त्रिपुरा में भाजपा को 6वां झटका, चुनाव से पहले MLA अतुल देबबर्मा ने छोड़ा पद
डॉक्टर अतुल देबबर्मा के अलावा भाजपा के पांच अन्य विधायक परिमल देबबर्मा, मिमी मजुमदार, बीरेंद्र किशोर देबबर्मा, बप्लिब घोष और अरुण चंद्र भौमिक का नाम उम्मीदवारों की सूची से हटा दिया गया।
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त्रिपुरा में विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी को लगातार झटके लगते नजर आ रहे हैं। अब खबर है कि विधायक डॉक्टर अतुल देबबर्मा ने आगामी विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी से टिकट नहीं मिलने के बाद सोमवार को नामांकन समाप्त होने के बाद विधानसभा से इस्तीफा दे दिया। डॉक्टर देबबर्मा विधानसभा की सदस्यता और पार्टी से इस्तीफा देने वाले छठे विधायक हैं।
डॉक्टर देबबर्मा ने विधानसभा अध्यक्ष रतन चक्रवर्ती को लिखे पत्र में कोई इस्तीफे का कारण नहीं बताया गया है। डॉक्टर देबबर्मा को राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) का स्वयंसेवक और एक प्रसिद्ध बाल रोग विशेषज्ञ के रूप में जाना जाता है। वह 2018 के विधानसभा चुनावों से पहले त्रिपुरा आए और खोवाई जिले के कृष्णापुर अनुसूचित जनजाति (एसटी) आरक्षित नर्विाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ा तथा जीत हासिल की।
डॉक्टर देबबर्मा का नाम इस बार आश्चर्यजनक रूप से उम्मीदवारों की सूची से हटा दिया गया और उनके स्थान पर भाजपा के अनुसूचित जनजाति मोर्चो (एसटी मोर्चा) के अध्यक्ष विकास देबबर्मा को उम्मीदवार बनाया गया। देबबर्मा के अलावा भाजपा के पांच अन्य विधायक परिमल देबबर्मा, मिमी मजुमदार, बीरेंद्र किशोर देबबर्मा, बप्लिब घोष और अरुण चंद्र भौमिक का नाम उम्मीदवारों की सूची से हटा दिया गया।
गौरतलब है कि 60 सदस्यीय त्रिपुरा विधानसभा के लिए 16 फरवरी को चुनाव होने हैं। इस चुनाव में भाजपा 55 सीटों पर और उसकी सहयोगी आईपीएफटी पांच सीटों पर चुनाव लड़ रही है। आईपीएफटी को पिछले विधानसभा चुनावों की तुलना में इस बार चार सीटें कम मिली हैं।
305 नामांकन दाखिल
त्रिपुरा में 305 उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किया है। राज्य भर में सोमवार को कुल 228 उम्मीदवारों ने नामांकन पत्र दाखिल किया। मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) किरण गट्टिे ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि चुनाव आयोग ने स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के लिए सभी इंतजाम किए गए हैं। उम्मीदवारों द्वारा नामांकन पत्र जमा करने के दौरान हिंसा, धमकी या किसी भी तरह की कानून व्यवस्था की कोई रिपोर्ट नहीं मिली है।