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Hindi News विधानसभा चुनावझोले में लेटर पैड और स्टांप लेकर चलते थे लोगों के चहेते विधायक दीना बाबा

झोले में लेटर पैड और स्टांप लेकर चलते थे लोगों के चहेते विधायक दीना बाबा

दीनानाथ पांडेय दीना बाबा के नाम से मशहूर थे। तीन बार विधायक रहे दीनानाथ पांडेय का जमशेदपुर पूर्वी सीट से जब भाजपा ने 1995 में टिकट काट दिया तो उनका दर्द छलक उठा। बोले - टिकट काटा गम नहीं, लेकिन बताया...

झोले में लेटर पैड और स्टांप लेकर चलते थे लोगों के चहेते विधायक दीना बाबा
जमशेदपुर ’ विद्यासागरMon, 18 Nov 2019 02:08 PM
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दीनानाथ पांडेय दीना बाबा के नाम से मशहूर थे। तीन बार विधायक रहे दीनानाथ पांडेय का जमशेदपुर पूर्वी सीट से जब भाजपा ने 1995 में टिकट काट दिया तो उनका दर्द छलक उठा। बोले - टिकट काटा गम नहीं, लेकिन बताया नहीं इस बात का गम जरूर है। उन्होंने इस बात को सार्वजनिक मंच से साझा भी किया था।

टिकट कटने के बाद दीना बाबा ने भाजपा आलाकमान को भी पत्र लिखकर टिकट काटने का कारण पूछा था, लेकिन इसका जवाब नहीं मिला। इससे दीना बाबा उस समय काफी तनाव में रहने लगे। दीनानाथ पांडेय पहली बार 1977 में जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़कर विधानसभा पहुंचे थे। इसके बाद भाजपा के टिकट पर 1980 और 85 में चुनाव लड़कर विधानसभा पहुंचे। अगली बार 1990 के विधानसभा चुनाव में उन्हें कांग्रेस के प्रत्याशी डी नरीमन के हाथों हार का सामना करना पड़ा था। 1995 के विधानसभा चुनाव में इसी सीट पर भाजपा ने वर्तमान मुख्यमंत्री रघुवर दास को टिकट दे दिया था तो दीनानाथ पांडेय निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरे थे।

सर्वसुलभ विधायक
दीनानाथ पांडेय को सर्वसुलभ विधायक माना जाता था। वे स्वभाव से इतने सरल थे कि कभी अपने लिए कार या अन्य गाड़ी नहीं खरीदी। कंधे पर हमेशा एक झोला लटका कर चलते थे। इसी में उनका विधायक का लेटर पैड और स्टांप रहता था। जब भी किसी ने मदद मांगी, लेटरपैड पर लिखकर दे देते। किसी को पैरवी की जरूरत होती, तो वे उसके साथ साइकिल पर बैठकर भी चले जाते थे।

दीना बाबा के नाम से पुकारते थे लोग
दीनानाथ पांडेय जमशेदपुर पूर्वी के लोगों के चहेते थे। लोग उन्हें दीना बाबा के नाम से बुलाते थे। 1992 में नामदा बस्ती को हटाने की प्रशासन की मुहिम के खिलाफ उठ खड़े हुए और लोगों के समर्थन में आए। इस दौरान हुए पथराव में उनका सिर फट गया। इसके बाद नामदा बस्ती से अतिक्रमण नहीं हटा और अब भी यह यथावत है। दीनानाथ पांडेय ने विधायक के तौर पर अपने इलाके में लोगों की समस्याओं का निदान किया। उन्होंने बिरसानगर में अलग थाना और व्यवस्था के लिए मुहिम शुरू की। बिरसानगर थाना बनाने के लिए उन्होंने बिहार सरकार के समक्ष दलील दी। उनके प्रयास से 1980 में बिरसानगर थाना की स्थापना हुई। इसके बाद लोगों को चिट्ठी पोस्ट करने में होने वाली दिक्कतों को देखते हुए 1982 में पोस्ट ऑफिस खुलवाया। झोपड़ी में पोस्ट ऑफिस की शुरुआत संडे मार्केट के पास कराई। बिरसानगर में पक्की सड़क बनाने की शुरुआत करने का श्रेय स्थानीय लोग दीनानाथ पांडेय को ही देते हैं। दीना बाबा का 11 जनवरी 2019 को निधन हो गया था।

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