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हिन्दुस्तान मतदाता जागरूकता अभियान : नई तकनीक से वोटर्स की सुविधाओं में इजाफा हुआ

राजधानी दिल्ली में चुनावी पर्व का धमाकेदार आगाज हो चुका है। चुनाव में मतदाताओं की सुविधा के लिए चुनाव आयोग ने कई विशेष प्रयास किए हैं। पेश है चुनाव आयोग के साथ आयोजित ‘हिन्दुस्तान' के विशेष...

हिन्दुस्तान मतदाता जागरूकता अभियान : नई तकनीक से वोटर्स की सुविधाओं में इजाफा हुआ
नई दिल्ली | हिन्दुस्तान टीम Sat, 18 Jan 2020 07:13 PM
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राजधानी दिल्ली में चुनावी पर्व का धमाकेदार आगाज हो चुका है। चुनाव में मतदाताओं की सुविधा के लिए चुनाव आयोग ने कई विशेष प्रयास किए हैं। पेश है चुनाव आयोग के साथ आयोजित ‘हिन्दुस्तान' के विशेष मतदाता जागरूकता अभियान के अंतर्गत प्रकाशित श्रंखला की 10वीं कड़ी।

भारत निर्वाचन आयोग ने सभी मतदाताओं को विभिन्न प्रकार की जागरुकता संबंधी सुविधाएं उपलब्ध कराई हैं। अगर आपके पास एंड्रॉयड स्मार्टफोन है तो प्ले स्टोर पर जाएं और ‘वोटर हेल्परलाइन एप' डाउनलोड करें। इस एप से आप शिकायत दर्ज कर सकते हैं। इससे उपयोगकर्ता को वह सूचना सरलता से मिल जाएगी जिसकी वे तलाश कर रहे हैं। नागरिक अपनी रुचि के अनुसार एप ब्राउज कर सकते हैं और निर्वाचन प्रक्रिया के बारे में दिलचस्प तरीके से और अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। निर्वाचन आयोग ने बढ़ते हुए यूजर-बेस को समायोजित करने के लिए इस सिटीजन इंटरफेस को उल्लेखनीय रूप से आधुनिक बनाया है। निवार्चन आयोग ने प्रौद्योगिकी के नए क्षेत्रों में प्रवेश करना जारी रखा है और यह आम चुनावों के दौरान अपने करोड़ों मतदाताओं के लिए सूचना के प्रचार-प्रसार की व्यापक जरूरतों की पूर्ति करता है।

1950 पर कॉल करें

नागरिक मतदाता हेल्पलाइन 1950 पर कॉल कर सकते हैं। कोई भी नागरिक दिल्ली के किसी भी भाग से दिन के किसी भी समय अंग्रेजी अथवा हिन्दी में कोई भी प्रश्न नि:शुल्क पूछ सकता है अथवा शिकायत दर्ज करवा सकता है। कॉल करने वाले व्यक्ति टोल-फ्री नम्बर पर डॉयल कर निर्वाचन क्षेत्रों, मतदान की तिथियों, वोटर आई कार्ड, निर्वाचक सूची, ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन जैसे विषयों पर पूछताछ कर सकते हैं और शिकायत भी दर्ज कर सकते हैं। यही नहीं, निर्वाचकों को जानकारी प्रदान करने और मतदाताओं में जागरुकता लाने को एग्जिक्यूटिव आउट गोइंग कॉल भी करते हैं।

दिव्यांगजन के लिए एप

दिव्यांगजनों की सुविधा के लिए भारत निर्वाचन आयोग ने एक एंड्रॉयड आधारित मोबाइल एप्लीकेशन अर्थात दिव्यांगजन एप विकसित किया है। यह एक पथ-प्रदर्शक एप्लीकेशन है जो मतदाताओं को, स्वयं को नि:शक्तता से ग्रस्त व्यक्ति के रूप में सूचित करने की सुविधा उपलब्ध कराता है ताकि उन्हें निर्वाचक सूची में चिन्हित किया जा सके। दिव्यांगजन सरलतापूर्वक क्लिक करने की सुविधा के साथ निर्वाचक के रूप में खुद को पंजीकृत करवाने के लिए अनुरोध कर सकते हैं। अनुरोध प्राप्त होने पर निर्वाचन आयोग सुनिश्चित करेगा कि बूथ स्तरीय अधिकारी उनके घर पहुंचें।

एप में अद्वितीय सुविधाएं :भारत निर्वाचन आयोग अब दिव्यांगजन मतदाताओं तक पहुंचने के लिए उन्हें सभी प्रकार की निर्वाचन सेवाओं जैसे कि अपनी नि:शक्तता के बारे में सूचित करना, नए मतदाता आईडी रजिस्ट्रेशन के लिए अनुरोध करना, स्थानांतरण के लिए अनुरोध करना, अद्यतनीकरण हेतु अनुरोध करना, मतदान बूथ का पता लगाना, ऑन-काल सपोर्ट, इत्यादि की पेशकश करने के लिए अग्रसक्रिय दृष्टिकोण अपना रहा है।

एनवीएसपी की वेबसाइट

एनवीएसपी पोर्टल (nvsp.in) मतदाताओं को सिंगल विंडो सेवा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से तैयार किया गया है। एनवीएसपी के माध्यम से उपयोगकर्ता विभिन्न प्रकार की सेवाओं जैसे निर्वाचक सूची का उपयोग, मतदाता आईडी कार्ड के लिए आवेदन , मतदाता कार्ड में शुद्धि करने के लिए ऑनलाइन आवेदन, मतदान बूथ, विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र, संसदीय निर्वाचन क्षेत्र का विवरण आदि प्राप्त कर सकता है और उनका उपयोग कर सकता है। अन्य सेवाओं के अतिरिक्त बूथ लेवल अधिकारी, निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी का संपर्क विवरण प्राप्त कर सकता है। राष्ट्रीय निर्वाचन खोज में अनुक्रियाशील यूआई है, जो डेस्कटॉप और मोबाइल दोनों के लिए कार्य करती है। इसमें विवरण द्वारा खोज करने अथवा एपिक नंबर द्वारा खोज करने के विकल्प हैं। विवरण द्वारा खोज करने के लिए उपयोगकर्ता अपेक्षित विवरण जैसे नाम, रिश्तेेदार का नाम, जन्मतिथि/आयु, राज्य और निर्वाचन क्षेत्र भर सकता है अथवा गूगल मैप से लोकेशन चुन सकता है। गूगल मैप पृष्ठ में एकीकृत है।

मतदाता सुविधा केंद्र

निर्वाचन आयोग द्वारा निर्वाचकों को उपलब्ध कराई जाने वाली सुविधाओं की जानकारी के लिए अपने निकटतम मतदाता सुविधा केन्द्र में पधारें।

चुनाव प्रक्रिया की निगरानी

चुनाव प्रक्रिया का सबसे महत्वपूर्ण अंग चुनाव प्रक्रिया की पूर्णत: निष्पक्षता सुनिश्चित करना है, जिसके लिए चुनाव प्रक्रिया की मॉनिटरिंग का विशेष महत्व है। इसके विभिन्न चरण हैं। सबसे पहले चुनावी प्रक्रिया घोषित होते ही फ्लाइंग स्क्वॉड पूरे क्षेत्र में पोस्टर, बैनर इत्यादि हटाने में लग जाते हैं। इसके बाद चुनावी अधिसूचना जारी होते ही हमारी स्थिर निगरानी टीमें नाका लगाकर किसी भी गैरसूचित चुनावी सामग्री एवं मतदाताओं को लुभाने के लिए इस्तेमाल होने वाली गैर कानूनी वस्तुओं जैसे पैसा और शराब के वितरण को रोकने के लिए लगा दी जाती हैं।

उम्मीदवारों और राजनीतिक दलों द्वारा किए जाने वाले खर्चों पर भी चुनाव आयोग द्वारा जारी किए गए निर्देशों के अनुसार कार्यवाही करने हेतु व्यय निगरानी टीमें नियुक्त की जाती हैं जिनका मुखिया व्यय पर्यवेक्षक भारतीय चुनाव आयोग द्वारा नियुक्त किया जाता है जो भारतीय राजस्व सेवा का अधिकारी होता है।

चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता एवं निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए भारतीय चुनाव आयोग द्वारा सामान्य पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की जाती है जो भारतीय प्रशासनिक सेवा अथवा समकक्ष अधिकारी होते हैं। उनका कार्य चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशों का चुनावों के विभिन्न चरणों में पूर्णत: अनुपालन सुनिश्चित करना होता है। इनके अतिरिक्त संवेदनशील बूथों पर लघु पर्यवेक्षक भी नियुक्त किए जाते हैं जिनका कार्य ये सुनिश्चित करना होता है कि मतदान के दौरान किसी भी प्रकार की गड़बड़ी तो नहीं हो रही है और मतदान चुनाव आयोग के निर्देशानुसार ही सम्पन्न हो रहा है।

इस प्रक्रिया में मुख्य कड़ी सेक्टर अधिकारी होते हैं जो रिटर्निंग अधिकारी और चुनाव पीठासीन अधिकारी के बीच समन्वय का कार्य करते हैं और चुनावी प्रक्रिया को धरातल पर निष्पादित करते हैं। इन सभी अधिकारियों के बीच सभी प्रकार की व्यवस्था और विवेचना स्थापित करने का कार्य जिला चुनाव अधिकारी करते हैं।

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