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दरौली विधानसभा सीट: सीवान जिले के इस क्षेत्र में खिसकती चली गई कांग्रेस की जमीन  

सीवान जिले के दरौली विधानसभा क्षेत्र कभी कांग्रेस का गढ़ माना जाता था। पांच बार जनता ने कांग्रेस के प्रत्याशियों को सिर आंखों पर बिठाया। लेकिन, वक्त के साथ धीरे-धीरे ‘हाथ’ की राजनीतिक जमीन...

दरौली विधानसभा सीट: सीवान जिले के इस क्षेत्र में खिसकती चली गई कांग्रेस की जमीन  
सीवान | संदीप सिंहSun, 27 Sep 2020 03:48 PM
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सीवान जिले के दरौली विधानसभा क्षेत्र कभी कांग्रेस का गढ़ माना जाता था। पांच बार जनता ने कांग्रेस के प्रत्याशियों को सिर आंखों पर बिठाया। लेकिन, वक्त के साथ धीरे-धीरे ‘हाथ’ की राजनीतिक जमीन खिसकती चली गयी। वर्तमान में कांग्रेस इस विधानसभा में सिर्फ गठबंधन धर्म का निर्वहन कर रही है।
 
1995 से यहां भाकपा माले का प्रादुर्भाव हुआ। तब से चार बार इसने इस विधानसभा क्षेत्र पर कब्जा जमाया। वर्तमान विधायक भी माले के ही हैं। 1952 में हुए पहले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के रामायण शुक्ला ने जीत हासिल की। इसके बाद इस विधानसभा की जनता ने कई पार्टियों को प्रतिनिधित्व का मौका दिया। राष्ट्रीय पार्टियों के अलावा क्षेत्रीय पार्टियों को भी जनता ने कई बार अवसर दिया है। 

ज्यादातर बार सीट सामान्य कोटे में रही है। लेकिन सन 2008 में भारत के परिसीमन आयोग द्वारा अनुशंसित दरौली, गुठनी व आंदर प्रखंड को इस निर्वाचन क्षेत्र में शामिल किया गया। इसके बाद से ही यह सीट आरक्षित कोटे में है। नए परिसीमन के बाद 2010 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी के रामायण मांझी ने जीत दर्ज की। हालांकि 2015 में माले के सत्यदेव राम से हार गए।  

दो गांवों में जाने के लिए नाव ही सहारा
इस निर्वाचन क्षेत्र में पड़ने वाले दो गांव ऐसे हैं, जिनका अन्य गांवों से संपर्क हमेशा ही न के बराबर रहा है। दरअसल दोनों ही गांव नदी के उस पार बसे हैं। एक गांव को मनियर टोला एक (उड़ियान टोला) जबकि दूसरे को हिलासगढ़ के नाम से जाना जाता। यहां कुल दो बूथों पर वोटिंग होती है। इन गांव तक पहुंचने के लिए नाव ही एकमात्र सहारा है। हालांकि अभी नदी पर पक्का पुल का निर्माण शुरू है, जिसके बन जाने के बाद कुछ राहत  मिलेगी।

अबतक चुने गए विधायक
1952-रामायण शुक्ला,  कांग्रेस 
1957-राजेंद्र सिंह, सीएनपीएसपीजेपी
1962-रामायण शुक्ला, कांग्रेस
1967-केपी सिंह, भारतीय जनसंघ
1969-लक्ष्मण राउत, एसएसपी
1972- कृष्ण प्रताप सिंह, भारतीय जनसंघ
1977-कृष्ण प्रसाद सिंह, कांग्रेस पार्टी
1980-चंद्रिका पांडेय, कांग्रेस(आई)
1985-शिवशंकर यादव, लोकदल 
1990-शिवशंकर यादव, जनता दल 
1995-अमरनाथ यादव, भाकपा माले 
2000-शिवशंकर यादव, राजद
2005-अमरनाथ यादव, भाकपा माले 
2005-अमरनाथ यादव, भाकपा माले 
2010-रामायण मांझी, भाजपा
2015-सत्यदेव राम, भाकपा माले 
 

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