अतीत के झरोखे से : पहले के मुकाबले पूरी तरह से बदल गया है चुनाव प्रचार
परिचय : मुन्नालाल गंगवार आयु : 69 वर्षीय निवासी : फरीदाबाद करीब 69 वर्षीय मुन्नालाल गंगवार बताते हैं कि पहले और अब की चुनावी प्रक्रिया में बहुत अंतर आया है। चुनाव प्रक्रिया में...
परिचय : मुन्नालाल गंगवार
आयु : 69 वर्षीय
निवासी : फरीदाबाद
करीब 69 वर्षीय मुन्नालाल गंगवार बताते हैं कि पहले और अब की चुनावी प्रक्रिया में बहुत अंतर आया है। चुनाव प्रक्रिया में पहले के मुकाबले सुधार अधिक हुए हैं। पहले मतदान केंद्र पर बिजली, पानी यहां तक की मतदान कराने वाली सरकारी टीम के खाने और सोने की व्यवस्था भी गांव पंचायत या गांव के अन्य लोगों द्वारा की जाती थी, अब सभी व्यवस्थाएं चुनाव आयोग पहले से ही करता है। अब मतदान केंद्र पर पीने का पानी, समुचित रोशनी, शौचालय, दिव्यांगों के लिए रैंप, मतदान की गोपनीयता के लिए मतदान बॉक्स आदि सुविधाएं चुनाव आयोग की देखरेख में पूरी होती हैं।
चुनाव प्रचार की बात करें तो चुनाव प्रचार पहले के मुकाबले पूरी तरह से बदल गया है। प्रचार अब हाईटेक हो गया है। अधिकांश चुनाव प्रचार सोशल मीडिया के माध्यम से होता है। पहले पार्टियों के कार्यकर्ता टोलियां बनाकर मोहल्लों में प्रचार करते थे। अब जनसभा और नुक्कड़सभाओं पर जोर होता है। अब चुनावी रंजिश अधिक होने लगी। मुन्नालाल बताते हैं कि पहले मतदान केंद्र के बाहर प्रत्याशियों के काउंटर पर मतदाता अपना नाम और पर्ची खोजता रहता था, या फिर प्रत्याशी मतदाताओं के घर पर्ची पहुंचाता था, लेकिन अब इसमें सुधार हुआ है। चुनाव आयोग मतदाता के घर तक उनकी मतदान पर्ची पहुंचाता है। पहले बैलेट पेपर पर मतदान होता था, अब इवीएम से होता है। इससे बूथ लूटने की वारदात खत्म हो गई हैं। पहले चुनाव आयोग मतदाताओं के बीच अधिक जागरूकता नहीं करता था, अब तो चुनाव आयोग के मतदाता जागरूकता कार्यक्रम पूरे साल चलते हैं।
स्कूल-कॉलेजों के बच्चे मतदान प्रक्रिया से बखूबी जागरूक हुए हैं। पहले मतदान केंद्रों पर सुरक्षा के लिहाज से एक-दो सिपाही होता था, अब तो अर्धसैनिक बलों की टुकड़िया और स्थानीय पुलिस बल मौजूद होता है।
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