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दिल्ली चुनाव 2020 : ऑटोवाले राजनीतिक दलों के चुनाव प्रचार की अहम धुरी

दिल्ली की राजनीति में ऑटो वाले महत्वपूर्ण धुरी हैं, क्योंकि इनके माध्यम से राजनीतिक दलों को मुफ्त प्रचार मिलता है। संगम विहार निवासी 56 वर्षीय ऑटो चालक शिव कुमार पांडेय का कहना है कि वह पिछले...

दिल्ली चुनाव 2020 : ऑटोवाले राजनीतिक दलों के चुनाव प्रचार की अहम धुरी
नई दिल्ली। मनोज शर्मा Thu, 06 Feb 2020 03:40 PM
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दिल्ली की राजनीति में ऑटो वाले महत्वपूर्ण धुरी हैं, क्योंकि इनके माध्यम से राजनीतिक दलों को मुफ्त प्रचार मिलता है। संगम विहार निवासी 56 वर्षीय ऑटो चालक शिव कुमार पांडेय का कहना है कि वह पिछले कुछ दिन में अपने ऑटो के पीछे लगाए गए राजनीतिक दलों के स्टीकर दो बार हटा चुके हैं। उनका कहना है कि राजनीतिक दल हमेशा प्रचार में हमारा सहारा लेते हैं।

1918 का चालान हो चुका

6 जनवरी से 31 जनवरी के बीच दिल्ली में कुल 1918 ऑटो वालों का आदर्श आचार संहित के उल्लंघन के आरोप में चालान किया गया है। इनमें से एक ऑटोवाले को ‘आई लव केजरीवाल’ ऑटो पर लिखे होने पर 10 हजार का चालान झेलना पड़ा।

सभी पार्टियां तवज्जो देती हैं

ऑटो चालक चुनाव के समय प्रचार का अहम जरिया बन जाते हैं। इसी कारण हर राजनीतिक दल इन्हें महत्व देता है। गत वर्ष आप ने ऑटो किराये में वृद्धि सहित ऑटो चालकों को लुभाने के लिए कई कदम उठाए।भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी भी कई मौके पर ऑटोवालों को लुभाने की होड़ में नजर आए हैं।

वोटबैंक से अधिक अहमियत

शहर में करीब एक लाख ऑटो वाले हैं। राजनीतिक दलों के लिए वे एक वोटबैंक से अधिक हैं। वर्ष 2013 और 2015 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में आप ने इनका इस्तेमाल अपने प्रचार के लिए किया था। वहीं, कई मौकों पर आम आदमी पार्टी के खिलाफ प्रचार में दूसरी पार्टियों ने भी ऑटोवालों का सहारा लिया है।

राजनीति से जुड़ाव

दिल्ली में करीब दो दर्जन ऑटो यूनियन हैं। हर यूनियन किसी न किसी राजनीतिक दल से जुड़ी है। चुनाव प्रचार के दौरान इनकी भूमिका भी महत्वपूर्ण होती है।

दोनों तरफ का रिश्ता

ऑल दिल्ली ऑटो टैक्सी ट्रांसपोर्ट कांग्रेस संघ के अध्यक्ष किशन वर्मा का कहना है कि राजनीतिक दल हमारा इस्तेमाल मुफ्त प्रचार, लोगों को रैलियों में लाने ले जाने के लिए करते हैं। इसके बदले में हम उम्मीद करते हैं कि वे सत्ता में आने पर हमसे जुड़े मुद्दों का समाधान करें।

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