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अतीत के पन्ने से: 1967 में पहली बार बिहार में गैर कांग्रेस की सरकार बनी

वर्ष 1967 में बिहार (संयुक्त बिहार) में विधानसभा का चौथा चुनाव हुआ। पहली बार इस चुनाव में कांग्रेस को बहुमत हासिल नहीं हो सकी। इसके पहले के तीनों चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन क्रमश: घटता गया था, पर...

अतीत के पन्ने से: 1967 में पहली बार बिहार में गैर कांग्रेस की सरकार बनी
पटना ब्रजेश Sun, 30 Aug 2020 04:45 PM
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वर्ष 1967 में बिहार (संयुक्त बिहार) में विधानसभा का चौथा चुनाव हुआ। पहली बार इस चुनाव में कांग्रेस को बहुमत हासिल नहीं हो सकी। इसके पहले के तीनों चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन क्रमश: घटता गया था, पर हर बार वह बहुमत प्राप्त करने में सफल रही थी। इन्हें बहुमत हासिल नहीं होने के कारण आजादी के बाद पहली बार बिहार में गैर कांग्रेस सरकार बनी। 

इस चुनाव में कांग्रेस को कुल 318 सीटों में से 128 पर रही संतोष करना पड़ा। 68 सीटें प्राप्त कर दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनी संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी। कांग्रेस सभी 318 सीटों पर अपना उम्मीदवार खड़ी की थी, जबकि संयुक्त सोशल्स्टि पार्टी के उम्मीदवार 199 सीटों पर खड़े हुए थे।  भारतीय जनसंघ 271 जगहों से लड़ी और 26 सीटों  पर जीत हासिल की। सीपीआई को 24 व प्रजा सोशलिस्ट पार्टी को 18 सीटें मिलीं। निर्दलियों का कब्जा 33 सीटों पर और 13 पर झारखंड पार्टी विजयी रही। 

महिलाओं का प्रतिनिधित्व तीन चौथाई घट गया
महिलाओं का प्रतिनिधित्व इस चुनाव में काफी घट गया। 1962 के चुनाव के मुकाबले तीन चौथाई कम हो गया प्रतिनिधित्व। 1962 में 25 महिलाएं जीती थीं, जबकि 1967 में मात्र छह ही विधानसभा पहुंचीं। इस चुनाव में मात्र 29 महिला उम्मीदवार थीं। 

एक साल में ही गिर गई थी सरकार
बिहार में राजनीतिक अस्थिरता का माहौल सबसे पहले 1967 में आई। पांच मार्च 1967 को पहली बार राज्य में गैर कांग्रेस की सरकार बनी थी। जन क्रांति दल के नेता महामाया प्रसाद सिन्हा मुख्यमंत्री बने। हालांकि उस समय कांग्रेस के बाद सबसे अधिक विधायक संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी (संसोपा) के पास थे, लेकिन कांग्रेस को सत्ता से अलग रखने के लिए संसोपा यह शर्त मान गई। संसोपा के नेता कर्पूरी ठाकुर उपमुख्यमंत्री बने। यह सरकार 28 जनवरी 1968 को गिर गई। बिहार में फिर कांग्रेस सरकार बनाने में सफल हुई और सतीश प्रसाद सिंह मुख्यमंत्री बने। हालांकि फिर भी सरकार अधिक दिनों तक नहीं चली और मात्र दो वर्षों के अंदर 1969 में बिहार की जनता को चुनाव का फिर सामना करना पड़ा। 

आंकड़े एक नजर में : 
कुल मतदाता : 2 करोड़ 77 लाख
मतदाता मतदान किए : 1 करोड़ 43 लाख
मतदान का प्रतिशत : 51.51
रद्द हुए मतदान : 49 लाख 
मतदान केंद्र : 29213 
उम्मीदवार मैदान में उतरे : 2025 

कुल सीटें : 318 
सामान्य 245, 
एससी 45, 
एसटी 28  

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