Gujarat Election 2022: आखिर तीन गांवों के लोग तीन साल से क्यों नहीं डालते वोट? 5200 वोटर सरकार से क्यों हैं नाराज?
गुजरात के उत्तरी और मध्य क्षेत्रों के 14 जिलों के 93 निर्वाचन क्षेत्रों में दूसरे और अंतिम चरण के लिए मतदान हुआ। राज्य की 182 में से 89 सीट पर एक दिसंबर को पहले चरण का मतदान हुआ था।

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गुजरात में आज दूसरे और अंतिम चरण की वोटिंग हुई। मेहसाणा जिले के तीन गांवों के कम से कम 5,200 मतदाताओं ने मतदान का बहिष्कार किया। गांव के लोगों ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार पानी की कमी सहित उनके लंबित मुद्दों को हल करने में विफल रही है। एक अधिकारी ने कहा कि ग्रामीण अपने रुख पर अड़े रहे जबकि सरकार ने उनके गांवों में सभी जलाशयों को नर्मदा नदी के पानी से भरने की मुख्य मांग पहले ही मान ली थी। अधिकारी ने कहा कि यह लगातार तीसरा साल है जब खेरालु तालुका के वरेथा, दलिसाणा और दावोल के ग्रामीणों ने अलग-अलग चुनावों में अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने से परहेज किया।
गुजरात के उत्तरी और मध्य क्षेत्रों के 14 जिलों के 93 निर्वाचन क्षेत्रों में दूसरे और अंतिम चरण के लिए मतदान हुआ। राज्य की 182 में से 89 सीट पर एक दिसंबर को पहले चरण का मतदान हुआ था। मतगणना आठ दिसंबर को होगी। अधिकारी ने कहा कि तीन गांवों के निवासियों ने पूर्व में तालुका, जिला और ग्राम पंचायत चुनावों के दौरान वोट नहीं डाला था।
ग्रामीणों ने विधानसभा चुनाव में मतदान का बहिष्कार करने का आह्वान करते हुए आरोप लगाया था कि अधिकारियों को कई बार याद दिलाने के बावजूद उनकी मांगों का समाधान नहीं किया गया। उन्होंने सरकार से तीन गांवों में सभी जलाशयों को पाइपलाइन के जरिए नर्मदा नदी के पानी से भरने और धरोई बांध से कृषि के लिए पर्याप्त पानी छोड़ने की मांग की थी।
अधिकारी ने कहा कि वरेथा, दलिसाणा और दावोल गांवों के लगभग 5,200 मतदाताओं ने सोमवार को सुबह आठ बजे से शाम पांच बजे के बीच हुए मतदान के दौरान अपने मताधिकार का प्रयोग करने से परहेज किया। जिलाधिकारी उदित अग्रवाल ने कहा कि सरकार द्वारा ग्रामीणों की मुख्य मांग को पहले ही मान लेने के बावजूद वे अड़े रहे। उन्होंने कहा, ''उनके चुनाव बहिष्कार का यह तीसरा साल है। मैंने कुछ महीने पहले इन गांवों का दौरा किया और उन्हें (वोट देने के लिए) मनाने की कोशिश की। सरकार ने पहले ही जलाशयों को भरने के लिए एक परियोजना को मंजूरी दे दी थी, लेकिन गांव से आज किसी ने भी वोट नहीं डाला।''
बहरहाल, स्थानीय प्रशासन ने मेहसाणा जिले के बेचाराजी तालुका के बरियाफ गांव के मतदाताओं को मना लिया। पूर्व में ग्रामीणों ने पानी आपूर्ति सहित कुछ लंबित मुद्दों को लेकर मतदान का बहिष्कार करने की बात कही थी। जिला निर्वाचन अधिकारी अग्रवाल ने कहा, ''हमारे लगातार प्रयासों से, बरियाफ गांव के निवासियों ने दोपहर में बहिष्कार का आह्वान वापस ले लिया। गांव में शाम तक लगभग 50 प्रतिशत मतदान हुआ।''