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BJP संग बिहार चुनाव में सीट शेयरिंग मुद्दे पर LJP अध्यक्ष चिराग अमित शाह से करेंगे मुलाकात

बिहार विधानसभा चुनाव में सीट शेयरिंग पर भाजपा के फार्मूले और कुछ अन्य मुद्दों को लेकर लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान गृह मंत्री अमित शाह से आज यानि मंगलवार को मुलाकात कर सकते हैं। पार्टी सूत्रों ने...

BJP संग बिहार चुनाव में सीट शेयरिंग मुद्दे पर LJP अध्यक्ष चिराग अमित शाह से करेंगे मुलाकात
अरुण कुमार, एचटी, पटनाTue, 29 Sep 2020 02:13 PM
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बिहार विधानसभा चुनाव में सीट शेयरिंग पर भाजपा के फार्मूले और कुछ अन्य मुद्दों को लेकर लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान गृह मंत्री अमित शाह से आज यानि मंगलवार को मुलाकात कर सकते हैं। पार्टी सूत्रों ने उम्मीद जताई है कि सीट के मुद्दे पर लोजपा का असंतोष जल्द ही खत्म हो सकता है। भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) के सीट शेयरिंग फार्मूले पर लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) सहमत हो सकती है। 

एलजेपी के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार पार्टी प्रमुख चिराग पासवान ने सोमवार को भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ सीट शेयरिंग को लेकर बातचीत की थी। इसमें बिहार विधासभा चुनाव में 27 सीटें प्लस दो सीटों (विधान परिषद के माध्यम से निर्वाचन के माध्यम) की बात सामने आई। इसके अलावा नड्डा से एलजेपी के लिए संभावित सीटों पर भी चर्चा की गई। उम्मीद है कि जल्द ही चीजें हल हो जाएगीं।

सूत्रों ने कहा कि लोजपा ऐसी सीटें हासिल करना चाहेगी, जहां उसके जीतने की प्रबल संभावना हो। उन्होंने कहा कि चिराग की नाराजगी दूर हो सकती है मामले को सुलझाने के लिए भाजपा का इंतजार करना चाहिए। चिराग ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि मुझे भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व पर पूरा भरोसा है। मुझे भाजपा से कोई परेशान नहीं है। बिहार की भलाई के लिए भाजपा जो भी फैसला लेगी मैं उसके साथ हूं। चिराग ने साफ किया था कि उनकी लड़ाई सीटों के लिए नहीं थी और इसे उस संदर्भ में नहीं देखा जाना चाहिए।

वहीं लोजपा की केंद्रीय संसदीय बोर्ड ने बीते 12 सितंबर को NDA में सीट शेयरिंग पर फैसला लेने के लिए चिराग को अधिकृत किया था। इस संबंध में चिराग के करीबी वरिष्ठ नेता ने कहा कि एक बात निश्चित है कि लोजपा राजग का हिस्सा बनी रहेगी और 2019 के लोकसभा प्रदर्शन को दोहराने के लिए इसे और मजबूत बनाने का काम करेगी। लोजपा को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व पर पूरा भरोसा है।

इससे पहले राज्यपाल के कोटे से 12 सीटों पर बिहार विधान परिषद के लिए नामांकन LJP से समझौते को लेकर अटक गया था। भाजपा जहां लोजपा को इनमें से एक सीट देना चाहती थी, वहीं जद-यू इसके खिलाफ थी। अब, अगर एनडीए बिहार में चुनाव के बाद सत्ता में आता है, तो एलजेपी को नए फॉर्मूले के अनुसार एक के बजाय दो सीटें मिलेंगी।

उल्खेनीय है कि लोकसभा चुनाव के दौरान, एलजेपी को सात की मांग के खिलाफ छह सीटें दी गई थीं और एक सीट राज्यसभा में पार्टी संरक्षक रामविलास पासवान के लिए प्रतिबद्ध थी। पद खाली होने के तुरंत बाद बीजेपी ने उन्हें यह सीट दे दी थी।

2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में LJP ने 40 सीटों पर चुनाव लड़ा था उस समय जदयू एनडीए का हिस्सा न होकर महागठबंधन में शामिल था। इन 40 में से लोजपा ने सिर्फ दो सीटें जीती थीं। इस समय भी उन्होंने अधिक सीटों की मांग की थी। 2015 में, बीजेपी ने 157 सीटों पर चुनाव लड़ा था, लेकिन इस बार एनडीए में जदयू की वापसी के कारण इस बार यह संभव नहीं है। इस बार बीजेपी को खुद कम सीटों पर चुनाव लड़ना है। 

इसके अलावा, एनडीए में अब पूर्व सीएम जीतन राम मांझी का एचएएम-एस भी है वहीं राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (आरएलएसपी) के पार्टी की भी लौटने की अटकलें हैं, जो सीटों को और निचोड़ देगी। इस संबंध में लोजपा के एक नेता ने कहा कि भाजपा के अनुसार 27 सीटों और विधान परिषद में दो सीटों की पेशकश स्थिति को देखते हुए लोजपा के लिए अच्छा सौदा है। अब, चुनाव का समय नजदीक आ गया है। कुछ सीटों के मुद्दे हैं, जिन्हें जल्द ही हल कर लिया जाएगा।

2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान, भाजपा-जदयू-लोजपा गठबंधन को 40 में से 39 सीटें जुटाने के लिए 54% वोट मिले थे और भाजपा जीत के संयोजन के साथ छेड़छाड़ नहीं करना चाहती। लोजपा ने छह सीटों पर चुनाव लड़ा था और उन सभी में जीत हासिल की थी। 2019 की प्रचंड जीत के बाद नारा था- '2019 की जीत हमारी है, अब 2020 की बात है।'  

केंद्र में राजग का हिस्सा होने के बावजूद लोजपा और जद-यू में समय समय पर तकरार होता रहता है। चिराग ने शासन के मुद्दों पर नीतीश कुमार पर लगातार हमला किया और यहां तक ​​कि नीतीश सरकार की 'सात निश्चय' योजना के विकास पहल को भी महागठबंधन का कार्यक्रम करार दिया। 2015 में बनी महागठबंधन की सरकार में राजद, जदयू और कांग्रेस शामिल थी। 

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