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RJD और कांग्रेस में बढ़ी सीटों को लेकर तकरार, राजद सांसद ने कहा- कहीं गठबंधन पर भारी न पड़ जाए कांग्रेस की हठ

राजद और कांग्रेस के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर खींचतान थमने का नाम नहीं ले रही। राजद ने लगातार दूसरे दिन कांग्रेस को सीटों को लेकर संयम बरतने की नसीहत दी। पार्टी के राज्यसभा सांसद डा. मनोज झा ने...

RJD और कांग्रेस में बढ़ी सीटों को लेकर तकरार, राजद सांसद ने कहा- कहीं गठबंधन पर भारी न पड़ जाए कांग्रेस की हठ
पटना, हिन्दुस्तान टीमTue, 29 Sep 2020 10:20 PM
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राजद और कांग्रेस के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर खींचतान थमने का नाम नहीं ले रही। राजद ने लगातार दूसरे दिन कांग्रेस को सीटों को लेकर संयम बरतने की नसीहत दी। पार्टी के राज्यसभा सांसद डा. मनोज झा ने बातों-बातों में कांग्रेस को यह चेतावनी भी दी कि हठधर्मिता में कहीं नुकसान ना हो जाए और वो गठबंधन पर भारी न पड़ जाए।

पहले चरण के नामांकन की प्रक्रिया शुरू होने में अब सिर्फ एक दिन बचा है मगर महागठबंधन में सीटों को लेकर घमासान मचा है। सोमवार को राजद की ओर से प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने बयान देकर कांग्रेस को 58 विधानसभा और वाल्मीकि नगर लोकसभा सीट दिए जाने की बात कही थी। तब कांग्रेस की ओर शीर्ष स्तर पर मामला बातचीत के जरिए सुलझने की बात कही गई थी। मगर मंगलवार को राजद के डा. मनोज झा ने इस बात को और आगे बढ़ा दिया। यही नहीं सीट बंटवारे में होने वाली देरी का ठीकरा भी उन्होंने कांग्रेस के सिर फोड़ दिया।

उन्होंने कहा कि इतने बड़े जनाधार के बावजूद राजद कई दलों को अपने साथ समायोजित कर रहा है। कहा कि यह चुनाव सिर्फ सरकार बदलने का नहीं बल्कि सरोकार बदलने का है। बड़े लक्ष्य के लिए कांग्रेस को भी बड़ा दिल दिखाना चाहिए। कहा कि कांग्रेस को जो संख्या बताई गई है वो पर्याप्त है। उन्होंने कांग्रेस से अपील के साथ ही चेतावनी देते हुए कहा कि एक ऐतिहासिक संदर्भ में दोनों दलों के रिश्तों को देखिए। हठधर्मिता में नुकसान ना हो जाए, हठधर्मिता गठबंधन पर भारी न पड़ जाए और हठधर्मिता से कहीं बदलाव का इंतजार कर रहे बिहार के लोगों को मायूसी ना हाथ लगे।

73 से 58 पर आई बात
दरअसल राजद और कांग्रेस के बीच सीट बंटवारे की जो बातचीत चल रही थी, उसमें बात 73 सीटों तक पहुंच गई थी। कांग्रेसी मन में फूले नहीं समा रहे थे कि उन्हें इस बार 70 के करीब सीटें मिलने जा रही हैं। मगर बीते तीन दिनों में कई घटनाक्रम बदले। राजद ने जहां कांग्रेस को 58 सीटों पर सीमित करने का प्रयास किया है, वहीं चर्चा है कि इसमें भी एकाध छोटे दल को समायोजित करने का दबाव है। सूत्रों की मानें तो इस मसले को लेकर कांग्रेस और राजद के शीर्ष नेतृत्व में कई दौर की बात हो चुकी है। एक-दो दिन में मामला सुलझने की उम्मीद है।

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