की उम्मीदों पर खरा उतरने की पूरी कोशिश करूंगा।

भाजपा के बिथरी से विधायक राजेश मिश्रा पप्पू भरतौल ने कहा कि उन्होंने जनता की सेवा करने में कोई कमी नहीं की। वह पार्टी नेतृत्व के साथ हैं। पार्टी ने जो भी फैसला किया। वह शिरोधार्य है। पार्टी ने कुछ सोच समझकर ही टिकट काटा होगा। पार्टी टिकट देती तो वह भाजपा के साथ थे। पार्टी ने टिकट नहीं दिया है। फिर भी भाजपा के साथ हैं। 

स्टेशन रोड स्थित पार्टी कार्यालय पर टिकट मिलने पर कार्यकर्ताओं ने फूल भेंट कर बधाईयां दी। उन्होनें कहा कि बीजेपी ने मुझे निष्ठावान कार्यकर्ता छठी बार में टिकट देकर सम्मान बढ़ाया है। उन्होंने सबसे पहले वर्ष 1996 में चुनाव लड़ा था। उसके बाद कई चुनाव लड़े, लेकिन सभी में करीबी संघर्ष हुआ। यह ऐसा पहला चुनाव है, जिसमें भाजपा और उनके पक्ष में क्षेत्र में लहर है। कार्यकर्ताओं में भारी उत्साह है। इसलिए छठी बार 50 हजार से पार का नारा भी दिया गया है। प्रतिद्वंदियों की जमानत जब्त हो जायेगी। 

पिछले दिनों पार्टी में समाजवादी पार्टी छोड़कर पूर्व प्रत्याशी रहे कुंवर सिद्धराज सिंह भाजपा में शामिल हुए, तो आंवला से टिकट मिलने की संभावनाओं को बल मिला। वहीं कॉन्ट्रैक्ट बेस खेती कराने वाले समाजसेवी निहाल सिंह ने समाज सेवा करते-करते अचानक राजनीति में आने का मन बना लिया और भाजपा के रजनीकांत बाजपेयी से मिलकर कासगंज में सदस्यता ग्रहण कर ली। 

आंवला विधानसभा से टिकट प्रबल दावेदार माने जा रहे कुंवर सिद्धराज सिंह ने टिकट न मिलने पर बेबाक कहा कि फिलहाल उन्हें कई पार्टियों से टिकट का ऑफर है। लेकिन इस बार पूरी निष्ठा से बीजेपी को लड़ाएंगे। कुछ लोगों ने उनके टिकट मिलने का विरोध किया, लेकिन वह ऐसा नहीं करेंगे। 

फरीदपुर विधानसभा सीट पर मौजूदा विधायक डॉ श्याम बिहारी लाल के अलावा जवाहरलाल सहित कई अन्य लोगों ने टिकट के लिए आवेदन किया था। हाईकमान ने डॉ श्याम बिहारी लाल पर दोबारा भरोसा जताकर टिकट घोषित किया। डॉ श्याम बिहारी लाल ने बताया कि उन्होंने पांच साल के कार्यकाल में कई पुल और सड़कों का निर्माण कराया। बिजली संकट दूर करने के लिए रामगंगा कटरी के गांव पढ़ेरा में बिजली घर बनाया गया। जिससे किसान आत्मनिर्भर हा। डॉ श्याम बिहारी लाल ने दावा किया कि विकास के बूते दोबारा बड़ी जीत हासिल करेंगे। 

फरीदपुर विधानसभा से डॉ श्याम बिहारी लाल का टिकट घोषित होने के बाद जवाहरलाल ने बागी तेवर दिखाने शुरू कर दिए। जवाहरलाल ने बताया कि वह हर हाल में फरीदपुर विधानसभा से चुनाव लड़ेंगे। बताया कि एक साल से क्षेत्र में चुनाव की तैयारी में जुटे है। रविवार को कार्यकर्ताओं की बैठक बुलाई है। कार्यकर्ताओं के सहमति के बाद पार्टी का चयन किया जाएगा। वरना निर्दलीय प्रत्याशी बनकर चुनाव मैदान में ताल ठोक देंगे। 

नवाबगंज। भाजपा से दो बार चुनाव लड़ चुके डा. एमपी आर्य अब एक बार फिर सपा के पूर्व मंत्री भगवत सरन गंगवार से लड़ने को तैयार हैं। भाजपा ने उन्हें टिकट देकर चुनाव मैदान में उतार दिया है। वही अपने पिता की विरासत के आधार पर टिकट मांगने वाले विशाल गंगवार व समाजसेवा का आधार बना कर टिकट मांगने वाले रमेश गंगवार के हाथ मायूसी लगी है। कस्बे के डा. एमपी आर्य मूल रुप से परेवा सादात गांव के निवासी। वर्ष 1985 से वह कस्बे में रहकर अपना अस्पताल चला रहे हैं। वर्ष 2002 में उन्होंने राजनीति की शुरुआत कर नवाबगंज विधान सभा क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार के रुप में पहली बार चुनाव लड़ा था। 

पहली बार के चुनाव में डा. एमपी आर्य 35008 मत पाकर दूसरे स्थान पर रहे थे। सपा के भगवत सरन गंगवार ने 63913 मत हासिल कर उन्हें चुनाव हराया था। 2007 में उन्होंने दोबारा भाजपा से चुनाव लड़ा तो उन्हें 29809 मत मिले थे। इस चुनाव में वह तीसरे स्थान पर रहे थे। जबकि सपा के भगवत सरन गंगवार ने 46654 वोट पाकर बसपा से चुनाव केसर सिंह गंगवार को चुनाव हराया था। केसर सिंह गंगवार को 36506 वोट मिले थे। 

पिछली बार टिकट कटने से नाराज डा. एमपी आर्य ने पार्टी के खिलाफ बिगुल फूंक दिया था। उनके समर्थकों ने पार्टी के खिलाफ खूब प्रदर्शन किया था। जिसे देखते हुए पार्टी ने उन्हें छह साल के लिए निष्कासित कर दिया था। तब उन्होंने सपा प्रत्याशी भगवत सरन गंगवार का समर्थन किया था, लेकिन भगवत सरन गंगवार यह चुनाव हार गए थे और केसर सिंह गंगवार के सिर जीत का सेहरा बंधा था। पार्टी ने एक बार फिर 2022 के चुनाव में उन पर विश्वास जताते हुए चुनाव मैदान में उतार दिया है। 

भाजपा के मीरगंज से विधायक डा. डीसी वर्मा ने कहा कि मैंने पूरे कार्यकाल में जनता के बीच रहकर क्षेत्र के विकास को काम किया। वरिष्ठ नेताओ, पार्टी संगठन के निर्देशों का अनुपालन किया। पार्टी ने मुझ पर विश्वास व्यक्त करते हुए दोवारा मैदान में उतारा है। पार्टी ने यह फैसला क्यों किया इसका बारे में प्रदेश हाई कमान बेहतर जानता होगा। केंद्रीय और प्रदेश नेतृत्व व जिला संगठन के भरोसे और जनता के आशीर्वाद से भाजपा को यह सीट जीतकर दूंगा। किसी ने मेरा विरोध नहीं किया। पार्टी में हर कार्यकर्ता को टिकट मांगने का अधिकार है। इसी अधिकार से नेताओं ने टिकट मांगा। पार्टी ने जो फैसला किया है पूरी पार्टी उस फैसले के साथ खड़ी हैं। पार्टी किसी दूसरे कार्यकर्ता को टिकट देती तो मैं स्वयं पूरी ताकत से उसे चुनाव लड़ाता। सभी पार्टी संगठन से बंधे हैं।

भाजपा ने जिले की नौ विधानसभा सीटों में भोजीपुरा और बहेड़ी सीट पर प्रत्याशी घोषित नहीं किया है। भोजीपुरा में पूर्व मंत्री और मौजूदा विधायक बहोरन लाल मौर्य का कैरियर दांव पर है। वहीं बहेड़ी में वर्तमान में प्रदेश सरकार में राजस्व राज्य मंत्री छत्रपाल गंगवार भाजपा के चेहरे हैं। पार्टी सूत्रों की मानें तो भाजपा सपा के उम्मीदवारों की घोषणा का इंतजार कर रही है। सपा के टिकट घोषित होने के बाद पार्टी यहां अपना उम्मीदवार उतारेगी। जातिगत समीकरणों के बदलने की संभावना काफी कम है। बहेड़ी में कुर्मी ही भाजपा का उम्मीदवार होगा। चेहरा चाहें कोई हो। भोजीपुरा में मौर्य और कुर्मी दोनों बिरादरी पर पार्टी दांव लगा सकती है।

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