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बिहार चुनाव 2020: नई जोश में दिख रही कांग्रेस, भाजपा और जद-यू की चौतरफा घेरेबंदी की तैयारी

बिहार चुनाव में पहले चरण के मतदान के बाद कांग्रेस नए जोश में दिख रही है। यही कारण है कि दूसरे चरण के लिए नई रणनीति पर काम करने लगी है। उसकी सबसे बड़ी रणनीति भाजपा और जद-यू की चौतरफा घेरेबंदी है।...

बिहार चुनाव 2020: नई जोश में दिख रही कांग्रेस, भाजपा और जद-यू की चौतरफा घेरेबंदी की तैयारी
पटना लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 30 Oct 2020 10:57 AM
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बिहार चुनाव में पहले चरण के मतदान के बाद कांग्रेस नए जोश में दिख रही है। यही कारण है कि दूसरे चरण के लिए नई रणनीति पर काम करने लगी है। उसकी सबसे बड़ी रणनीति भाजपा और जद-यू की चौतरफा घेरेबंदी है। कांग्रेस अब सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमलावर हो चुकी है। मुंगेर को लेकर नीतीश की जगह पीएम मोदी से सवाल पूछना इसी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। 

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की पहली पंक्ति की टीम के वरिष्ठ नेता और कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला, राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन खेड़ा, झारखंड कांग्रेस के बड़े नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोध कांत सहाय के साथ ही कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मदन मोहन झा भावी रणनीति को अंतिम रूप दे रहे हैं। मतदान के बाद बुधवार की देर रात इन नेताओं की पाटलिपुत्र में एक बैठक भी हुई। इसमें दूसरे चरण की उन 24 सीटों मंथन हुआ जहां कांग्रेस मैदान में है। 

तमाम सर्वे में कांग्रेस को कोई खास सफलता नहीं दिखी है, इसके बावजूद सभी का मानना है कि पार्टी इस बार अलग अंदाज में चुनाव लड़ रही है। केंद्रीय नेतृत्व ने पूरा चुनाव अपने कंट्रोल में ले लिया है। प्रतिदिन की तैयारी चुनावी तैयारियों का जायजा लेने के साथ-साथ गठबंधन के सहयोगियों के साथ समन्वय पर दिल्ली से नजर रखी जा रही है और फैसले लिए जा रहे हैं।

इस मामले की जानकारी रखने वाले लोगों ने कहा कि ऐसा संभवत: पहली बार हुआ है जब पार्टी की केंद्रीय इकाई अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने किसी राज्य के चुनाव के दौरान चुनाव प्रबंधन और तैयारियों का पूरा प्रभार लिया है।

कांग्रेस ने पहले ही विभिन्न समितियां बना रखी हैं। राष्ट्रीय प्रवक्ता सुरजेवाला महासचिव के रूप में पूर्व महासचिव मोहन प्रकाश के साथ चुनाव प्रबंधन और समन्वय समिति के प्रमुख हैं। जबकि प्रवक्ता पवन खेरा मीडिया पैनल के प्रभारी हैं। बिहार कांग्रेस अध्यक्ष मदन मोहन झा, कांग्रेस विधायक दल के नेता सदानंद सिंह और राज्यसभा सदस्य अखिलेश प्रसाद सिंह, जिनके खिलाफ राज्य के नेताओं ने विद्रोह किया, उन्हें इन समितियों से बाहर रखा गया।

सात एआईसीसी सचिव- जितेन्द्र बघेल, सुधीर शर्मा, चेला वामशी चंद रेड्डी, गुरकीरत सिंह कोटली, महेंद्र जोशी, काजी मोहम्मद निजामुद्दीन और राजेश धर्माणी को केंद्रीय टीम की सहायता के लिए बिहार में तैनात किया गया। 

पार्टी ने पटना में एक वॉर रूम भी स्थापित किया और झारखंड इकाई के पूर्व अध्यक्ष डॉ. अजॉय कुमार को कार्यभार सौंपा, जिन्होंने पिछले साल आम आदमी पार्टी (आप) में शामिल होने के लिए कांग्रेस छोड़ दी थी। पिछले महीने उन्होंने घर वापसी की। भारतीय पुलिस सेवा के एक पूर्व अधिकारी अजय कुमार ने 1986 में पटना के पुलिस अधीक्षक के रूप में सेवा दी थी।

पार्टी ने 70 निर्वाचन क्षेत्रों में 70 पर्यवेक्षकों की तैनाती की है। सहयोगी दलों के साथ एक राजनीतिक समन्वय समिति का भी गठन किया है, जो हर दिन बैठकें करके स्थानीय तैयारियों और निर्वाचन क्षेत्र विशेष के अंतर पर चर्चा करती है।

कोरोना, लॉकडाउन और पलायन पर घेरेबंदी
कांग्रेस बेरोजगारी, बढ़ते अपराध, महंगाई, छात्रों, नौजवानों और श्रमिकों का बिहार से पलायन के साथ ही मोदी-नीतीश सरकार के झूठे वादों और कोरोना, लॉकडाउन के साथ ही तीन कृषि कानून जैसे मुद्दों को उठाकर हवा बनाएगी। पार्टी ने स्टार प्रचारक नियुक्त कर दिए हैं उन्हें विरोधियों के घेरने के मुद्दे भी समझा दिए गए हैं।
दूसरे चरण में पार्टी का पहला फोकस जिताऊ सीटों पर है। इस चरण में कांग्रेस 24 सीटों पर चुनाव मैदान में होगी। जिनमें से पांच उसकी सिटिंग सीटें हैं। ये सीटें हैं बेतिया, कुशेश्वरस्थान, महाराजगंज, बेगूसराय और भागलपुर। इनके अलावा गोविंदगंज, फुलपरास, नालंदा, गोपालगंज, कुचायकोट, लालगंज, महाराजगंज, बेल्दौर, राजगीर, और बांकीपुर। पार्टी का दावा है कि इन सीटों पर वह पहले से ही बढ़त में है।

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