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बिहार विधानसभा चुनाव में इस सीट पर भाजपा पहले अपनों से फिर विरोधियों से लड़ेगी

जदयू और भाजपा जिले की सभी सात सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। प्रत्याशियों की घोषणा के साथ विरोध के स्वर भी उठने लगे हैं। टिकट नहीं मिलने से दावेदारों में नाराजगी है। भाजपा को पहले अपनों से...

बिहार विधानसभा चुनाव में इस सीट पर भाजपा पहले अपनों से फिर विरोधियों से लड़ेगी
भागलपुर, वरीय संवाददाताMon, 12 Oct 2020 01:02 PM
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जदयू और भाजपा जिले की सभी सात सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। प्रत्याशियों की घोषणा के साथ विरोध के स्वर भी उठने लगे हैं। टिकट नहीं मिलने से दावेदारों में नाराजगी है। भाजपा को पहले अपनों से फिर बागियों से लड़ना होगा। नेताओं की नजर भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री सह बिहार प्रभारी भूपेन्द्र यादव के सोमवार के दौरे पर लगी हुई है। 

टिकट वितरण के बाद दावेदारों में भी नाराजगी बढ़ गयी है। जिला और प्रदेश स्तर के नेता नाराजगी को दूर करने में जुट गये हैं। सोमवार को बिहार प्रभारी भूपेन्द्र यादव आ रहे हैं। संभव है कि वह भी नेताओं की नाराजगी दूर करने की पहल करें। पीरपैंती सीट पर 2010 में भाजपा के टिकट पर अमन कुमार ने जीत दर्ज की थी। इस सीट पर पहली बार भाजपा ने खाता खोला था, लेकिन पार्टी ने 2015 में अमन की जगह ललन कुमार पर भरोसा जताते हुए टिकट दिया। भाजपा की इस सीट पर हार हुई, लेकिन प्रत्याशी को 74 हजार से अधिक मत मिले। इस बार ललन के साथ पूर्व विधायक अमन पासवान भी टिकट की दौड़ में थे। बताया जा रहा है कि टिकट नहीं मिलने से अमन नाराज चल रहे हैं। चुनाव लड़ने की भी अटकलें लगायी जा रही हैं। 

अमन को मनाने के लिए शनिवार को भाजपा के जिला अध्यक्ष सहित अन्य नेता गये थे, लेकिन अभी तक बात नहीं बन सकी है। कहलगांव सीट पर पहली बार भाजपा जदयू गठबंधन के साथ चुनाव लड़ रही है। वहां तो टिकट नहीं मिलने से नाराज जिला भाजपा महिला मोर्चा की पूर्व अध्यक्ष सह जिप सदस्य लीना सिन्हा ने निर्दलीय नामांकन पत्र दाखिल कर दिया। हालांकि नेताओं के हस्तक्षेप के बाद नाम वापस लेने को राजी हो गयी है। सोमवार को नामांकन पत्र वापस ले सकती है। बताया जा रहा है कि नाम वापसी के बावजूद एक खेमा टिकट नहीं मिलने से नाराज चल रही है। 

भागलपुर सीट पर भाजपा ने नया प्रत्याशी दिया है। इस सीट के मजबूत दावेदारों में केन्द्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे के पुत्र अर्जित शाश्वत, पूर्व डिप्टी मेयर प्रीति शेखर सहित एक दर्जन से अधिक नेता दावेदार थे। प्रत्याशी घोषणा के बाद अभी खुलकर विरोध नहीं कर रहा है। सूत्रों की मानें तो कई नेताओं में नाराजगी है। एक नेता ने कहा कि पार्टी द्वारा कहा गया था कि जिला अध्यक्ष के पद पर रहते हुए दावेदारी नहीं की जा सकती है, लेकिन पार्टी ने पद पर रहते हुए प्रत्याशी बनाया। 2015 के चुनाव में अर्जित चौबे को टिकट मिलने पर भाजपा नेताओं ने विरोध किया था। भाजपा नेता विजय साह निर्दलीय चुनाव लड़े थे। उन्हें 14 हजार से अधिक वोट मिला था। भाजपा की हार का एक कारण इसे भी माना जाता है। बिहपुर विधानसभा सीट पर भी दावेदारों की लंबी कतार थी। कई नेता दिल्ली और पटना में एक महीने से जमे हुए थे। बताया जा रहा है कि वहां भी आधा दर्जन नेताओं में टिकट नहीं मिलने से नाराजगी है।

एकजुट हैं और रहेंगे: जिलाध्यक्ष
भाजपा के जिलाध्यक्ष रोहित पांडेय ने कहा कि चुनाव लड़ने की सबकी इच्छा होती है और प्रयास भी करते हैं, लेकिन एक बार टिकट मिलने के बाद सभी मिलजूलकर पार्टी प्रत्याशी को जीताने में जुट जाते हैं। अगर किसी नाराजगी है तो उसे दूर कर लिया जाएगा। पार्टी एकजुट है और रहेगी। 

भाजपा नेताओं के बोल
एनडीए एकजुट

रोहित पांडेय को प्रत्याशी बनाने पर केन्द्रीय और प्रदेश नेतृत्व को आभार। पांडेय लगनशील कार्यकर्ता हैं। एनडीए एकजुट होकर चुनाव लड़ेगी। भाजपा का प्रत्याशी कोई भी कार्यकर्ता बनता है। - अर्जित शाश्वत, पूर्व प्रत्याशी

अमरपुर में पत्नी और भागलपुर में पार्टी धर्म निभाऊंगी
रोहित पांडे को बहुत बहुत बधाई। पार्टी निर्णय के साथ हूँ। केंद्र में एनडीए गठबंधन में लोजपा भी है। इसलिए अमरपुर में पति मृणाल शेखर के लिए प्रचार करुंगी। उसके बाद भागलपुर आऊंगी। भागलपुर में पार्टी धर्म और अमरपुर में पत्नी धर्म। - प्रीति शेखर, पूर्व डिप्टी मेयर
 

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