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इन 10 बेहद अहम मुद्दों पर लड़ा जाएगा इस बार का दिल्ली विधानसभा चुनाव

Delhi Assembly Elections 2020 : दिल्ली विधानसभा की सभी 70 सीटों के लिए 8 फरवरी को वोट डाले जाएंगे और मतगणना 11 फरवरी को होगी। विधानसभा चुनाव के लिए 14 जनवरी को अधिसूचना जारी की जाएगी। नामांकन...

इन 10 बेहद अहम मुद्दों पर लड़ा जाएगा इस बार का दिल्ली विधानसभा चुनाव
नई दिल्ली | लाइव हिन्दुस्तान टीम Wed, 08 Jan 2020 02:02 PM
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Delhi Assembly Elections 2020 : दिल्ली विधानसभा की सभी 70 सीटों के लिए 8 फरवरी को वोट डाले जाएंगे और मतगणना 11 फरवरी को होगी। विधानसभा चुनाव के लिए 14 जनवरी को अधिसूचना जारी की जाएगी। नामांकन पत्र दाखिल करने की अंतिम तिथि 21 जनवरी है जबकि नामांकन पत्र की जांच 22 जनवरी को होगी। नामांकन पत्र वापस लेने की अंतिम तिथि 24 जनवरी है। मौजूदा दिल्ली विधानसभा का कार्यकाल 22 फरवरी 2020 को समाप्त हो रहा है।

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दिल्ली में विधानसभा की 70 सीटें हैं जिसमें से 58 सामान्य श्रेणी की हैं, जबकि 12 सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं। दिल्ली चुनाव में कुल मतदाताओं की संख्या 1,47,03,692 है जिसमें 1,46,92136 सामान्य मतदाता तथा 11,556 सर्विस वोटर हैं। दिल्ली विधानसभा के लिए इस बार कुल मतदान केंद्रों की संख्या 13,750 है। साल 2015 में मतदान केंद्रों की संख्या 11,763 थी। इस प्रकार से इनमें 16.89 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।

चुनाव के 10 बेहद अहम मुद्दे

1. कच्ची कॉलोनी : 1731 कच्ची कॉलोनी में मालिकाना हक का मुद्दा महत्वपूर्ण है। इसपर आप और कांग्रेस का कहना है कि केवल मालिकाना हक से कॉलोनियां नियमित नहीं हो जाती हैं। 

2. सीएए का विरोध : इस मुद्दे पर दिल्ली में कई जगह हिंसा हुई। 'आप' और कांग्रेस इसका विरोध कर रही हैं, जबकि भाजपा दोनों पार्टियों पर भड़काने का आरोप लगा रही है।

3. स्वास्थ्य : ‘आप’ मोहल्ला क्लीनिक, मुफ्त इलाज जैसी सुविधाओं पर जोर दे रही है। भाजपा ‘आप’ पर आरोप लगा रही है कि उसनेे आयुष्मान योजना लागू नहीं करने दिया।

4. शिक्षा : 'आप' के लिए यह मुद्दा विशेष महत्व रखता है। पार्टी शिक्षा के क्षेत्र में किए गए कार्यों को जनता के सामने जोर-शोर से रखेगी। शिक्षा के लिए बजट का भी विशेष आवंटन किया है।

5. बुनियादी ढांचा : ‘आप’ नई बसे और सड़कों में सुधार को लेकर जनता के बीच जा सकती है। भाजपा ईस्टर्न-वेस्टर्न पेरिफेरल वे को लेकर किए गए कार्य को केंद्र में रखेगी।

6. बिजली-पानी पर सब्सिडी : केजरीवाल दावा कर रहे हैं कि दिल्ली में मुफ्त बिजली-पानी की सुविधा आगे भी जारी रहेगी। भाजपा पांच गुना और कांग्रेस 600 यूनिट तक सब्सिडी का वादा कर रही है।

7. पानी की गुणवत्ता : बीआईएस रिपोर्ट के बाद भाजपा ने राज्य सरकार पर हमला बोला था, जिसके बाद दिल्ली सरकार ने रिपोर्ट जारी कर पानी को पीने लायक बताया था।

8. वायु प्रदूषण : केजरीवाल सरकार दावा करती है कि ऑड-ईवम जैसे उपायों से प्रदूषण कम किया गया। वहीं भाजपा और कांग्रेस 'आप' पर पराली जलाने के मुद्दे पर आरोप लगाती हैं।

9. सीलिंग व आर्थिक मंदी : 7000 कारखाने बंद कराए गए। भाजपा का दावा है कि मास्टर प्लान में संशोधन कर व्यापारियों को राहत दी है। बाकी पार्टियों इसे लेकर हमलावर हैं।

10. पूर्ण राज्य का दर्जा : 2013 के चुनावी घोषणापत्र में भाजपा ने इसे शामिल किया था। सत्ता में आने के बाद पार्टी इस मुद्दे पर चुप है। 'आप' इस मुद्दे को उठाती रही है।

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