फोटो गैलरी

Hindi News विधानसभा चुनाव बिहार चुनाव 2020बिहार चुनाव 2020: कोरोना काल में स्थानीय मुद्दे गायब, राष्ट्रीय मुद्दों के साथ सोशल मीडिया पर असली जंग

बिहार चुनाव 2020: कोरोना काल में स्थानीय मुद्दे गायब, राष्ट्रीय मुद्दों के साथ सोशल मीडिया पर असली जंग

कोरोना काल में हो रहे विधानसभा चुनाव में स्थानीय मुद्दे गायब हो गए है। कोरोना को लेकर प्रत्याशी और मतदाताओं में संवाद भी कम हुआ है। असली जंग तो सोशल मीडिया पर लड़ी जा रही है। राष्ट्रीय मुद्दों वाली...

बिहार चुनाव 2020: कोरोना काल में स्थानीय मुद्दे गायब, राष्ट्रीय मुद्दों के साथ सोशल मीडिया पर असली जंग
मैरवा डेहरी हिन्दुस्तान टीमSun, 25 Oct 2020 01:25 PM
ऐप पर पढ़ें

कोरोना काल में हो रहे विधानसभा चुनाव में स्थानीय मुद्दे गायब हो गए है। कोरोना को लेकर प्रत्याशी और मतदाताओं में संवाद भी कम हुआ है। असली जंग तो सोशल मीडिया पर लड़ी जा रही है। राष्ट्रीय मुद्दों वाली खबरें फेसबुक, वाट्सएप और ट्वीटर पर छाई हुई हैं। अपने अपने नेताओं के भाषण खूब शेयर किये जा रहे हैं।

सोशल मीडिया के कारण ही प्रत्याशी और समर्थक सभी बूथ तक कम पहुंच रहे है। प्रत्याशी सोशल मीडिया के सहारे क्षेत्र में अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे है। वे कम समय के कारण सबको अपनी योजना से अवगत कराने का प्रयास कर रहे है। चुनाव में राष्ट्रीय और राज्य के मुद्दे अधिक हावी हो गये है। स्थानीय स्तर पर स्टेडियम का निर्माण घोषणा होने के दो साल बाद भी नहीं बन पाया है। 70 लाख से बनने वाले स्टेडियम का निर्माण कार्य अबतक शुरू नहीं हुआ है। 

नगर में जलजमाव व सड़कों के टूटे होने के मुद्दों पर चर्चा नहीं हो रही है। हालांकि बड़गांव और भोपतपुरा गांव के मतदाता जर्जर सड़क को चुनावी मुद्दा बना रहे है। नगर के दो वार्ड समेत चार गांव में जलजमाव की स्थिति बनी हुई है। दो माह से चार हजार से अधिक की आबादी जलमग्न है। स्थानीय स्तर पर लोग प्रत्याशियों से जलजमाव की समस्या को दूर करने की मांग कर रहे है।

कुछ प्रत्याशी चुनाव जीतने के साथ ही निर्माण कार्य शुरू करने का आश्वासन दे रहे है। मैरवा रामपुर मार्ग पर एनएच की सड़क एक साल में ही टूट गई है। जिसके कारण मार्ग पर आवागमन प्रभावित हो गया है। इससे बिहार से देवरिया और गोरखपुर जाने वाले लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।  वहीं लोगों की उम्मीदें भी खत्म हो चुकी। 

विधानसभा का चुनाव का असली प्रचार प्रत्याशियों के आईटी सेल ने संभाल रखा है। सोशल मीडिया का इससे पहले इस स्तर पर इतना प्रयोग संभवत पहली बार  हो रहा है। सोशल मीडिया पर पल—पल की खबर शेयर की जा रही है। क्षेत्र में जो गतिविधियां चल रही है, प्रत्याशी उसे तत्परता से सोशल मीडिया पर शेयर कर रहे हैं। इससे आमलोगों को पता चल रहा है कि उस प्रत्याशी का ग्राफ कितने उफान पर है। जातीय गोलबंदी से लेकर आने वाली सूचना को भी जमकर शेयर किया जा रहा है।

कई हस्तियों के साथ सूचना शेयर करने की होड़ :  प्रत्याशियों की जीत सुनिश्चित करने के लिए राज्य स्तर के कई स्टार प्रचारक भले ही प्रचार अभियान नहीं चला रहे हो। किंतु प्रत्याशी और उनके समर्थक उनके साथ पूर्व की ली गई तस्वीर शेयर करके अपना प्रभाव जमा रहे हैं।  क्षेत्र में प्रत्याशियों को छोड़कर स्टार प्रचारकों द्वारा चुनाव प्रचार की शुरुआत कर दी गई है।

ऐसे में जहां प्रत्याशी अपने क्षेत्र भ्रमण की ताजा अपडेट सोशल मीडिया पर शेयर करते दिख रहे हैं। वहीं, उनके पार्टी के नेता अपना प्रभाव जमाने के लिए बड़े नेताओं के साथ पूर्व में ली गई तस्वीर को साझा करके प्रत्याशी व लोगों के बीच अपना प्रभाव दिखा रहे हैं। सोशल मीडिया पर युद्ध स्तर पर चलाए जा रहे अपने प्रचार अभियान का नतीजा यह है, कि थोड़ी देर बाद फेसबुक पर व्हाट्सएप खोलने पर नोटिफिकेशन का सर्जिकल स्ट्राइक हो जाता है। इसे पढ़ना और देखना कठिन हो रहा है।  प्रत्याशी स्टोरी ऐड करने के ऑप्शन का भी भरपूर इस्तेमाल कर रहे हैं।  

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें